मध्य प्रदेश से मामा के जाते ही मोहन यादव सरकार ने बहनों के साथ यह क्या कर दिया?? प्रदेश के अनेकों बहने जानना चाहती है कि आखिर CM मोहन यादव ने ऐसा क्यों किया? दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं लाडली बहना योजना की आठवीं किस्त 1250 रुपए की CM मोहन यादव ने 1.29 करोड़ महिलाओं के अकाउंट में जारी कर दी है। शिवराज सिंह चौहान के राज में पहले 1.31 करोड़ लाडली बहनों को योजना का लाभ पहुंचाया जाता था, पर अब इन लाभार्थियों की संख्या को घटाकर 1.29 कर दिया गया है।
दरअसल लाडली बहना योजना के अंतर्गत पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज के राज तक कुल 1.32 करोड़ महिलाएं बिना किसी रूकावट के योजना का लाभ उठा रही थी, पर जैसे ही मध्य प्रदेश से मुख्यमंत्री पद से मामा हटे हैं प्रदेश की लाडली बहनों की संख्या भी घट गई। लाडली बहन योजना की आठवीं किस्त को जारी करने के दौरान यह मोहन यादव ने 2 लाख लाडली बहनों को योजना से बाहर कर दिया जिसका जवाब अब बहनें मोहन यादव सरकार से मांग रही हैं।
देश में इन दिनों राम नाम की सत्ता बहुत तेजी से बीजेपी को मुनाफा पहुंचा रही है, पर प्रदेश की लाडली बहने भी जानना चाहती है कि क्या राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव में मुनाफा प्राप्त करने के उद्देश्य से ही उनका उपयोग किया था? राज्य की 2 लाख बहनें मुख्यमंत्री मोहन यादव से लगातार यह सवाल कर रही है कि उनके साथ ऐसा क्यों किया गया? आखिर उनकी योजना के लाभ से वंचित क्यों रखा गया?
मामा के हटते ही बहनों की संख्या घटी
प्रदेश की लाखों लाडली बहनों का कहना है कि जब तक मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह की सत्ता थी तब तक सब कुछ ठीक था, पर जैसे ही मामा सत्ता से हटे हैं राज्य सरकार ने तुरंत ही महिलाओं को योजना के लाभ से वंचित कर दिया। पूर्व में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में 1.32 करोड़ महिलाओं को 1250 रूपये की सहायता राशि प्रदान की गई थी, लेकिन अब नहीं सरकार के बनने के बाद इस 1.32 करोड़ लाभार्थियों की संख्या को घटाकर 1.29 करोड़ कर दिया गया है।
2 लाख बहनें हुई योजना से बाहर
लाडली बहना योजना की आठवीं किस्त को जारी करने के दौरान यह जानकारी मिली कि 2 लाख बहनों को लाडली बहना योजना से बाहर कर दिया गया है। मीडिया द्वारा पड़ताल के दौरान सामने आया की, बहनों का कहना है उन्होंने योजना का फॉर्म भरा था पर उनको योजना का लाभ नहीं पहुंचाया गया और उनके आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया, जबकि वह गरीबी रेखा में आती है और मजबूरी करती है, साथ ही उनकी आयु 23 से 60 वर्ष के बीच है। कुल मिलाकर वह योजना की पात्रता में फिट बैठती है उसके बावजूद उन्हें योजना के लाभ से बाहर कर दिया गया है।
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लाडली बहना के कंधे पर बंदूक रखकर कांग्रेस साध रही निशाना
लाडली बहनों के योजना से बाहर करने के बाद अब उनके दर्द मोहन यादव सरकार तक नहीं पहुँच रहे पर विपक्ष बखूबी उनकी यह पीड़ा सुन रहा है और आनेको लाडली बहनों की तरफ से मोहन यादव सरकार से सवाल कर रहा है कि आखिर जब महिलाएं हर रूप से योजना की पात्र है तो फिर उनको योजना के लाभ से वंचित क्यों किया गया?
इसके साथ ही कांग्रेस ने दावा किया है कि राज्य सरकार जल्दी लाडली बहना योजना को बंद करेगी, हर कुछ समय में नियमों में बदलाव और पात्रता सूची से महिलाओं को अपात्र किया जाए।
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