Kahaniya In Hindi कबूतर और शिकारी की कहानी

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Let’s start the story Kahaniya In Hindi

 

गर्मी का मौसम था। पक्षी अपने घोसले में आराम कर रहे थे। एक नदी के किनारे पर बैठा एक कबूतर अपनी प्यास बुझा रहा था। तभी उसकी निगाह नदी में बहते हुए बड़ के एक पत्ते पर पड़ी उस पत्ते  पर एक चींटी बैठी हुई थी, वह चिट्ठी पते पर बैठी हुई पानी में झांक रही थी उसे पानी में अपनी मौत दिखाई दे रही थी, वह बहुत  डरी हुई थी, इधर उधर देख रही थी। तभी कबूतर की निगाह उस चिट्ठी पर पड़ी चींटी की यह  दशा देखकर कबूतर के मन में दया आ गई कबूतर ने फौरन उड़ कर उस बड़ के पत्ते को जिस पर चींटी बैठी हुई थी अपनी सोच में उठा लिया और जमीन पर जा कर रख दिया।

इस प्रकार बाहर आकर चींटी के प्राण बच गए वही अपनी जान बचाने वाले कबूतर को देख कर बहुत खुश हुई चींटी ने कबूतर का धन्यवाद किया और अपने बिल की और चली गई कुछ दिन बाद वही कबूतर पेड़ की शाखा पर बैठा आराम कर रहा था। वह चींटी भी अपने बिल से खाने की तलाश में निकली थी, अचानक चींटी की नजर एक शिकारी पर पड़ी वह शिकारी पेड़ की शाखा पर बैठे उस कबूतर का निशाना लगा रहा था चींटी उस कबूतर की भलाई को भूली ही नहीं थी इसलिए वह तेजी से गई और उस शिकारी के पैर पर चढ़ गई चींटी ने शिकारी के पैर पर इतनी जोर से काटा कि उसकी बंदूक का घोड़ा दबने पर निशाना चूक गया तभी वह कबूतर उस बंदूक की आवाज से उड़ गया इस तरह कबूतर की जान बच गई इस तरह उस चींटी ने अपनी जान बचाने वाले कबूतर की रक्षा करके उस कबूतर की भलाई का ऋण चुका दिया ।

शिक्षा :-  भला करने वाले का कभी बुरा नहीं होता है। 

 

ईश्वर जो करता है अच्छा ही करता है।

एक राजा था। उसके मंत्री को ईश्वर पर बहुत भरोसा था। वह हमेशा यही कहता था। कि ईश्वर जो करता है। अच्छा ही करता है, एक बार की बात है कि उस मंत्री का लड़का मर गया जब पड़ोस के लोग मंत्री के पास हमदर्दी दिखाने आए तो मंत्री ने कहां ईश्वर जो करता है अच्छा ही करता है लोग बहुत हैरान हुए फिर कुछ दिन बाद राजा की उंगली चाकू से कट गई तब मंत्री ने इस पर यही कहा कि ईश्वर जो करता है अच्छा ही करता है।

इस बात को राजा बार-बार सुनकर मंत्री से नाराज हो गया और उसे अपने महल से निकाल दिया राजा ने उस बात को भुलाकर मंत्री को वापस बुलाया और उसे अपने साथ जंगल में शिकार खेलने के लिए ले गया जंगल में राजा और मंत्री को अकेले देखकर डाकुओं ने उन्हें घेर लिया और देवी की बलि चढ़ाने के लिए ले गए बलि चढ़ाने से पहले दोनों की पूरी तलाशी की तो पता चला कि मंत्री का तो पुत्र नहीं है और राजा के सभी अंग पूरे नहीं है अर्थात उसकी उंगली कटी हुई है इस बात को जानकर उन्होंने कहां की देवी पुत्रहिन और अंगहिना की बलि नहीं लेती है तब राजा ने मान लिया कि मंत्री ने जो कहा था कि ईश्वर जो करता है अच्छा ही करता है बिल्कुल ठीक है और फिर तब से राजा मंत्री से कभी नाराज नहीं हुआ।

शिक्षा :- ईश्वर पर भरोसा रखने वाले व्यक्ति पर किसी प्रकार का संकट नहीं आता है।

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Author

  • Princi Soni

    I have been writing for the Apna Kal for a few years now and I love it! My content has been Also published in leading newspapers and magazines.

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