farmer of india भारत का किसान
किसान :- अन्यदाता कहे जाने वाले भगवान को किसान कहा जाता है। किसान बहुत ही गरीब और निर्धन होता है। किसान मौसम के हर पड़ाव को सह कर भी अन्य उगता है। किसान फसल को उगने के लिए खून पसीने से अपने खेतों को सींचता है। किसान भूखे रहकर भी हमारा पेट भरने के लिए दिन रात खेतो में काम करता है। इसके लिए हम किसान का दिल से सम्मान करते है ।
किसान के जीवन का रूप रेखा
भारतीय किसान
किसान का जीवन
किसानों की स्थिति
किसान का योगदान
किसान का मुख्य समस्या
किसान के समस्या का उपाय
भारतीय किसान :- भारत एक कृषि प्रधान देश है देश की आबादी का 70 % लोग आज भी गांव में रहता है। गांव में रहने वाले लोगो का जीविका का साधन कृषि है देश की आबादी का 49% लोग जीविका चलने के लिए कृषि पर निर्भर रहता है
आज भी किसान का एक बहुत बड़ी आबादी गरीबी रेखा के निचे है जो सिर्फ दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे है दिन रात अपने खेतो में खून पसीना बहाने के वाबजूद भी वो गरीब और निर्धन है
किसानों की स्थिति
farmer of india भारत का किसान
आज भी किसान अपने बच्चों को शिक्षा जैसे मुलभुत सुविधा तक नहीं दे पता है ज्यादातर किसान के बच्चे जैसे तैसे कर के सरकारी स्कुल के माध्यम से दसवीं तक का शिक्षा हासिल करते है और फिर अपने पिता के साथ खेतों में लग जाता है या फिर घर की हालत सही नहीं रहने की वजह से मजदूरी करने के लिए घर से बहार निकल जाता है क्योकि ज्यादातर किसान छोटे और निम्ण वर्ग के है
किसान का हमेशा से शोषण होता आया है आज के आधुनिक समय में भी बहुत सरे किसान को भगवान के भरोसे खेती करना परता है मानसून का सही समय पर नहीं आने की वजह से कभी बाढ़ तो कभी सुखार की समस्या बनी रहती है ऐसे इस्थिति में जितना वो लागत लगाता है उनसे अधिक उन पर कर्ज हो जाता है
किसान को आज भी लोग किस्मत का मारा कहते है क्यों की आज भी बहुत सी किसान भाई के पास उनकी मुलभुत खेती के लिए संतोष जनक साधन नहीं है कही बिजली की सुविधा नहीं है तो कही कही खेतो के लिए पानी की समस्या है
farmer of india भारत का किसान
किसान का जीवन :- किसान का जीवन कई कठनाइयों से भरा होता है पूरा जीवन खेतों में संघर्ष करता है। कभी तपती धुप में तो कभी शरद ऋतू की कराके की ठण्ड में , कभी भीषण गर्मी में इस प्रकार वो अपना पूरा जीवन परिवार के बेहतर भविष्य के लिए संघर्ष में लगा देता है फिर भी वो गरीब और निर्धन रह जाता है। कई कारन है जिसकी वजह से आज भी हमारा किसान पिछड़ा हुवा है
1 किसान के पास खेती के लिए पूंजी का अभाव
2 खेती के लिए सिचाई जैसे मुलभुत सुविधा का कमी
3 आधुनिक तरीके से खेती नहीं कर पाना
5 सरकारी योजना का लाभ किसान तक नहीं पहुँचना
6 किसान को उनका फसल का उचित मूल्य का न मिलाना इस प्रकार कई समस्याए है जिसकी वजह से बहुत से किसान आज भी गरीबी रेखा के निचे है
किसान का योगदान
औद्योगिक क्षेत्र में कृषि का योगदान :- आज कृषि का योगदान औद्योगिक क्षेत्र में सिर्फ कच्चे माल तक सिमित नहीं है बल्कि बाजारों में भी इसका एक महत्वपूर्ण योगदान देखने को मिलता है
अर्थव्यस्था में कृषि का योगदान :- हमारी अर्थव्यथा में हमेशा से कृषि का एक महत्वपूर्ण योगदान रहा है देश में आजादी के बाद प्रथम पंचवर्षी योजना कृषि की उच्च प्राथिमिकता के लिए ही बनाया गया था
farmer of india भारत का किसान
किसान का मुख्य समस्या
सिचाई :- देश के ज्यादातर हिस्से में आज भी सिचाई की साधन का कमी है पुरे देश में मात्र 4 ऐसे राज्य है जहा सिचाई का स्तर ठीक है पंजाब , हरियाणा , तमिलनाडु और उत्तरप्रदेश
मिटटी में पोषक तत्त्व की कमी :-देश के अधिकांश भागो में मिटटी में बोरोन , जिंक , ताँबा , लोहा आदि धातु का कमी है जिसकी वजह से फसल का उपज घट रहा है
रासायनिक खेती :- रासायनिक खेती का किसान के जीवन पर बहुत ही व्यापक प्रभाव परा है आज रासायनिक खेती की वजह से बहुत से किसान की भूमि बंजर हो चूका है। केचुवा जैसे जीव जिसे किसानों का मित्र कहा जाता है जो मिटटी को उपजाऊ बनाता है आज रासायनिक का अत्यधिक प्रयोग की वजह से समाप्त हो चूका है
जानकारी का अभाव :- आज भी हमारे देश के किसान भाई का एक बहुत बड़ा अबादी जानकारी के अभाव की वजह से आधुनिक तरीके से खेती नहीं कर पा रहे है जैसे :- मिटटी का जाँच कराना , उच्च कोटि का बीज बोना , खेती में लगत कम करने के लिए नयी तकनीक अपनाना आदि।
सरकारी योजना :- वैसे तो देश की आजादी के बाद से ही किसान की स्थिति को बेहतर करने के लिए न जाने कितने योजना बनाये जा चुके है फिर भी किसान की स्थिति में कुछ खास बदलाव नहीं हुवा है। आज भी सरकारी योजना का लाभ बहुत कम किसान तक पहुँच पाता है। इसका कारन है सिर्फ योजना बना कर छोर देना
सरकार को भी किसान के हित में एक कारगर कदम उठाने की आवश्कता है ताकि सरकारी योजना का लाभ हर छोटे बड़े किसानो तक पहुँचग सके
शिक्षा :– किसान के जीवन में शिक्षा के अभाव का भी व्यापक प्रभाव परा है। देश में आजादी के बाद से किसान की तरक्की का रप्तार बहुत धीमी रहा है इसका एक कारन शिक्षा भी है। देश के अंदर बहुत से शिक्षित किसान अपने ज्ञान और नयी तकनीक के दम पर बहुत तरक्की हासिल किया है
farmer of india भारत का किसान
किसान के समस्या का उपाय
सबसे पहले किसान की समस्या को सुना जाना चाहिए। फिर उस समस्या के निवारण के लिए एक प्रभावशाली कदम उठाया जाना चाहिए
खेती के लिए रसायन उर्वरक पर निर्भरता कम करनी चाहिए
खेतो में पोषक तत्त्व की कमी को दूर करने के लिए जैविक खेती अपनाया जाना चाहिए
खेती के लिए सिचाई की कमी को दूर करने के लिए एक प्रभावशाली कदम उठाया जाना चाहिए
बेहतर उपज के लिए उच्च कोटि की बीज उचित कीमत पर किसानों तक पहुँचाया जाया जाना चाहिए
खेतों में पोषक तत्त्व की कमी को दूर करने के लिए समय समय पर मिट्टी की जाँच की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए
फसल का बेहतर मूल्य मिलना चाहिए।
i hope guys you love this article
इसे भी पढ़े
ancient history of india in hindi प्राचीन भारत के बारे में हिंदी में जाने |
mahatma gandhi in hindi जानिए बापू गाँधी के बारे में |
speech on republic day in hindi 26 जनवरी पर हिंदी में भाषण |
pollution essay in hindi प्रदूषण पर हिंदी में निबंध |