about mother teresa in hindi
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मदर टेरेसा की जीवन की रूप रेखा
परिचय
मदर टेरेसा का जीवन
मदर टेरेसा का कार्य
मदर टेरेसा का उपलब्धि
परिचय
मदर टेरेसा :- मदर टेरेसा जिसका जन्म सन 27 अगस्त 1910 को हुवा था। 18 वर्ष की उम्र में ही भारत आ गई थी। 1948 में ही इसने भारत की नागरिकता प्राप्त कर लिया था उन्होने अपना पूरा जीवन गरीब, लाचार, बेवस बच्चों की देख भाल में समर्पीत कर दिया। 20 वीं सदी में जन्मी यह महिला ने दुनिया को दया,करुणा ,प्रेम और मानवता का सही परिभाषा सिखाया। मदर टेरेसा ने यह साबित कर दिया की दिल में अगर प्रेम और निष्ठा की सच्ची भावना हो तो हम मानवता की एक बहुत बरी आबादी को अपने गले लगाकर उसकी जीवन में खुशियो का बीज बो सकते है जो आज भी लाचार और बेवस है
मदर टेरेसा का जीवन
मदर टेरेसा :- अल्बानिया की यह महिला ने लोगों की सेवा करने के लिए भारत को अपना घर बना लिया। मदर टेरेसा,भारत सर्वप्रथम बंगाल क्रिश्चियन मिशन के माध्यम से लोरेटो कन्वेंट में पढ़ाने के लिए भारत आयी थी । वह यहाँ पर 17 साल तक शिक्षिका रहीं। एक दिन जब वह बाहर निकली तो उनका नजर कोलकत्ता के एक गन्दी बस्ती पर परा जब वो गन्दी बस्ती में रहने वाले लोगो से मिला तो उनका हिर्दय करुणा और दया से भरगया। क्योकि वहाँ के लोगो की स्थिति काफी दयनीय था। तभी उसने गरीब और असहाय लोगो का सेवा करने का फैसला लिया था।
मदर टेरेसा का कार्य
मदर टेरेसा :- मदर टरेसा ने सन 1946 में जब पहली बार लोगो का सेवा करने का काम शुरू किया था। तब उनके पास मात्र 5 रुपय था। उसने गन्दी बस्ती में रहकर ही वहाँ पर गरीब, अनाथ , और असहाय बच्चों को शिक्षा जैसे मुलभुत चीजों चीजों से रुबरु कराया और फिर वहाँ पर विद्यालय भी बनवाया। मदर टेरेसा वहाँ के लोगों के लिए एक देवी के रूप में प्रकट हुई थी
वर्ष 1950 में उन्होंने क्रिश्चन संस्था प्रारंभ किया जिसके अन्तर्गत ठुकराए , विस्मृत , तथा उपेक्षित लोगों का देखभाल किया जाता था जिसके लिए उहोंने कई लड़कियों को नियुक्त किया। वर्ष 1952 में कलकत्ता म्युनिसिपल कार्पोरेशन ने उन्हें काली मंदिर के नजदीक एक धर्मशाला उपलब्ध कराया था , कुष्ट रोगी के देखभाल के लिए उन्होंने कुष्ट केंद्र बनवाया , विकलांक बच्चों की देखभाल के लिए अनेक शिशु भवन का निर्माण करवाया। उन्होंने लोगों को ये अहसास दिला दिया की बीमार , बूढ़े , भूखे और उपेक्षित लो उनके भाई बहन है
ऐसा मन जाता है की जब भी सेवा सदन में कोई चीज का कमी होता था तो कोई आता और फिर दे जाता था
आज भी मदर टेरेसा द्वारा बनाया गया सभी संस्था में 4:30 प्रार्थना, साधना शुरू हो जाती है कपड़ा धोना , झाड़ू लगाना जैसे सभी कार्य नाश्ता करने से पहले हो जाता है। उसके बाद सेविका चिकित्सालय , शिशु और कुष्ट जैसे केंद्रों में सेवा शुरू कराती है
about mother teresa in hindi
मदर टेरेसा का कार्य :- मदर टेरेसा ने दुनियाँ के कई हिस्सों में दया और करुणा का सन्देश फैलाया। कुष्ट रोगी के लिए 58 से अधिक केंद्र का निर्माण करवाया जो की दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फैला हुवा है बच्चों के लिए 70 से अधिक विद्यालय बनवाया है। 258 से अधिक चिकित्सालय का निर्माण कराया जो की भारत के कई महत्वपूर्ण शहरों में फैला हुवा है
मदर टेरेसा :- मदर टेरेसा का कार्य अद्वितीय है। आज तक किसी भी महिला ने अनाथो की इतनी सेवा नहीं की होगी। मदर टेरेसा ने अपना पूरा जीवन सच्ची श्रद्धा और निष्ठा के साथ अनाथ और बेसहारा लोगो की सेवा की। सरकार ने भी मदर टेरेसा के लिए हवाई यात्रा से लेकर ट्रैन की यात्रा तक का टिकट निशुल्क कर दिया था। मदर टेरेसा को कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मदर टेरेसा अपना पुरुस्कृत धन राशि गरीब , कुष्ट रोगियों , अनाथों, बीमारों और विकलांगों पर खर्च कर दिया।
मदर टेरेसा को कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया है
मदर टेरेसा का उपलब्धि
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मदर टेरेसा को भारत के राष्टपति द्वारा सन 1962 में पदमश्री पुरस्कार और सन 1980 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था और 1980 में ही मैग्सेसे पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। पोप जॉन तेइसवें ने भी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। और फिर वर्ष 1979 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। भले ही मदर टेरेसा जीवन साधारण हो पर इस देवी का कार्य असाधारण है। मानवता के सेवा के लिए किया गया इनका समर्पण हमारे लिए प्रेरणा की एक महान गाथा है
मदर टेरेसा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बाते
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मदर टेरेसा का जन्म 27 अगस्त 1910 को हुवा था
मदर टेरेसा भारत 18 वर्ष की आयु में बंगाल क्रिश्चियन मिशन के माध्यम से लोरेटो कन्वेंट में पढ़ाने के लिए भारत आयी थी
मदर टेरेसा ने अपना पूरा जीवन सच्ची श्रद्धा और निष्ठा के साथ अनाथ और बेसहारा लोगो की सेवा की
मदर टेरेसा एक कैथेलिक नन थी
मदर टेरेसा ने दुनियाँ को यह साबित कर दिया की निर्बल और असहाय लोगों की मदद करने के लिए जल की भांति निर्मल मन और सच्ची निष्ठा की जरुरत होती है
मदर टेरेसा ने अपने साधारण जीवन में बहुत सी असाधारण कार्य किया
मदर टेरेसा अल्बीनिया की रहने वाली थी लेकिन उसने लोगों की सेवा करने के लिए भारत को अपना घर बना लिया
मदर टेरेसा ने अपने जीवनकाल में अनेकों जन केन्द्र का स्थापना किया था। बच्चों के लिए स्कुल , बीमार के लिए अस्पताल और अनाथ के लिए अनाथ आलय बनवाया था
देश की राष्टपति द्वारा देवी रूपी मदर टेरेसा को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था
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