केंद्र सरकार की ओर से 19 सितंबर 2023 को नए संसद भवन में पहला विधेयक महिला आरक्षण बिल पेश किया गया जिसमें महिलाओं को लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण देने की बात कही गई। क्योंकि मौजूदा समय में पंचायतों और नगर पालिकाओं में 15 लाख से ज्यादा चुनी हुई महिला प्रतिनिधि हैं, जो 40 फीसदी के आसपास होता है। वहीं, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं की उपस्थिति काफी कम है।
आपको बता दें कि महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने वाला महिला आरक्षण बिल लोकसभा और विधानसभाओं में साल 1996 में पहली बार संसद में पेश किया गया था। इसके बाद इसे साल 1998 और 1999 में भी पेश किया गया, फिर 2008 में भी महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया, फिर 2010 में राज्यसभा ने 108वें संशोधन विधेयक के तौर पर इसे पास कर दिया। लेकिन उस समय भी कुछ सांसदों के विरोध के चलते ये बिल लोकसभा में पारित नहीं हो पाया।
परन्तु इस बार प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में महिला आरक्षण बिल पर सभी दल एक साथ नजर आ रहे हैं। ऐसे में इस बिल के आसानी से दोनों सदनों से पास होने की उम्मीद है। इस बिल के कानून बनने के बाद महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं की 33 फीसदी सीटों पर आरक्षण मिल जायगा।
महिला आरक्षण बिल क्या है
महिला आरक्षण बिल भारत का एक संविधान संशोधन विधेयक है। इस बिल के जरिये लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं भारतीय महिलाओं को 33% आरक्षण देने की बात कही गई है। महिला आरक्षण बिल को पहली बार 1996 में पेश किया गया था, लेकिन तब से लेकर अब तक किसी न किसी राजनीतिक समस्या की वजह से इसे पारित नहीं किया जा सका। इस बिल के पारित होते ही आरक्षित सीटों के लिए महिला उम्मीदवारों को किसी भी राजनीतिक दल से चुनाव लड़ने की इजाजत मिलेगी।
महिला आरक्षण बिल में 33% कोटा के भीतर एससी, एसटी और एंग्लो-इंडियन के लिए उप-आरक्षण का प्रस्ताव भी है। आरक्षित सीटें राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में रोटेशन के जरिए आवंटित की जा सकती हैं।
कब से लागू होगा महिला आरक्षण बिल
महिला आरक्षण बिल अगर अभी लोकसभा में पारित हो भी जाता है तो इसे लोकसभा चुनाव 2024 में लागू करना बहुत मुश्किल है क्योंकि किसी भी पारित होने के बाद कम से कम 50 फीसदी विधानसभाओं से पारित कराना होता है उसके 2 साल बाद पारित किये गए बिल का परिसीमन का काम भी होता है और देखा जाय तो कानून बनने पर भी महिला आरक्षण विधेयक परिसीमन के बाद ही लागू किया जा सकेगा ऐसे में महिला आरक्षण लोकसभा चुनाव 2029 में लागू हो सकता है।
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