मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में साल 2028 में होने वाले सिंहस्थ कुंभ के लिए राज्य सरकार ने अभी से कमर कस ली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन रेलवे स्टेशन को ‘वर्ल्ड क्लास’ बनाने और रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए ₹2836 करोड़ के विशाल प्रोजेक्ट्स की घोषणा की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सिंहस्थ के दौरान आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को सुगम और आधुनिक यात्रा अनुभव प्रदान करना है। रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के साथ-साथ उज्जैन-आगर-झालावाड़ रेल लाइन के दोहरीकरण और सौंदर्यीकरण पर भी जोर दिया जाएगा, ताकि उज्जैन को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान मिल सके।
उज्जैन रेलवे स्टेशन का कायाकल्प: क्या होगा खास?
प्रस्तावित मास्टर प्लान के तहत उज्जैन जंक्शन को एक आधुनिक ट्रांसपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
आधुनिक सुविधाएं: स्टेशन पर मल्टी-लेवल पार्किंग, एस्केलेटर, लिफ्ट और विशाल वेटिंग लाउंज बनाए जाएंगे।
रोपवे कनेक्टिविटी: रेलवे स्टेशन से सीधे महाकालेश्वर मंदिर तक ₹199 करोड़ की लागत से रोपवे का निर्माण किया जाएगा, जिससे भक्त बिना ट्रैफिक में फंसे सीधे मंदिर पहुँच सकेंगे।
सैटेलाइट स्टेशन्स का विकास: मुख्य स्टेशन पर भीड़ कम करने के लिए पवांसा और चिंतामन जैसे इलाकों में सैटेलाइट स्टेशन्स विकसित किए जाएंगे।
AI तकनीक का उपयोग: भीड़ प्रबंधन (Crowd Management) के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सिस्टम लगाए जाएंगे।
वंदे मेट्रो और रेल कनेक्टिविटी का विस्तार
मुख्यमंत्री ने उज्जैन के विकास को केवल एक स्टेशन तक सीमित नहीं रखा है, बल्कि पूरे क्षेत्र की कनेक्टिविटी को अपग्रेड करने का निर्णय लिया है।
वंदे मेट्रो: इंदौर और उज्जैन के बीच ‘वंदे मेट्रो’ चलाने की योजना है, जिससे दोनों शहरों के बीच का सफर बेहद कम समय में तय होगा।
रेल लाइन अपग्रेडेशन: उज्जैन-आगर-झालावाड़ सेक्शन का दोहरीकरण किया जाएगा, जिससे मालवा और राजस्थान के बीच रेल यातायात सुगम होगा।
ब्रिज निर्माण: सिंहस्थ क्षेत्र में यातायात के दबाव को कम करने के लिए रेलवे ओवरब्रिज (ROB) और अंडरपास की श्रृंखला तैयार की जा रही है।
आम आदमी और स्थानीय व्यापार पर असर
इस मेगा प्रोजेक्ट का सीधा लाभ उज्जैन के निवासियों और यहाँ के पर्यटन उद्योग को मिलेगा।
पर्यटन में उछाल: विश्व स्तरीय सुविधाओं के कारण साल भर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी, जिससे होटल, परिवहन और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
रोजगार के अवसर: निर्माण कार्य और भविष्य में बढ़ने वाले पर्यटन से हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।
प्रॉपर्टी की वैल्यू: रेलवे स्टेशन के आसपास और रेल कॉरिडोर में रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ी तेजी आने की संभावना है।
FAQ: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. उज्जैन रेलवे स्टेशन के विकास पर कितना खर्च किया जा रहा है? उत्तर: सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए रेलवे स्टेशन और संबंधित रेल लाइनों के अपग्रेडेशन पर कुल ₹2836 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं।
Q2. क्या रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक कोई विशेष सुविधा मिलेगी? उत्तर: हाँ, रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक पहुँचने के लिए एक आधुनिक रोपवे (Ropeway) का निर्माण किया जा रहा है, जो यात्रियों के समय की बचत करेगा।
Q3. सिंहस्थ 2028 के लिए अन्य कौन से स्टेशनों को तैयार किया जा रहा है? उत्तर: मुख्य स्टेशन के अलावा विक्रम नगर, चिंतामन, और पवांसा स्टेशनों को भी विकसित किया जा रहा है ताकि भारी भीड़ को संभाला जा सके।
निष्कर्ष (Conclusion)
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह कदम उज्जैन को केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि एक आधुनिक बुनियादी ढांचे वाला शहर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। सिंहस्थ 2028 के लिए समय से पहले शुरू हुई ये तैयारियां दर्शाती हैं कि सरकार का विजन उज्जैन को वैश्विक स्तर का ‘स्मार्ट धार्मिक शहर’ बनाना है। इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होने के बाद उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं को एयरपोर्ट जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।









