MP News: मध्यप्रदेश में सिया वक्फ बोर्ड से जुड़ा विवाद अब सिर्फ धार्मिक या ज़मीनी मुद्दा नहीं रहा यह अब सीधे-सीधे प्रशासनिक कार्रवाई की ओर बढ़ चुका है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दो वरिष्ठ IAS अधिकारियों, डॉ. नवनीत मोहन कोठारी और उमा माहेश्वरी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।
हमें मिली जानकारी के अनुसार बीते कई महीनों से सिया बोर्ड की कार्यशैली, जमीन विवाद और नियमों के उल्लंघन को लेकर कई शिकायतें सरकार को मिल रही थीं। जिसके चलते सिया वक्फ बोर्ड से जुड़े मामलों में नियमों की अनदेखी, भूमि प्रबंधन में अनियमितता और शिकायतों के बाद भी निष्क्रियता के कारण यह कदम उठाया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए जहां सिया वक्फ बोर्ड से जुड़े विवाद पर विस्तार से चर्चा की गई। उनके साथ बैठक में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद नजर आए। मुख्यमंत्री के सामने फाइलों का ढेर यह बताने के लिए काफी है कि सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर गहराई से निगरानी कर रही है।
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भोपाल स्थित सिया वक्फ बोर्ड की वह जमीन जो कई वर्षों से विवाद का केंद्र बनी हुई है। स्थानीय लोग इस बात की गवाही देते हैं कि इस संपत्ति को लेकर प्रशासन और स्थानीय समाज के बीच विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। यह वही जमीन है जिसे लेकर शिकायतों का सिलसिला सरकार तक पहुंचा और अब जिसके चलते दो वरिष्ठ IAS अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।
प्रशासन में मचा हड़कंप
दो बड़े अधिकारियों को एक साथ हटाया जाना किसी मामूली कार्रवाई का हिस्सा नहीं माना जा रहा। राज्य प्रशासन में यह कदम नई मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है। सूत्रों की मानें तो सरकार अब बाकी विवादित बोर्ड्स और निकायों पर भी इसी तरह की कड़ी नजर बनाए हुए है। अब देखना यह है कि इस कार्रवाई के बाद सिया वक्फ बोर्ड की कार्यशैली में बदलाव आता है या नहीं और सरकार आने वाले दिनों में क्या फैसला लेती है।
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