मध्यप्रदेश सरकार की ‘लाड़ली बहना योजना’ प्रदेश की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है पिछले 20 महीने से लगातार हर महीने 1250 रुपए की राशि महिलाओं के खाते में ट्रांसफर कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त किया जा रहा है और अब कुछ ही दिनों में लाड़ली बहनों के खाते में स्कीम की 21वीं किस्त आने वाली है। लेकिन खुशखबरी देने वाली ‘लाड़ली बहना योजना’ ने प्रदेश की कई बहनों को बड़ा झटका दे दिया है हमें मिली जानकरी के अनुसार पिछले कुछ समय में हजारों महिलाओं के नाम योजना से काट दिए गए हैं जिसमें जनवरी में 3 हजार 576 महिलाओं को स्कीम से बाहर कर दिया गया।
महिलाओं के नाम काटने की यह है असली वजह
हमें मिली जानकारी और आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जनवरी महीने में लगभग 3,576 महिलाओं को योजना से बाहर कर दिया गया है यह निर्णय उन लाभार्थियों पर लागू किया गया है, जो योजना की पात्रता एवं शर्तों को पूरा नहीं कर रही थीं जैसे बहुत से महिलाओं की उम्र 60 साल के ऊपर हो गयी थी जिसमे बहुत से आधार कार्ड में महिलाओं की उम्र एक जनवरी है इस कारण जनवरी में 60 साल की उम्र से ऊपर होने पर कई महिलाओं के नाम योजना से काट दिए गए हैं। इस वजह से इन लाड़ली बहनों के खाते में योजना के पैसे ट्रांसफर नहीं हुए।
इन महिलाओं का तुरंत काटा जा रहा है नाम
आपको बता दें कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि केवल योग्य महिलाओं को ही योजना का लाभ मिले, इसके लिए हर महीने लाभार्थियों की सूची का पुनः सत्यापन किया जाता है।
लाड़ली बहना योजना के तहत तो सबसे पहले अविवाहित महिलाएं लाड़ली बहना योजना का लाभ नहीं ले सकती, जिन महिलाओं की उम्र 60 वर्ष की आयु से ज्यादा होती जा रही है उन महिलाओं का नाम काटा जा रहा है उसके बाद उन महिलाओं को इस योजना का कोई लाभ नहीं मिलेगा जिनके परिवार की सालाना कमाई 2.5 लाख से अधिक है, उनका भी नाम काटा जा रहा है इसके अलावा ऐसी महिलाएं जिनके कोई सदस्य यदि सरकारी पद का लाभ ले रहा है, तो उनका नाम लाड़ली बहना योजना से काटा जा रहा है।
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इसके अलावा ऐसी महिलाएं जो मध्यप्रदेश का मूल निवासी हैं, विवाहित, विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता और 21 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुकी महिलाएं इन सभी को अभी भी लाड़ली बहना योजना का निरंतर लाभ मिल रहा है।