Short Moral Stories In Hindi अकबर, बीरबल की कहानियां

                                               Short Moral Stories In Hindi

short-moral-stories-in-hindi

 Let’s start the topic Short Moral Stories In Hindi

अकबर और बीरबल की कहानिया short moral stories in hindi 

अकबर और बीरबल की किस्से आप भी कभी न कभी सुने होंगे । बीरबल अकबर के दरबार में उनके नौरत्नों  में से एक था । बीरबल बहुत ही चतुर और बुद्धिमान था । जिसके वजह से अकबर के दरबारी नौरत्नों में सबसे प्रिये बीरबल ही था जिनके बारे में हजारो किस्से मशहूर है । बीरबल को अक्सर दरबार में जब भी कोई कठिन मशला आता था तो फिर बीरबल को ही मशला को सुलझाने के लिए दिया जाता था । 

आईये कुछ कहानियों का लुप्त उठाते है । 

अकबर और बीरबल की कहानिया short moral stories in hindi 

हिंदी कहानिया  :- 1

आम की कहानिया 

एक बार की बात है राजा अकबर और बीरबल  बैठ कर खाना खा रहा था। और रानी अपने हाथों से दोनों को खाना खिला रहा था।  तभी अकबर के दिमाग में एक बात आयी क्यों न आज बीरबल को रानी के सामने  बेवकूफ बनाया जाय। 

अकबर :- अकबर आम खा रहा था और आम का छिलका और गिठली बीरबल के बगल में रखते जा रहा था।  

बीरबल :- बीरबल भी आम का छिलका और गिठली उसी ढ़ेर में रखते जा रहा था। 

थोड़ी देर के बाद अकबर बोल उठा 

अकबर :– अकबर अपनी रानी बेगम से कहता है।  रानी बेगम आपको पता है आज कल  न बीरबल बहुत पेटू हो गया है। 

रानी साहिबा :– रानी साहिबा बीरबल और देखते हुवे बोली  वो कैसे ?

अकबर :- अकबर कहता है बीरबल को देखो कितना खाता है।  आम का छिलका और गुठली का अपने थाली के आगे कितना ढेर लगा लिया है 

रानी साहिबा :- रानी साहिबा इस बात को सुनकर हँसने लगी। 

बीरबल :- बीरबल समझ गया की अकबर हमें रानी साहिबा के सामने  बेवकूफ बनाना चाहता है।  और फिर थोड़ी देर बाद बीरबल बोल उठे। 

बीरबल :- रानी साहिबा हम तो पेटू है ही लेकिन राजा सहाब  कितना बड़ा पेटू है।  हम तो कम से कम आम का छिलका और गुठली तो नहीं खा रहे है लेकिन राजा साहब तो छिलका और गुठली  दोनों खा ले रहे है 

अकबर समझ गया की बीरबल सुधारने वाला नहीं है   

अकबर और बीरबल की कहानियाँ    short moral stories in hindi 

हिंदी कहानियाँ :– 2 

    समझ बुझ का कहानिया 

एक बार की बात है अकबर और बीरबल कही जा रहा था।  जैसे ही वो जंगल के नजदीक गया तो बीरबल नजर एक तुलसी के पौधा पर परा।  और फिर बीरबल बोल उठा राजा साहब थोड़ा रुकिए हम थोड़ा तुलसी माता को प्रणाम कर के आता हूँ।  यह कह कर बीरबल चल दिये 

बीरबल :- और फिर बीरबल गया और तुलसी के पौधे को प्रणाम कर के वापस आ गया।  जैसे वो अकबर के समक्ष  गया।  अकबर ने पूछा तुम उस पौधे को क्यों प्रणाम कर रहे हो। 

बीरबल :– बीरबल ने कहा वो मेरी माँ है 

अकबर :- अकबर को यह बात सुनकर गुस्सा आ गया।  और वो फिर  कहने लगा की जंगल का पौधा कैसे किसी का माँ हो सकता है।  और वो गया और तुलसी का पौधा को उखाड़ कर फेंक दिया।  

बीरबल :- बीरबल समझ गया की राजा साझाब को अहंकार हो गया।  और फिर वो चुप चाप राजा के साथ चलने लगा।  जैसे ही थोड़ा दूर गया उसका नजर एक काछ का पौधा पर पारा।  बीरबल तुलसी के महत्तव को समझाने के लिए बीरबल ने राजा साहब से एक निवेदन किया की आप थोड़ा देर के लिए यहाँ पर रुकिए मै अपने पिताजी का दर्शन करके आता हूँ 

बीरबल :- बीरबल थोड़ा दूर गया और और काछ के पौधे को प्रणाम कर के वापस आ गया 

अकबर :– अकबर ने फिर बीरबल से पूछा ये कौन था 

बीरबल :- बीरबल ने कहा ये मेरा पिताजी है 

अकबर:- ये बात को सुनकर अकबर को फिर गुस्सा आ गया और वो गया और काछ के पौधा को नोच कर  उखारने लगा फिर क्या ? राजा साहब का पूरा शरीर में काछ का छोटा छोटा काटा चिपक गया और फिर पूरा शरीर खुजलाने लगा।  

अकबर:– अकबर थोड़ा ही देर में बेचैन हो गया। और फिर  बीरबल से कहने लगा। बीरबल कोई उपाय बताओ मेरे पूरा शरीर खुजला रहा है। 

बीरबल :- बीरबल ने कहा  आप ने तुलसी माता को नुकसान पहुँचाया है इस लिए पिता जी गुस्सा हो गया है।  

अकबर :- अकबर अरे यार अजीब है ये जंगली  माता पिता तुम्हारा अब मै क्या करू तुम ही जल्दी बताओ 

बीरबल :– बीरबल ने कहा अब आपको तुलसी माता से माफी माँगनी होगी तभी आपका खुजली शांत होगी  इसके लिए पहले आपको नदी में स्नान करके आपने जहाँ से तुलसी का पौधा उखारा था।  वही पर आपको फिर से लगाना होगा। 

अकबर :– और फिर अकबर ने बीरबल की बात मान गया।  

अकबर और बीरबल की कहानिया  short moral stories in hindi 

हिंदी कहानियां :- 3 

                      पतीले का बच्चा 

एक बार की बात है एक बर्तनों के व्यापारी के बारे में अकबर बादशाह  को काफी शिकायत मिली। शिकतायत यह थी की वह लालची था , लोगों को ठगता था।  मगर ठगी साबित नहीं होती थी।  बादशाह ने बीरबल से कहा की जाकर उसे सबक सिखाओ।  

बीरबल ने दुकानदार के पास जाकर तीन किराये के पतीले लिए और जब वापस करने गये  तो पतीलों के साथ एक छोटी पतीली भी ले गए।  

दुकानदार से कहा :– ये आपके बारे पतीले ने बच्चा दिया है , कृपया इस पतीली को भी साथ लें।  

दुकानदार बहुत खुश हुवा और पतीली ले लिया। 

कुछ दिन बाद बीरबल , एक पतीला किश्तों पर ले आये।  अगले दिन जाकर अफसोस से कहा – आपके पतीले की मृत्यु हो गयी। 

दुकानदार :– क्या ? यह क्या कह रहे हो – भला पतीले के मृत्यु कैसे हो सकता है? 

बीरबल :- क्यों नहीं हो सकता है ? लोगों को जमा करके किस्सा सुनते हुवे बीरबल ने कहा :- जब पतीला बच्चा दे सकता है तो क्या उसकी मृत्यु क्यों नहीं हो सकती है 

फिर क्या ? दुकानदार को सबक मिल गया।  

अकबर और बीरबल की कहानिया  short moral stories in hindi 

कहानियां :- 4 

                         गर्दन टेढ़ी क्यों ? 

एक बार की बात है एक अवसर पर अकबर , बीरबल की हाजरी जवाबी से खुश होकर उन्हें जागीर देने का वायदा कर बैठे  थे वादा तो कर लिया पर जागीर देने का बात भूल गया।  राज – काज में व्यस्त होने के कारन काफी समय बीत गया।  तब भी बादशाह को अपना वायदा याद  न आया।  बीरबल प्रतीक्षा में थे की कोई उचित अवसर हाथ लगे तो बादशाह को उनके वायदे की बात याद दियायेगे। 

ऐसा अवसर उस दिन हाथ आ गया जब बादशाह , बीरबल के साथ सुबह – सुबह  घोड़े पर सवारी करके हवाखाने को निकले।  काफी दूर निकल जाने के बाद बादशाह को एक ऊंट नजर आया।  – जो गर्दन उठाए अपनी रह चला जा रहा था।  बादशाह ने मजाक में बीरबल से पूछ लिया :- ऊंट का गर्दन टेढ़ी क्यों है ? 

बीरबल ने झट से कहा :- जहांपनाह इसने भी किसी को जागीर देने का वायदा किया होगा और अब नजरे  बचाये गर्दन टेढ़ी  किये घूम रहे है।    

बादशाह को अपने वायदा की बात याद आ गयी।  बीरबल की वायदे याद दिलाने के ढंग पर  . खुश होकर जागीर दे दिया।

  I hope guys you love this article Short Moral Stories In Hindi

 

इसे भी पढ़िए 

 

एक कपटी बगुला और एक लालची पंडित की कहानी 

एक लड़की की सच्चा प्रेम कहानी true love 

जानिए अपने देश की प्रारंभिक इतिहास के बारे में 

जानिए मदर टेरेसा भारत क्यों आयी थी क्यों भारत रत्न मिला 

जानिए देश के क्रांतिकारी योद्धा भगत सिंह के बारे में पूरा इतिहास 

Author

  • ApnaKal Logo

    I have been writing for the Apna Kal for a few years now and I love it! My content has been Also published in leading newspapers and magazines.

    View all posts

Leave a Comment