भारत सरकार ने हाल ही में आधार कार्ड और पैन कार्ड को लिंक करने की मुहीम छेड़ी हुई है जिसे लेकर आम जनता काफी परेशान है क्योंकि आधार और पैन कार्ड लिंक करने के लिए सरकार उनसे 1000 रूपए का टैक्स ले रही है इसके लिए बहुत से लोग सरकार से गुहार भी लगा चुके हैं कि ये 1000 न लिया जाय। आपको बता दें कि आधार और पैन कार्ड को लिंक करने की अंतिम तिथि 30 जून कर दी गई है।
लेकिन दोस्तों मुसीबत अभी यहीं ख़त्म नहीं हुई है बल्कि और बढंने वाली है क्योंकि सरकार अब जमीन, प्रॉपर्टी, सोना या यूँ कहें तो जितनी भी चल अचल सम्पत्तियाँ हैं उसे आपको आधार कार्ड से लिंक करना होगा। इस आने वाली नियम के लिए अभी दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है इसके चलते दिल्ली कोर्ट ने ग्रामीण विकास एवं अन्य कानून मंत्रालयों से जवाब माँगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई 2023 को होगी।
अगर यह नियम लागू होता है तो इससे पूरे देश को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचेगा क्योंकि पूरे भारत देश में भ्रष्टाचार की कमी नहीं है इसलिए लोग अब अपनी धन संपत्ति को छुपाने के लिए जमीन खरीद लेते हैं या सोना खरीद घर में रखते हैं इसलिए यह नियम का आना सख्त अनिवार्य है ताकि सरकार को भी ज्ञात हो कि आपके पास कितनी मात्रा में जमीन और चल अचल संपत्ति है जो आपके आधार कार्ड में फीड होना चाहिए।
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यह सुनकर बहुत से भ्रष्टाचारियों और अवैध रूप से कमाने वालों ठेकेदारों की रातों की नींद उड़ गयी है क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो सभी अवैध बिना आधार कार्ड से लिंक ज़मीन सरकार के कब्जे में होंगे और जितनी भी चल अचल संपत्ति है अगर वो आधार से लिंक नहीं हुए तो सरकार उन पर भी अपना हाथ साफ कर सकती है।
आपको बता दें कि एक रिपोर्ट के अनुसार अगर ऐसा होता है तो सरकार को वार्षिक वृद्धि में 2 % का इजाफा आएगा। इसलिए सरकार काले धन पर रोक लगाने और जितनी भी चल अचल संपत्ति है उनको उनके मालिक से जोड़ने से लिए यह कदम उठा सकती है। वैसे तो अभी घबराने की जरूरत नहीं है दिल्ली हाई कोर्ट इसके केश के चलते बाकि क़ानून मंत्रालयों से इसके लिए राय मांगी है आगे की सुनवाई 18 जुलाई 2023 को होगी जब तक आप हमारे साथ बने रहें, धन्यवाद।
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