प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की शुरुआत 1 जनवरी 2017 में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा की गई। देश की महिलाएं इस योजना को प्रधानमंत्री गर्भावस्था सहायता योजना के नाम से भी जानती हैं। इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को 5 हजार रुपए दिए जाते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना क्यों जरूरी है से लेकर आवेदन तक की सभी जानकारी बताने जा रहे हैं। तो आप इस आर्टिकल को अंत तक जरूरी पढ़े और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की आवश्यकता क्यों है
भारत देश में ज्यादातर महिलाएं गरीब परिवारों से होती हैं, ऐसे में इन महिलाओं की खानपान की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण ज्यादातर महिलाओं को अल्प पोषण का शिकार होना पड़ता है, और अल्प पोषण की शिकार महिलाओं को कई प्रकार के शारीरिक समस्याओं से प्रभावित होना पड़ता है, भारत में हर तीसरी महिला इस अल्प पोषण से ग्रसित है और हर दूसरी महिला रक्ताल्पता जैसे गंभीर समस्याओं से जूझ रही है या परेशान है।
महिलाओं की समस्या से उनका स्वास्थ्य प्रभावित होता है जो महिलाएं कुपोषण की समस्याओं से ग्रसित होते हैं ऐसे में अल्प पोषित माता जो भी होती है, वह कम वजन वाले शिशुओं को जन्म देती है, जब कुपोषण गर्भावस्था में ही शुरू हो जाता है तो यह पूरे जीवन चक्र में चलता रहता है, और ज्यादातर कुपोषण के शिकार शिशु स्वास्थ्य की समस्याओं से जीवन भर परेशान रहते हैं।
भारत में ज्यादातर आर्थिक व सामाजिक तंगी के कारण गर्भावस्था के आखिरी दिनों में महिलाएं शारीरिक काम करती हैं या मजदूरी करते हैं, इनमें ज्यादातर मजदूर महिलाएं शामिल होते हैं, ज्यादातर महिलाएं बच्चों को जन्म देने के बाद अपना और अपने बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखती हैं और फिर से अपना काम शुरू कर देते हैं, यह कह सकते हैं कि वक्त से पहले अपने काम पर जाना शुरु कर देती हैं।
गर्भावस्था में उनका शरीर ऐसे काम करने के लिए तैयार नहीं होता है। इस प्रकार देखा गया है कि ऐसे महिलाएं पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो पाती हैं, और पहले 6 महीने में अपने बच्चों को स्तनपान कराने में असमर्थ हो जाती हैं। इसी लिए प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की शुरूआत की गई और लाभार्थियों को गर्भावस्था में 5000 रुपए की आर्थिक मदद दी जा रही है।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना क्या है
इस योजना के तहत जो भी गरीब परिवार की महिलाएं काम करती हैं उन महिलाओं को मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा दिया जाता है। इसके अलावा इन गरीब परिवार की महिलाओं को उचित आराम और पोषण सुनिश्चित करवाना भोजन का मुख्य योजना का मुख्य कार्य है, गर्भवती महिलाएं और वे महिलाएं जो शिशुओं को स्तनपान कराने वाली होती हैं, उनके स्वास्थ्य में सुधार के लिए इस योजना के तहत महिलाओं को 5000 रुपए की राशि किस्तों में DBT के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में भेज दी जाएगी।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य काम करने वाले मजदूर महिलाओं को उनकी मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा देने के साथ-साथ उनके उचित आराम और पोषण को सुनिश्चित करना है, इसके अलावा गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य सुधार हेतु कुपोषण के प्रभाव को कम करना है | इस प्रकार इस योजना के तहत मजदूर वर्ग की महिलाओं के स्वास्थ्य समस्याओं को हल करने की व्यवस्था बनाई गई है, जिसके कारण शिशु व माता कुपोषण के शिकार होने से बच सकें।
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मातृत्व प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लाभ
इस योजना के अनुसार DBT के माध्यम से महिलाओं के बैंक खाते में सीधे राशि भेज दी जाएगी, सरकार अलग-अलग किस्तों में इन राशियों का भुगतान करेगी, पहली किस्त 1000 रुपए गर्भावस्था के पंजीकरण के समय दूसरी किस्त 2000 रुपए जब महिलाएं 6 महीने की गर्भावस्था के बाद प्रस्ताव की जांच के लिए जाती हैं, तीसरी किस्त 2000 रुपए जब बच्चों का जन्म पंजीकरण हो जाता है, और इस बीच BCG, OPV, DPT और हेपेटाइटिस -B- सहित शुरू का टीका चक्र शुरू होता है।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लिए पात्रता
इस योजना के तहत गरीब परिवार की महिलाओं को ही लाभ दिया जाता है, जो महिलाएं आर्थिक और सामाजिक तंगी से गुजर रही होती हैं, और किसी परिस्थिति के कारण उनको मजदूरी करनी पड़ती है, जिसके चलते महिलाएं गर्भावस्था में होती हैं, और अपने और अपने शिशु का ध्यान नहीं रख पाती हैं, तो इन गरीब मजदूर महिलाओं के लिए सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है, ताकि गरीब परिवार की महिलाओं को भी स्वास्थ्य और सुरक्षा का लाभ मिल सके, इसके साथ ही उनके शिशु के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखते हुए इस योजना की शुरुआत की गई है, ताकि गरीब महिला भी कुपोषण और रक्ताल्पता जैसी गंभीर समस्याओं से बच सकें।
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प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में आवेदन कैसे करें
- सबसे पहले गर्भवती महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाना है और आवेदन के लिए आंगनबाड़ी केंद्र पर तीन फॉर्म भरने होंगे।
- पहली किस्त या पंजीकरण दवा करने के लिए जच्चा बच्चा कार्ड एवं उसके पति के पहचान पत्र की प्रति की आवश्यकता होगी, महिलाओं के खाते का विवरण और साथ में भरा गया फॉर्म 1A प्रस्तुत करना होगा।
- दूसरी किस्त का दावा करने के लिए लाभार्थी महिला गर्भधारण के 6 महीने के बाद कम से कम एक प्रसव की पूर्ण जांच दर्शाने वाले एमपीसी कार्ड व भरा गया फॉर्म 1B भी प्रस्तुत करना होगा।
- तीसरी किस्त का दावा करने के लिए लाभार्थी महिला के बच्चे के जन्म के पंजीकरण की प्रति तथा एमपीसी कार्ड के साथ फॉर्म 1C प्रस्तुत करना होगा।
- यदि समय समय पर किया जाने वाला आवेदन सही रूप से दिया गया होगा तो संबंधित किस्त की राशि आपके बैंक खाते में जमा होगी।
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