ओल्ड पेंशन स्कीम: पुरानी पेंशन स्कीम बहाली की मांग कर रहे विभिन्न राज्यों के शिक्षक और अन्य कर्मचारियों की भारी भीड़ दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में देखने को मिली। एक बार फिर पुरानी पेंशन को लेकर तहलका मच चुका है। काफी समय से पुरानी पेंशन लागू करने को लेकर मांग उठ रही है जगह-जगह पर शिक्षक एवं अन्य कर्मचारी धरना दे रहे हैं लेकिन सरकार की ओर से कोई भी ठोस जवाब नहीं दिया गया है।
इसी के बीच सबसे बड़ा सवाल यह आता है कि आखिर क्यों शिक्षक और अन्य कर्मचारी जो पुरानी पेंशन का लाभ लेना चाहते हैं वह न्यू पेंशन योजना को इतना अलग क्यों समझ रहे हैं और आखिर एनपीएस लागू होने से किसको फायदा और नुकसान होने वाला है क्या (ops) लागू करने के पक्ष में सरकार के खजाने में बोझ बढ़ने वाला है इन तमाम सवालों का जवाब इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम देने वाले है।
पुरानी पेंशन को लेकर प्रदर्शन जारी
देश के विभिन्न क्षेत्रों में पुरानी पेंशन लागू करने को लेकर प्रदर्शन अभी तक जारी है वहीं वर्ष 2024 में देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं इसी कारण से अब नरेंद्र मोदी सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन योजना को संशोधन कर सकती है इस संशोधन में यह स्पष्ट किया जाएगा की रिटायरमेंट कर्मचारियों को मिनिमम 40 से 45 फ़ीसदी तक अंतिम वेतन मिल सके इसकी सिफारिश उच्च स्तरीय पैनल द्वारा की गई थी हालांकि अब इस पर विचार किया जा रहा है।
पेंशन योजना इस समय बहुत ही बड़ा मुद्दा बन गया है गैर भाजपा शासित राज्य नई पेंशन योजना को बहिष्कार कर पुराने पेंशन योजना की तरफ मूव ऑन कर रहे हैं। आपको बता दें की पेंशन भोगियों को 50% तक रिटायरमेंट मासिक वेतन पांच राज्यों में फिर से वापस लौटाया गया है जिसमें से यह राज्य है- झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और पंजाब।
पेंशन योजना पर देश के कुछ प्रमुख अर्थशास्त्रियों का यह विचार है कि इसे पुन लागू करने से राज्य सरकार दिवालियापन की तरफ धकेल रही है वहीं भारतीय स्टेट बैंक के प्रमुख आर्थिक सलाहकार सौम्या क्रांति का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना सरकार की प्रगति को धीमी कर रही है एवं सरकार के कर्ज को बढ़ाने में मदद कर रही है इसलिए नई पेंशन योजना की तरफ विचार करना चाहिए।
नई पेंशन योजना संशोधन
नहीं पेंशन योजना को संशोधित पर 40% तक का न्यूनतम कर देने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही बताया जा रहा है कि अगर भुगतान आधार राशि से कम है तो सरकार इसकी कमी को पूरा करने पर भी हस्तक्षेप कर सकती है कर्मचारी औसतन 36 फ़ीसदी से 38 फ़ीसदी के बीच औसत रिटर्न अर्जित करते हैं।
पुरानी पेंशन योजना के नियम क्या है
पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत सरकार साल 2004 से पहले कर्मचारियों को यह रिटायरमेंट के बाद यह निश्चित पेंशन देती थी यह पेंशन कर्मचारियों के रिटायरमेंट के समय उनके वेतन पर आधारित होती थी इस स्कीम में रिटायर हुए कर्मचारियों की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन प्रदान करती थी।
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पुरानी पेंशन योजना के लिए कौन-कौन पात्र हैं।
पुरानी पेंशन योजना के तहत कवर किए जाने वाले पात्र कर्मचारियों को लेकर डीओपीटी ने कहा है कि सिविल सेवा परीक्षा 2003 ,सिविल सेवा परीक्षा 2004 और भारतीय वन सेवा परीक्षा 2003 के माध्यम से चयनित ais के सदस्य इन प्रावधानों के तहत कवर किए जाने के पात्र हैं।
पुरानी पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा-
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 3 मार्च 2023 के डीओपीटी के ऑफिस मेमोरेंडम का पालन करने का आदेश दिया है वह ऑफिस मेमोरेंडम सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के अर्धसैनिक बलों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए 11 जनवरी 2023 के बाद फैसला जारी किया है।
पुरानी और नई पेंशन योजना में अंतर क्या है
पुरानी पेंशन योजना सेवानिवृत्ति के बाद गारंटी कृत आए प्रदान करती है जबकि नई पेंशन योजना बिना किसी गारंटी के बाजार में से जुड़े रिटर्न प्राप्त करती है। दोनों के फायदे और नुकसान है इसलिए यह तय करने से पहले की कौन सा आपके लिए सबसे अच्छा है उनकी तुलना करना महत्वपूर्ण है।
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