MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने NEET में सफल होने वाले छात्रों के लिए “मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना” में बड़ा बदलाव किया है। अब केवल वही छात्र इस मेधावी योजना का लाभ उठा पाएंगे जिनकी ऑल इंडिया रैंक 1.5 लाख के अंदर होगी। यानी अब सिर्फ मेहनत ही नहीं, प्रतियोगिता में अव्वल आना भी जरूरी होगा। आइए जानते हैं कि क्या हैं इस नई व्यवस्था के फायदे और शर्तें। और कैसे NEET छात्र मेधावी योजना का उठा सकते हैं।
अब NEET में 1.5 लाख के अंदर रैंक लाना होगा जरूरी
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के तहत पहले कई छात्रों को सरकारी मेडिकल कॉलेज में MBBS की पढ़ाई के लिए फीस में राहत मिलती थी। लेकिन अब इस मेधावी विद्यार्थी योजना को और प्रतिस्पर्धात्मक बनाते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने नया नियम लागू करने का निर्णय लिया है। अब NEET की ऑल इंडिया रैंक 1,50,000 से कम होनी चाहिए, तभी छात्र इस योजना के तहत शासकीय मेडिकल कॉलेजों में फीस छूट का लाभ ले सकेंगे।
मध्य प्रदेश सरकार ने शुरू की स्कॉलरशिप + ब्याज मुक्त लोन
इस मेधावी विद्यार्थी योजना के तहत अब दो तरह की सहायता मिलेगी:
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1. ट्यूशन और शुल्क की प्रतिपूर्ति (Scholarship):
जो छात्र रैंक के मानदंड पर खरे उतरेंगे, उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज की फीस (ट्यूशन + अन्य शुल्क) की पूरी भरपाई सरकार की ओर से स्कॉलरशिप के रूप में मिलेगी। -
2. शेष राशि पर ब्याज मुक्त ऋण (Loan):
यदि किसी कॉलेज की फीस स्कॉलरशिप सीमा से अधिक है, तो अतिरिक्त राशि बिना ब्याज के लोन के रूप में दी जाएगी।
लोन माफ करवाना है? तो करना होगा ग्रामीण सेवा
मध्य प्रदेश सरकार ने छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए एक अनोखा मॉडल बनाया है:
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5 साल ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा करेंगे = पूरा लोन माफ
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2.5 साल ग्रामीण सेवा = 50% लोन माफ
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कोई सेवा नहीं की = ब्याज सहित चुकाना होगा लोन
यह मेधावी विद्यार्थी योजना न केवल छात्रों की आर्थिक मदद करती है, बल्कि ग्रामीण भारत की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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देखें मेधावी योजना योजना कब से होगी लागू
इस प्रस्ताव को हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में पेश किया गया और इसे आगामी शैक्षणिक सत्र से लागू करने की तैयारी की जा रही है। यानी जो छात्र आने वाले सत्र में NEET देंगे, उनके लिए यह योजना नई शर्तों के साथ प्रभावी होगी।
इस घोषणा पर विद्यार्थियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है। एक छात्रा ने कहा, “अब हमें सिर्फ पास नहीं, टॉप करना होगा ताकि हम योजना का लाभ ले सकें।”
वहीं एक अभिभावक ने बताया, “सरकार की rural service वाली शर्त बहुत अच्छी है, इससे डॉक्टर गांव में भी जाएंगे।”
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क्या आप मानते हैं कि यह नई व्यवस्था छात्रों को और मेहनती बनाएगी? या इससे ज़रूरतमंद छात्रों को मुश्किल होगी? नीचे कमेंट करें और इस खबर को उन छात्रों और अभिभावकों तक जरूर पहुंचाएं जिनके लिए यह जानकारी सबसे जरूरी है। और इस तरह की ख़बरों के लिए जुड़े रहे अपना कल के साथ।