MP महिला सशक्तिकरण सम्मेलन: PM मोदी ने जारी 300 रुपये का सिक्का और डाक टिकट

By
On:
Follow Us

MP महिला सशक्तिकरण सम्मेलन: लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विशेष ₹300 का स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया।

MP महिला सशक्तिकरण सम्मेलन यह केवल एक सम्मान नहीं, बल्कि महिला नेतृत्व और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को देशभर में स्मरणीय बनाने की पहल है। इस ऐतिहासिक क्षण ने भारत की सांस्कृतिक चेतना को एक बार फिर जागृत कर दिया है।

लोकमाता के सम्मान में ऐतिहासिक पहल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम में ₹300 का स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी उपस्थित रहे।
इस मौके को राष्ट्रीय महिला शक्ति के प्रतीक के रूप में भी देखा जा रहा है, जहां देवी अहिल्याबाई को “स्वावलंबी भारत” की प्रेरणा माना गया।

देखें कौन थीं देवी अहिल्याबाई होलकर

अहिल्याबाई होलकर एक ऐसी शासिका थीं जिन्होंने न सिर्फ मालवा क्षेत्र में न्यायपूर्ण शासन दिया, बल्कि देशभर के मंदिरों का निर्माण और पुनर्निर्माण करवाया। काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर सोमनाथ और रामेश्वरम तक, उन्होंने भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों को पुनर्जीवित किया। उनकी सरलता, धर्मनिष्ठा और सेवा भावना आज भी आदर्श मानी जाती है।

₹300 का सिक्का और डाक टिकट जारी

₹300 का स्मारक सिक्का देवी अहिल्याबाई के 300 वर्षों की स्मृति को स्थायी रूप में चिह्नित करता है।
वहीं डाक टिकट, भारत सरकार की ओर से श्रद्धांजलि के रूप में जारी किया गया है ताकि उनकी पहचान देश के हर कोने तक पहुंचे। ये दोनों प्रतीक नई पीढ़ी को हमारे इतिहास की उन नायिकाओं से जोड़ने का काम करेंगे जिन्हें लंबे समय तक इतिहास में उचित स्थान नहीं मिला।

मध्यप्रदेश संस्कृति और शक्ति की भूमि

यह अवसर केवल राष्ट्रीय स्तर पर नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के लिए भी एक गौरव का विषय है, जहां अहिल्याबाई का कार्यक्षेत्र और जीवन का केंद्र रहा। मध्य प्रदेश सरकार ने इस वर्ष को “अहिल्या स्मृति वर्ष” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है, जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक आयोजन, संगोष्ठियां और जागरूकता अभियान होंगे। देवी अहिल्याबाई को महिला सशक्तिकरण का वास्तविक प्रतीक मानकर योजनाओं का खाका भी तैयार किया गया है।

यह भी पढ़ें – दतिया और सतना को मिली उड़ान की सौगात: प्रधानमंत्री मोदी ने किया एयरपोर्ट्स का लोकार्पण

इंदौर की रहने वाली प्रोफेसर काव्या जोशी कहती हैं, “अहिल्याबाई सिर्फ एक रानी नहीं थीं, वो विचार हैं सेवा, समर्पण और नेतृत्व का। अब यह सिक्का और टिकट उनकी स्मृति को हर हाथ तक पहुंचाएगा। सोशल मीडिया पर भी लोग कह रहे हैं कि “इतिहास में पहली बार किसी महिला शासिका को इतनी भव्य श्रद्धांजलि मिली है, जो सच में दिल को छू जाती है।”

देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती पर ये सम्मान सिर्फ अतीत को याद करना नहीं, बल्कि आने वाले भारत की दिशा तय करना है। ऐसी ही प्रेरणादायक खबरों के लिए जुड़े रहें, और अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।

यह भी पढ़ें – मध्यप्रदेश में गेहूं खरीदी का नया कीर्तिमान: 9 लाख किसानों को ₹18,842 करोड़ का भुगतान

Leave a Comment

Your Website