मध्य प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना में अब एक अपडेट आया है। अब इस योजना में युवाओं को सीधे कॉलेजों में पंजीयन की सुविधा देकर योजना का लाभ दिया जायेगा। अब न केवल युवाओं को स्किल ट्रेनिंग मिलेगी, बल्कि उन्हें हर महीने 8 से 10 हज़ार रुपये तक का मानदेय भी मिलेगा।
अब कॉलेजों में खुलेंगे पंजीयन काउंटर
मध्य प्रदेश के सभी सरकारी कॉलेजों में अब मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के तहत विशेष पंजीयन काउंटर खोले जाएंगे। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी कॉलेज प्राचार्यों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे छात्रों को मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के बारे में जानकारी दें और पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित करें। कॉलेजों के नोटिस बोर्डों पर योजना की जानकारी चस्पा की जाएगी और प्रचार के लिए तरह तरह फ्लैक्स भी लगाए जाएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसकी जानकारी हो।
2023 से चल रही सीखो-कमाओ योजना
मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना भले ही 2023 से चल रही हो, लेकिन इसका असली असर अभी ज़मीनी स्तर पर नहीं दिख रहा है। लक्ष्य है कि वर्ष 2025-26 तक एक लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाए, लेकिन अभी तक सिर्फ़ 9.46 लाख युवाओं ने पंजीकरण कराया है और इनमें से कई ने प्रशिक्षण शुरू भी नहीं किया। इसलिए अब सरकार ने कॉलेजों और आईटीआई संस्थानों को विशेष निर्देश दिए हैं जिससे यह योजना का दायरा बढ़ाया जाये।
देखें किसे मिलेगा प्रशिक्षण और क्या है फायदा?
मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में 15 अलग-अलग क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जैसे कंप्यूटर और आईटी, मशीन ऑपरेशन, सेल्स, मार्केटिंग, होटल और खानपान प्रबंधन, कृषि और पशुपालन, फैशन डिजाइनिंग, पर्यटन आदि। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को हर महीने 8,000 से 10,000 रुपये का स्टाइपेंड मिलेगा। यानी छात्र पढ़ाई के साथ कमाई भी कर सकेंगे।
सीखो कमाओ योजना से युवाओं को सीधा लाभ
आज के दौर में डिग्री के साथ स्किल्स की भी ज़रूरत है। ‘सीखो-कमाओ योजना’ युवाओं को इंडस्ट्री के अनुसार ट्रेन कर रही है, जिससे वे कॉलेज से निकलते ही नौकरी के लिए तैयार हों। सरकार का उद्देश्य है कि युवा पहले से ही जॉब मार्केट की ज़रूरतों को समझें और आत्मनिर्भर बनें।
यह भी पढ़ें – MP Anganwadi Bharti 2025: मध्य प्रदेश में आंगनवाड़ी पदों पर निकली भर्ती, महिलाएं इस तरह करें आवेदन
मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना को लेकर भोपाल की छात्रा आकांक्षा मिश्रा कहती हैं, “हमें सिर्फ डिग्री नहीं, अनुभव भी चाहिए। अगर कॉलेज की मदद से हमें ट्रेनिंग और पैसे मिल रहे हैं, तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है।”
वहीं उज्जैन के छात्र राहुल शर्मा का मानना है कि “सरकार को पहले ही इस योजना को कॉलेज से जोड़ना चाहिए था, तब तक लाखों युवा इसका लाभ ले चुके होते।”
सरकार का यह कदम सराहनीय है, लेकिन इसे सिर्फ निर्देशों तक सीमित न रखकर जमीनी स्तर पर ईमानदारी से लागू करना जरूरी होगा। सीखो कमाओ योजना से जुड़ा यह नया बदलाव क्या आपको सही दिशा में उठाया गया कदम लगता है? क्या इससे युवाओं को वास्तव में रोजगार मिलेगा? अपनी राय नीचे कमेंट में ज़रूर साझा करें और इस तरह की ख़बरों के लिए अपना कल के साथ जुड़े रहें।
यह भी पढ़ें – MP Food Safety Officer Bharti 2025: MP खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पदों पर आवेदन शुरु