MP News: भोपाल-रामगंजमंडी रेलवे लाइन परियोजना के तहत मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच रेलवे कनेक्टिविटी को और भी बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है। हाल ही में इस रेलवे लाइन के अलग-अलग सेक्शनों पर सफल ट्रायल किया गया, जिससे साफ हो गया कि जल्द ही यह रूट यात्रियों और मालगाड़ियों के लिए पूरी तरह चालू हो जाएगी है। जिससे आम जनता, यात्रियों और मलगाडी से व्यापारियों के सामान आसानी से ट्रांसपोर्ट हो जायेंगे और इस तरह सभी वर्ग को फायदा होगा।
120-130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हुआ परीक्षण
रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) मनोज अरोरा की देखरेख में भोपाल-रामगंजमंडी रेलवे लाइन के कुछ नए सेक्शनों पर 120 से 130 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रायल रन किया गया। इस दौरान उन्होंने मोटर ट्राली से पूरे ट्रैक और स्टेशन यार्ड का निरीक्षण किया। परियोजना का उद्देश्य दोनों राज्यों के बीच सुगम यातायात उपलब्ध कराना है, जिससे यात्रा का समय घटेगा और रेलवे नेटवर्क अधिक प्रभावी बने।
276 किमी लंबी परियोजना, लागत 3,035 करोड़ रुपये
भोपाल-रामगंजमंडी रेलवे परियोजना की कुल लंबाई 276 किलोमीटर है और इसके निर्माण पर लगभग 3,035 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसमें से 111 किलोमीटर का ट्रैक भोपाल मंडल के अंतर्गत आता है, जबकि शेष हिस्सा कोटा मंडल का हिस्सा है।
इस रेलवे परियोजना के लाभ
इस रेलवे परियोजना के कई लाभ है जैसे – यह रेलवे लाइन भोपाल, सीहोर, राजगढ़, झालावाड़ और कोटा जैसे महत्वपूर्ण जिलों को जोड़ेगी। जिससे झालावाड़ के काली सिंध थर्मल पावर प्लांट तक कोयले की आपूर्ति सस्ती और आसान हो जाएगी। ब्यावरा-झालावाड़ मार्ग की तुलना में यह नया मार्ग 42 किमी छोटा है, जिससे यात्रा में समय और ईंधन की बचत होगी। इसेक साथ ही घाटोली स्टेशन के निकट स्थित केलकेरा मंदिर तक पहुंचना आसान हो जाएगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की भोपाल मंडल में 12 नए स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए 1,255 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इस नए रेल मार्ग से दिल्ली-मुंबई रूट का भार कम होगा और ट्रेनों की गति में सुधार होगा।
अमृत स्टेशन योजना के तहत 80 स्टेशनों का पुनर्विकास
इसके अलावा, रेलवे विभाग ने मध्य प्रदेश के 80 रेलवे स्टेशनों को “अमृत स्टेशन” योजना के तहत विकसित करने की योजना बनाई है। इस पहल के अंतर्गत ब्यावरा राजगढ़, देवास, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, इंदौर सहित कई महत्वपूर्ण स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा, जिससे यात्रियों को पहले से बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
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2027 तक परियोजना के पूर्ण होने की उम्मीद
रेलवे विभाग ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को दिसंबर 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस रेलवे कॉरिडोर के शुरू होने से यात्रा का समय लगभग 3 घंटे तक कम होगा, जिससे यात्रियों और व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा।
भोपाल-रामगंजमंडी रेलवे लाइन परियोजना दोनों राज्यों के लिए एक गेमचेंजर साबित होगी। स्पीड ट्रायल की सफलता के बाद जल्द ही इस मार्ग पर नियमित ट्रेनों का संचालन शुरू होने की उम्मीद है, जिससे लोगों की यात्रा अधिक सुविधाजनक और तेज हो जाएगी। मध्य प्रदेश रेलवे परियोजना से आम यात्रियों के साथ साथ व्यापरियों को अधिक लाभ मिलने वाला है। आपकी इसमें क्या राय है आप क्या विचार रखते हैं अपने विचार नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।
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