MP News: मुख्यमंत्री मोहन यादव का बड़ा ऐलान, 27 जून को रतलाम में क्षेत्रीय उद्योगों और रोजगार पर आयोजित होगी समिट

By
On:
Follow Us

MP News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एमएसएमई सेक्टर को लेकर एक बड़ा विज़न सामने रखा है। 27 जून को रतलाम में क्षेत्रीय उद्योगों और रोज़गार को लेकर होने वाली समिट की तैयारियां जोरों पर हैं। वहीं, 7 जुलाई को लुधियाना में राष्ट्रीय इंटरैक्टिव सेशन में मध्यप्रदेश की भागीदारी इस दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। क्या यह आयोजन राज्य की औद्योगिक दिशा को बदल देंगे? क्या इससे उद्योग और रोजगार की दिशा में सफलता मिलेगी? टी चलिए एजेंट है पूरा मामला। 

रतलाम में एमएसएमई-डे पर बड़ा आयोजन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने हाल ही में घोषणा की कि 27 जून को “एमएसएमई-डे” के अवसर पर रतलाम में एक क्षेत्रीय समिट का आयोजन होगा। यह समिट विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्योगों की समस्याओं, संभावनाओं और सरकार की योजनाओं पर केंद्रित होगी।

समिट का उद्देश्य है – स्थानीय उद्योगों को नई ऊर्जा देना, युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना और निवेश के नए रास्ते खोलना। मुख्यमंत्री जी ने अपने संबोधन में कहा कि “एमएसएमई देश की रीढ़ है, और मध्यप्रदेश इसकी ताकत को पहचानकर काम करेगा।”  इसके साथ ही मुख्यमंत्री मोहन यादव जी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्वीट किया।जिसे आपकी सुविधा के लिए हमने नीचे साझा किया है –

रोजगार और स्थानीय विकास पर रहेगा फोकस

27 जून को होने वाली इस समिट के जरिए मध्य प्रदेश सरकार न केवल व्यापार बढ़ाने की बात कर रही है, बल्कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में स्थानीय रोज़गार को भी प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव जी ने ज़ोर देकर कहा कि हर जिले की क्षमता के अनुसार योजना बनाई जाएगी ताकि युवाओं को घर के पास ही काम/रोजगार मिल सके।

योजना के अंतर्गत, जिलों के पारंपरिक हुनर – जैसे कि रतलाम की ज्वेलरी या झाबुआ के हस्तशिल्प – को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार तक पहुंचाने की रणनीति बनाई जा रही है।

लुधियाना में राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश की भागीदारी

7 जुलाई को पंजाब के लुधियाना में राष्ट्रीय इंटरैक्टिव सेशन का आयोजन होगा, जिसमें मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित राज्य के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। यह कार्यक्रम केंद्र सरकार के सहयोग से होगा, जहां देशभर के एमएसएमई प्रतिनिधियों, नीति निर्माताओं और निवेशकों से सीधा संवाद होगा।

इस मंच पर मध्यप्रदेश की योजनाएं और सफल उदाहरण देश के अन्य राज्यों के साथ साझा किए जाएंगे। साथ ही, अन्य राज्यों के मॉडलों से सीख लेकर उन्हें अपने राज्य में लागू करने की योजना भी है।

सरकार के वादों को जमीन पर उतारने की चुनौती

हालांकि मुख्यमंत्री मोहन यादव जी की घोषणाएं उम्मीद जगाती हैं, लेकिन असली परीक्षा तब होगी जब ये वादे जमीनी स्तर पर परिणाम देंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समिट में बताए गए प्लान्स को ज़मीनी हकीकत में बदला गया, तो मध्यप्रदेश में एमएसएमई क्रांति आ सकती है। और इसके साथ रोजगार के कई अवसर खुल जायेंगे जिससे मध्य  प्रदेश के युवा को सीध अलाभ होगा और कई सफल स्टार्टअप भी हमें आगे दखने को मिल सकते है। 

देखें जनता क्या कहती है

रतलाम निवासी और स्थानीय कारोबारी नवीन जैन कहते हैं, “अगर सरकार वाकई हमारी फाइनेंसिंग और मार्केटिंग की दिक्कतें सुलझा दे, तो हम जैसे छोटे व्यापारी भी बड़ी उड़ान भर सकते हैं।”

सोशल मीडिया पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ इसे “राजनीतिक स्टंट” मानते हैं, तो कई युवा इसे अवसर की शुरुआत के तौर पर देख रहे हैं।

यह भी पढ़ें – MP News: मध्य प्रदेश में 80 से अधिक पटवारियों और राजस्व कर्मचारियों के तबादले, देखें पूरी लिस्ट

व्यक्तिगत रूप से मेरा मानना है कि भारत की असली ताकत छोटे उद्यमों में है। अगर राज्य सरकारें इनकी मदद को गंभीरता से लें, तो बेरोजगारी जैसी बड़ी समस्याओं से निपटा जा सकता है। क्योंकि इससे नए स्टार्टअप आएग बढ़ेंगे और युवा रोजगार की तलाश बंद कर खुद का छोटा मोटा बिज़नेस शुरू करने के लिए प्रेरित होंगे। 

एमएसएमई सेक्टर को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की यह पहल निश्चित तौर पर साहसिक है। लेकिन असली सवाल यह है — क्या इस बार वादे हकीकत बनेंगे? आप क्या सोचते हैं – क्या 27 जून की समिट से बदलेगा मध्यप्रदेश का औद्योगिक भविष्य? नीचे कमेंट करें और अपनी राय साझा करें। और इस तरह की ख़बरों के लिए अपना कल के साथ जुड़े रहे।

यह भी पढ़ें – MP में 8 हजार स्कूल बंद: 25 हजार बच्चों की पढ़ाई अँधेरे में, अभिभावकों में मचा हड़कंप

Leave a Comment

Your Website