मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक बड़ा ऐलान करते हुए मध्य प्रदेश के राजस्व विभाग में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। उन्होंने ‘नायब तहसीलदार’ के पद का नाम बदलकर उसमें नया गौरवशाली शब्द जोड़ने की पहल की है। अब इस पद को ‘नायाब तहसीलदार’ के नाम से जाना जाएगा।
यह घोषणा भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान की गई, जहां मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग के नव-चयनित अधिकारियों और कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने इस नाम परिवर्तन के पीछे की सोच और इसके महत्व को विस्तार से समझाया।
नायब नहीं, अब ‘नायाब’ कहे जाएंगे तहसीलदार
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “अधिकारी का अर्थ है ‘अधिक काम करने वाला’, और यह काम जनता की सेवा और प्रदेश के हित में होना चाहिए। नायब तहसीलदार केवल नायब नहीं, बल्कि नायाब बनने चाहिए।” उन्होंने सभी नव-चयनित अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह बदलाव केवल नाम का नहीं, बल्कि मानसिकता का भी है।
सीएम ने कहा कि ‘नायाब’ शब्द, जो उत्कृष्टता और बेजोड़ता का प्रतीक है, अब इस पद के गौरव को बढ़ाएगा। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे जनता के विश्वास को बनाए रखें और सेवा भाव के साथ प्रदेश के विकास में योगदान दें।
नाम बदलाव का प्रभाव और महत्व
यह नाम परिवर्तन न केवल एक औपचारिक बदलाव है, बल्कि अधिकारियों के काम करने के तरीके और उनके प्रति जनता की उम्मीदों को भी नए आयाम देगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जो लोग आज इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त हो रहे हैं, उन्हें अपने कार्यों से नई इबारत लिखनी होगी।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को सेवा भावना और ईमानदारी से निभाएं। “यह बदलाव एक नई सोच और नई पहचान का संकेत है, जो प्रदेश की प्रगति में मील का पत्थर साबित होगा,” सीएम मोहन ने कहा।
362 नए अधिकारियों को मिला नियुक्ति पत्र
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 362 नए अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इनमें से 36 ‘नायाब तहसीलदार’, 70 पशुपालन विभाग के चिकित्सक और 256 कृषि विभाग के अधिकारी शामिल थे। इस कार्यक्रम में कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना भी मौजूद थे, जिन्होंने मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह कदम प्रदेश के युवाओं और किसानों के लिए नई संभावनाएं खोलेगा।
कंसाना ने यह भी घोषणा की कि ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को अब ‘कृषि विस्तार अधिकारी’ के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों और युवाओं की खुशहाली के लिए लगातार प्रयासरत है।
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नाम में बदलाव: नई सोच की शुरुआत
नायब तहसीलदार का नाम बदलकर ‘नायाब तहसीलदार’ करने का निर्णय मुख्यमंत्री की उस सोच को दर्शाता है, जिसमें अधिकारियों को प्रेरित किया जाता है कि वे जनता की सेवा के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन करें।
यह बदलाव न केवल नाम तक सीमित है, बल्कि यह अधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारी में भी एक नया दृष्टिकोण लाएगा। यह कदम प्रदेश की नौकरशाही में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अधिकारी बोले- नई पहचान से मिला नया उत्साह
कार्यक्रम में मौजूद नए अधिकारियों ने इस बदलाव पर खुशी जाहिर की। एक नए ‘नायाब तहसीलदार’ ने कहा, “यह नाम बदलाव हमारे लिए नई ऊर्जा और जिम्मेदारी लेकर आया है। हमें गर्व है कि हम अब इस नई पहचान के साथ जनता की सेवा करेंगे।”
मुख्यमंत्री मोहन यादव का यह निर्णय प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाने का संकेत है। ‘नायब तहसीलदार’ से ‘नायाब तहसीलदार’ तक का सफर, न केवल शब्दों का बदलाव है, बल्कि यह उन अपेक्षाओं का प्रतीक है, जो जनता और सरकार इस पद से रखती हैं। यह पहल न केवल अधिकारियों के लिए प्रेरणा बनेगी, बल्कि प्रदेश के विकास में भी मील का पत्थर साबित होगी।
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भ्रष्टाचार खत्म हो नाम चाहे कुछ भी हो