close

मध्य प्रदेश में बोनस और MSP के लिए किसानों का जबरदस्त उत्साह, 20 दिन में हुए 2 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए लगातार अच्छी खबर सामने आ रही है। इस बार सरकार ने गेहूं की खरीद पर एमएसपी के साथ बोनस देने की घोषणा की है, जिससे किसान काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। बीते 20 दिनों में ही 2 लाख से ज्यादा किसानों ने अपनी फसल बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करा लिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार गेहूं की बंपर पैदावार होने जा रही है, क्योंकि इस बार गेहूं फसल के लिए मौषम बहुत अच्छा है। 

किसानों को MSP से ज्यादा मिलेगा दाम

इस साल केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाकर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। वहीं, मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को अतिरिक्त 175 रुपये बोनस देने की घोषणा की है, जिससे किसानों को कुल 2,600 रुपये प्रति क्विंटल का लाभ मिलेगा। पिछले साल की तुलना में इस बार सरकार ने बोनस राशि भी 125 रुपये से बढ़ाकर 175 रुपये कर दी है। जिससे किसान वर्ग में एक अलग ही उत्साह है। 

31 मार्च तक होगा रजिस्ट्रेशन

किसान अपनी उपज को सरकारी क्रय केंद्रों पर बेचने के लिए 31 मार्च तक रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। यह प्रक्रिया 20 जनवरी 2025 से शुरू हुई थी। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने किसानों से आग्रह किया है कि वे समय पर अपना पंजीकरण करा लें, ताकि सरकारी लाभ का पूरा फायदा उठा सकें। अगर आप भी अपनीक रजिस्ट्रेशन कराना चाहते है तो नजदीकी ई-मित्र की मदद से जल्द से जल्द करा लें। 

देखें कौन-कौन से जिले आगे?

अब तक सबसे ज्यादा किसानों ने सीहोर, इंदौर, देवास और शाजापुर जिलों में रजिस्ट्रेशन कराया है। अकेले सीहोर जिले में 31,592 किसानों ने पंजीकरण कराया है, वहीं उज्जैन में 30,215, इंदौर में 17,298, शाजापुर में 14,209 और देवास में 11,215 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। ज्यादातर यह देखा गया की जिस क्षेत्र में ज्यादा जागरूकता है वहां के किसानों ने रजिस्ट्रेशन अधिक मात्रा में कराएं। और पिछड़े इलाकों के किसान व्यापारियों को अपनी फसल दे देते है तो इस तरह के क्षेत्रों में काम रजिस्ट्रेशन देखें को मिले है।

यह भी पढ़ें – MP में बनेगा हाई-स्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर, इंदौर-भोपाल-जबलपुर के बीच ट्रैवल होगा फास्ट और स्मूथ

गेहूं उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी की उम्मीद

केंद्र सरकार ने इस साल गेहूं उत्पादन का लक्ष्य 1,150 लाख मीट्रिक टन रखा है, जो पिछले साल के 1,132 लाख मीट्रिक टन से अधिक है। मार्च में कृषि मंत्रालय द्वारा सटीक उत्पादन अनुमान जारी किए जाने की उम्मीद है।

सरकार का कृषि पर विशेष फोकस

इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने किसानों के लिए जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थीं। जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मोहन सरकार सोलर पंप देने जा रही है, जिससे किसानों को बिजली की लागत से राहत मिलेगी। राज्य में इस साल 5 लाख एकड़ में जैविक खेती का लक्ष्य रखा गया है।

मध्य प्रदेश सरकार का मानना है कि जैविक खेती से मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी और किसानों की आमदनी में भी इजाफा होगा। कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना ने भी इस बात पर जोर दिया कि रासायनिक खाद और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी और वातावरण को नुकसान पहुंच रहा है, इसलिए जैविक खेती को अपनाना जरूरी है।

यह भी पढ़ें – Global Investors Summit 2025: मध्य प्रदेश में 22.50 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव, 13 लाख से ज्यादा नौकरियां, NHAI बनाएगा 4,000 KM हाईवे

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है और अलग अलग तरह की योजनाओं के जरिये किसानों को आगे बढ़ाने की हर मुमकिन कोशिस की जा रही है।  जिससे खेती-किसानी से जुड़े लोग आत्मनिर्भर बन सकें। सरकार की यह योजना न केवल किसानों को आर्थिक मजबूती देगी, बल्कि कृषि क्षेत्र को नई दिशा में भी ले जाएगी। अगर आप भी किसान हैं और गेहूं की बिक्री करना चाहते हैं, तो समय रहते अपना रजिस्ट्रेशन कराना न भूलें।

Author

  • Uma ApnaKAl

    मैं उमा, अपना कल की लेखिका हूँ। नीति, योजनाओं और सामाजिक विषयों पर लिखती हूँ, खासतौर पर मध्य प्रदेश और देश से जुड़े मुद्दों पर। मेरा लक्ष्य जटिल विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत कर जागरूकता बढ़ाना है।

    View all posts

Leave a Comment

Your Website