मध्य प्रदेश के 94,234 होनहार छात्रों को मोहन सरकार ने एक बड़ी सौगात दी है। 12वीं में 75% से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को अब पढ़ाई के लिए लैपटॉप खरीदने को 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि सीधे बैंक खाते में दी जा रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खुद इस पहल की शुरुआत की और कहा कि अब प्रतिभा को साधनों की कमी नहीं रोक पाएगी।
राज्य सरकार ने बांटी खुशियाँ, छात्रों को मिला सम्मान
मध्य प्रदेश में 12वीं बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक लाने वाले छात्रों को अब न सिर्फ सम्मान मिल रहा है, बल्कि उन्हें आगे बढ़ने के लिए ज़रूरी संसाधन भी दिए जा रहे हैं। इस साल मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत करीब 94,234 छात्रों के बैंक खातों में ₹25,000 की राशि अंतरित की गई है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 4 जुलाई को राजधानी भोपाल में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में यह राशि ट्रांसफर की। कार्यक्रम राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में हुआ, जिसमें सैकड़ों छात्र और शिक्षक शामिल हुए। इसी आयोजन का सीधा प्रसारण प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर किया गया ताकि हर कोने के छात्रों को इस उपलब्धि का हिस्सा बनाया जा सके।
देखें कैसा रहा अब तक का सफर?
मध्य प्रदेश लैपटॉप योजना कोई नई योजना नहीं है। इस योजना को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने शुरू किया था। शिवराज सिंह चौहान जी इस योजना को वर्ष 2009-10 से चला रहे है, और अब तक करीब 4.32 लाख विद्यार्थियों को ₹1080 करोड़ से अधिक की प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है। पिछले साल यानी 2023-24 से योजना का नेतृत्व नए मुख्यमंत्री मोहन यादव कर रहें है। और पिछले वर्ष 2023-24 में इस योजना के तहत 89,710 छात्रों को ₹224.27 करोड़ की राशि ट्रांसफर की गई थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस वर्ष 2024-25 की बात कुछ खास है इस बार छात्रों को समय पर राशि मिली है। शिक्षा विभाग का कहना है कि इस बार बजट की कोई कमी नहीं है और स्कूटी व साइकिल वितरण योजनाएं भी जल्द पूरी की जाएंगी। और उनके लिए कार्यक्रम रखा जायेगा और छात्रों को जल्द इसका भी लाभ मिलेगा।
लैपटॉप योजना से इन छात्रों को लाभ
मध्य प्रदेश सरकार की फ्री लैपटॉप योजना का लाभ 12वीं में 75% से अधिक अंक लाने वाले छात्रों के लिए होती है। उन्हें लैपटॉप खरीदने के लिए 25,000 रुपये दिए जाते हैं क्योंकि छात्र अपनी पसंद का लैपटॉप खरीद सके। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार सिर्फ लैपटॉप तक सीमित नहीं है, मध्य प्रदेश की बोर्ड परीक्षा में जो भी छात्र टॉप करते हैं, उन्हें स्कूटी दी जाती है। और कक्षा 6वीं से 9वीं तक के छात्रों को साइकिल भी दी जाती है, ताकि गांव-देहात के बच्चों को स्कूल पहुंचने में आसानी हो।
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इस डिजिटल युग में लैपटॉप एक ज़रूरत बन चुका है। ऑनलाइन पढ़ाई, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी, स्किल्स सीखना या रिसर्च करना आज हर चीज के लिए अब टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल ज़रूरी है। और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लैपटॉप की यह सहायता सिर्फ एक डिवाइस नहीं, बल्कि छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने और आगे बढ़ाने का जरिया है।
जब 25,000 रुपये सीधे छात्र के खाते में आते हैं, तो यह उनके आत्मविश्वास को नई उड़ान देता है। अब वे अपनी ज़रूरत और पसंद के हिसाब से लैपटॉप खरीद सकते हैं। इससे यह योजना एक फ्री गिफ्ट के बजाय सशक्तिकरण का जरिया बन जाती है। इसके साथ ही इस योजना का लगातार इतने वर्षों से चलना अपने आप में बड़ी कामयाबी है। इस योजना से छात्रों का मनोबल भी बढ़ता है और छात्र लैपटॉप पाने के लिए पढ़ाई लिखाई में कड़ी मेहनत भी करते हैं।
लैपटॉप से बच्चों को न सिर्फ बेहतर शिक्षा मिलेगी, बल्कि वे डिज़ाइनिंग, प्रोग्रामिंग, कोडिंग और डिजिटल मार्केटिंग जैसे करियर विकल्पों को भी जल्दी पहचान पाएंगे। और सबसे अच्छी बात इस योजना में सीधा बैंक ट्रांसफर होता है, जो पारदर्शिता और भरोसे का संकेत है।
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मेरे अनुसार मध्य प्रदेश सरकार की इस पहल से हजारों परिवारों में उम्मीद की किरण जगी है। जब बच्चे मेहनत करें और सरकार उन्हें साधन दे, तो भविष्य ज़रूर सुनहरा होता है। आपकी क्या राय है? क्या ऐसे कदम बाकी राज्यों में भी उठाए जाने चाहिए? नीचे कमेंट करके अपनी राय ज़रूर बताएं। और ऐसी ख़बरों के लिए अपना कल न्यूज़ के साथ जुड़े रहें।