मध्य प्रदेश में किसानों से बड़ा धोखा! नकली खाद-बीज से बर्बाद हुई फसलें, शिवराज ने दिया मुआवजे का भरोसा

By
On:
Follow Us

मध्य प्रदेश के कई जिलों से आई किसानों की कहानी दिल दहला देने वाली है। जिन हाथों को हर साल सोने सी फसलें उगानी थीं, उन्हीं खेतों में इस बार नकली खाद-बीज ने उम्मीदों को मिट्टी में मिला दिया। कई जगह बोवनी के बाद खेतों में एक भी पौधा नहीं फूटा। हालात बिगड़ते देख अब खुद शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। मगर सवाल है? क्या वाकई हर पीड़ित किसान तक राहत पहुंचेगी?

क्या हुआ खेतों में? पूरा सच जानिए

इस बार मानसून आने के साथ ही मध्यप्रदेश में नकली खाद-बीज माफिया ने ऐसी चाल चली कि किसान फंस कर रह गए। बैतूल जिले के मुलताई में इफको कंपनी के ‘सांगरिका ब्रांड’ की खाद में किसानों को सीमेंट और टाइल्स का पाउडर मिला। मंडला और खरगोन जैसे इलाकों में डीएपी और सुपर फास्फेट जैसा महंगा खाद खरीदकर खेतों में डाला गया, लेकिन वो न घुला न असर दिखा। किसानों ने कर्ज लेकर जो बीज खरीदा था, वो जमीन में सड़ गया, यहाँ तक की  फूटा तक नहीं। उज्जैन के लिंबादिया गांव में तो दर्जनों किसानों ने शिकायत दर्ज कराई कि उन्होंने महंगे दामों में सोयाबीन बीज खरीदे, लेकिन पूरे खेत में एक भी पौधा नहीं निकला।

किसानों को कैसे बेचा गया नकली माल?

असल में इस बार सरकारी गोदामों में खाद-बीज की सप्लाई कम थी और इस कमी का फायदा उठाया माफियाओं ने। पुरानी कंपनियों के नाम की पैकिंग में नकली खाद-बीज बाजार में उतारा गया। दुकानों ने भी बिना बिल के ऊंचे दामों में माल बेच डाला। मंडला में किसानों को डीएपी के लिए 1300 की जगह 1700 रुपये देने पड़े। मगर जब खेतों में खाद पड़ा रह गया तो असली-नकली की हकीकत खुली। किसान अफसरों के चक्कर काटते रहे, लेकिन जांच का काम धीमी रफ्तार से होता रहा।

विदिशा में हुई कार्रवाई, बाकी जिलों में सन्नाटा क्यों?

विदिशा जिले में हालात बिगड़ते देख कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की। सात दुकानदारों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए और एक के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज हुआ। लेकिन बाकी जिलों में अब तक वैसी ही सख्ती नहीं दिखी। किसान खुद पूछ रहे हैं कि आखिर मंडला, बैतूल और उज्जैन में दोषियों पर कार्रवाई कब होगी? किसान संगठनों का आरोप है कि अगर हर जिले में विदिशा जैसी सख्ती होती तो माफिया की इतनी हिम्मत नहीं होती।

शिवराज सिंह ने क्या कहा? मुआवजा कैसे मिलेगा?

विदिशा में दिशा समिति की बैठक में खुद केंद्रीय कृषि मंत्री और वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों की जमकर क्लास लगाई। उन्होंने पूछा कि कितने किसानों को नुकसान हुआ, कितने बीघा खेतों में फसल बर्बाद हुई। लेकिन अफसरों के पास ठोस जवाब नहीं था। गुस्साए शिवराज ने तुरंत आदेश दिया कि हर किसान का सर्वे कराएं और जिसने भी खराब बीज या नकली खाद से नुकसान झेला है उसे मुआवजा दिया जाए। उन्होंने साफ कहा कि अब नकली माल बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी, नया कानून भी बनेगा।

यह भी पढ़ें – MP Police Bharti Ghotala: मध्य प्रदेश में 2000 चयनित आरक्षक गायब? आधार अपडेशन में गड़बड़ी ने मचाया हड़कंप

देखें जनता क्या कहती है?

गांव-गांव में किसान कह रहे हैं कि सिर्फ मुआवजा ही नहीं, नकली माल बेचने वालों को जेल भेजना जरूरी है। बैतूल के किसान अनिल सोनी कहते हैं — हमने उधार लेकर खाद-बीज लिया था। अब बुआई गई तो खेत खाली पड़े हैं। बैंकों का कर्ज अलग सिर पर चढ़ा है। वहीं मंडला के किसान कहते हैं — मुआवजे की घोषणा तो अच्छी है पर सरकारी फाइलों में बात ना अटक जाए, इसकी गारंटी कौन देगा? किसान संगठनों की भी मांग है कि खाद-बीज कंपनियों की निगरानी के लिए ट्रैकिंग सिस्टम बने और पूरे राज्य में ऑनलाइन शिकायत पोर्टल चालू हो।

मेरा नजरिया

 मैं उदय पटेल एक लेखक और अपना कल न्यूज़ का संपादक होने के नाते मेरा नजरिया है कि किसान सिर्फ एक वोट बैंक नहीं, वो इस देश का पेट पालते हैं। अगर हर साल बारिश के साथ ही नकली खाद-बीज का खेल चलता रहेगा तो किसान कब तक खुद को संभालेगा? सरकार को तुरंत अफसरों की जवाबदेही तय करनी चाहिए। हर जिले में किसानों की शिकायत पर 72 घंटे में जांच हो, दोषियों पर केस हो और पीड़ित को बिना भागदौड़ के मुआवजा मिले तभी खेती पर भरोसा लौटेगा।

यह भी पढ़ें – दुबई से ‘ब्रांड मध्यप्रदेश’ का बिगुल: सीएम मोहन यादव की विदेश यात्रा से निवेश के नए दरवाजे खुलेंगे

आपकी क्या राय है ? क्या आप मानते हैं कि दोषी दुकानदारों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए? क्या नकली खाद-बीज पर सख्त मॉनिटरिंग जरूरी नहीं? अपनी राय नीचे लिखें और इस खबर को शेयर करें ताकि हर किसान की आवाज़ दूर तक पहुंचे। और ऐसी ख़बरों के लिए अपना कल के साथ जुड़े रहें। 

Leave a Comment

Your Website