मध्य प्रदेश इन दिनों बादलों के कहर से कराह रहा है। तेज बारिश और लगातार बढ़ते जलस्तर ने प्रदेश के कई ज़िलों में तबाही मचा दी है। पुल बह गए, सड़कें गायब हो गईं, खेतों में पानी नहीं, पानी में खेत समा गए हैं। नरसिंहपुर से लेकर श्योपुर तक हालात ऐसे हैं कि घरों में पानी घुस रहा है और लोग रस्सियों के सहारे नदियाँ पार करने को मजबूर हैं।
आइए जानते हैं इस बारिश की पूरी तस्वीर, जिसकी मार सिर्फ मौसम पर नहीं, आमजन की ज़िंदगी पर भी पड़ी है। किसान, स्कूली छात्र ऑफिस जाने वालो या रोजाना मजदूरी कर अपना घर खर्च चलाने वाले। सभी लोगों को जीवन इस बारिश की वजह से बिगड़ गया है।
देखें कैसे बनी ये बारिश तबाही की वजह?
मध्य प्रदेश में एक्टिव हुआ एक मजबूत मानसूनी सिस्टम अब कहर बन चुका है। बीते 3 दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने कई ज़िलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। नरसिंहपुर और कटनी में पुल-पुलियाएं बह गईं, जिससे रास्ते बंद हो गए। मंडला में नर्मदा नदी लाल निशान से ऊपर बह रही है, और जबलपुर में तो नर्मदा का जलस्तर रफ्तार से बढ़ रहा है।
बरगी डैम का जलस्तर 24 घंटे में 5 फीट तक बढ़ गया है, जिस कारण रविवार दोपहर 12 बजे गेट खोल दिए गए है। मतलब खतरे की घंटी सिर्फ बज नहीं रही, चीख रही है।
श्योपुर में रिकॉर्ड बारिश, शिवपुरी के गांव जलमग्न
शनिवार को श्योपुर में सबसे ज्यादा 7 इंच बारिश दर्ज की गई, जबकि जबलपुर में सवा चार इंच पानी गिरा। भोपाल में लगातार तीसरे दिन रिमझिम फुहारें पड़ीं, लेकिन बाकी ज़िलों में हालात और भी गंभीर हैं।
शिवपुरी के बैराड इलाक़े में कई गांवों में पानी घुस गया है। जोराई गांव में सड़क पर खड़ी गाड़ियाँ पूरी तरह डूब गई हैं। श्योपुर के बेनीपुरा गांव में क्वारी नदी का पानी घरों में घुस गया। करीब 20 घरों में गृहस्थी का सामान बर्बाद हो गया। और ये सिर्फ एक गांव की कहानी नहीं है। मध्य प्रदेश के लगभग सभी गावों में एक जैसे हालात है।
सड़कें, पुल सब फंसी कीचड़ में
डिंडोरी में खेत की मिट्टी बहकर नेशनल हाईवे पर आ गई। कई गाड़ियाँ कीचड़ में फंस गई हैं। वहीं नरसिंहपुर में स्टेट हाईवे-22 पर पुलिया धंसने के बाद रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है। लोग रस्सियों के सहारे शक्कर नदी पार कर रहे हैं। ये दृश्य प्राकृतिक सुंदरता का नहीं, सरकारी लापरवाही का प्रतीक बन चुके हैं।
शहडोल जिले के केशवाही में तो सुबह-सुबह एक कच्चे मकान की दीवार गिरने से बुजुर्ग दंपती की जान चली गई। ऐसी खबरें अब ‘खबर’ नहीं रहीं, आम होती जा रही हैं।
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देखें कहाँ-कहाँ अलर्ट जारी है?
मौसम विभाग ने मंडला और कटनी के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटों में यहां 8 इंच से अधिक बारिश हो सकती है। इसके अलावा जबलपुर, शहडोल, अनूपपुर, सतना, पन्ना, बालाघाट, डिंडोरी, सिवनी, छिंदवाड़ा जैसे ज़िलों में भी ऑरेंज अलर्ट है।
भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत अन्य बड़े शहरों में यलो अलर्ट जारी है, यानी हालात बिगड़ भी सकते हैं।
लोगों का कहना है कि बारिश तो हर साल होती है, लेकिन ऐसी बर्बादी नहीं। सोशल मीडिया पर कुछ लोग लिख रहे हैं कि “सरकार हर साल डैम के गेट खोलने की योजना बाद में बनाती है, जब सब डूब चुका होता है।
मैं उदय पटेल एक लेखक होने के नाते मुझे लगता है कि मौसम पर किसी का ज़ोर नहीं चलता, लेकिन तैयारी पर तो चलना ही चाहिए। यदि हर साल की तरह इस साल भी सरकार और प्रशासन सिर्फ बारिश के बाद हरकत में आएगा, तो नुकसान सिर्फ संपत्ति का नहीं, विश्वास का भी होगा।
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आज MP में जो हालात हैं, वो सिर्फ मौसम की वजह से नहीं हैं, सिस्टम की ढीली पकड़ और संसाधनों की गलत प्राथमिकता भी बराबर की जिम्मेदार हैं। आप किस जिले ये खबर पढ़ रहें और आपके इलाके में बारिश के क्या हाल है नीचे कमेंट करके जरूर बताएं और ऐसी ख़बरों के लिए अपना कल न्यूज़ के सतह जुड़े रहें।