MP News: मध्य प्रदेश के किसानों के लिए राहत और कृषि यंत्रो को सब्सिडी में खरीदने की बड़ी खबर है। 18 जून 2025 से ही मध्य प्रदेश सरकार ने आधुनिक कृषि यंत्रों पर अनुदान पाने के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिससे अब किसान ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल के माध्यम से मल्टी क्रॉप प्लांटर, स्ट्रा रीपर, हैप्पी सीडर जैसे महंगे यंत्रों से लेकर सिंचाई में इस्तेमाल किये जाने वाले पाइप तक के लिए आसानी से सब्सिडी के साथ खरीद सकेंगे।
मध्य प्रदेश सरकार देगी आधुनिक कृषि यंत्रों पर सब्सिडी
भोपाल स्थित कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय द्वारा घोषित योजना के तहत राज्य के किसान अब उन्नत तकनीक से युक्त यंत्रों के लिए सब्सिडी पर आवेदन कर सकते हैं। यह पहल खेती को आसान, कम लागत वाली और ज्यादा उत्पादक बनाने के मकसद से की जा रही है। इस सब्सिडी योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया 18 जून 2025 से शुरू हो चुकी है।
देखें कौन-कौन से यंत्रों पर मिलेगा लाभ?
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कृषि यंत्रों पर सब्सिडी योजना दिया जा रहा है जो की उन्नत तकनीक से युक्त यंत्रों के लिए मान्य है जिसकी सूची हमने नीचे साझा की है।
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मल्टी क्रॉप प्लांटर
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स्ट्रा रीपर
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हैप्पी सीडर
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सुपर सीडर
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स्वचालित टूलबार (राइड ऑन टाइप)
ये सभी उपकरण आधुनिक खेती की रीढ़ माने जाते हैं और परंपरागत तरीकों की तुलना में श्रम और समय दोनों की बचत करते हैं। और इन्ही सभी यंत्रों पर सब्सिडी दी रही है। इसके साथ खेत में सिंचाई के लिए पाइप, पंप, मोटर, धान काटने और बोने की मशीन, और गेहूं काटने की मशीन पर भी सरकार द्वारा सब्सिडी दी जा रही है। इसके लिए आपको अपने नजदीकी ग्राम सेवा अधिकारी से संपर्क करना होगा।
आवेदन प्रक्रिया और जरूरी शर्तें
किसानों को अपने आवेदन के साथ डिमांड ड्राफ्ट (DD) जमा करना अनिवार्य होगा। यह डीडी संबंधित जिले के सहायक कृषि यंत्री के नाम से होना चाहिए। बिना डिमांड ड्राफ्ट राशि के आवेदन अमान्य माने जाएंगे। कृषि यंत्र के हिसाब से डीडी राशि कुछ इस प्रकार है:
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मल्टी क्रॉप प्लांटर – ₹3,000
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स्ट्रा रीपर – ₹10,000
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स्वचालित टूलबार – ₹5,000
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हैप्पी सीडर – ₹4,500
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सुपर सीडर – ₹4,500
आवेदन ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल farmer.mpdage.org/ पर ऑनलाइन किए जाएंगे। आवेदन जमा होने के बाद, लॉटरी प्रक्रिया द्वारा चयन किया जाएगा और उसकी जानकारी अलग से प्रकाशित की जाएगी।
किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
इन कृषि यंत्रों की बाजार कीमत लाखों में होती है, जिसे छोटे और माध्यम वर्ग के किसान वहन नहीं कर पाते। सरकार की सब्सिडी से यह बोझ हल्का होगा और किसान आधुनिक तकनीक अपनाकर अपनी फसल की उत्पादकता बढ़ा सकेंगे। इससे न केवल उपज बढ़ेगी, बल्कि मशीनीकरण से काम भी जल्दी और बेहतर होगा।
राजगढ़ के एक किसान रमेश पटेल कहते हैं, “पिछली बार मुझे सुपर सीडर का लाभ मिला था, जिससे गेहूं की बुआई आसान हो गई। अब फिर मौका मिल रहा है, तो मैं स्ट्रा रीपर के लिए आवेदन करूंगा।”
वहीं कुछ किसानों का यह भी मानना है कि लॉटरी प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए और चयन की पूरी जानकारी ग्राम पंचायत स्तर तक पहुंचे।
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मेरे अनुसार सरकार की यह योजना निश्चित ही खेती को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। अगर आप किसान हैं और खेती में तकनीक को अपनाना चाहते हैं तो इस योजना का लाभ जरूर लें। लेकिन इस कृषि यंत्रों पर सब्सिडी देने की प्रक्रिया साफ़ और पारदर्शी नहीं है क्योंकि जिन किसानों की सब्सिडी पिछले वर्ष नहीं आई है उन्हें अब तक इस बात की पूरी जानकारी नहीं दी गई की उनको सब्सिडी क्यों नहीं मिली।
इस योजना में निजी एजेंसी किसानों को बोल देती है की सभी को सब्सिडी मिल जाएगी लेकिन असलियत में ऐसा नहीं होता और किसानों को कृषि यंत्र बेच दिए जाते है कि बाद में आपको सब्सिडी मिल जाएगी लेकिन किसानों को कृषि यंत्र नगद लेना पड़ता है और बाद में सब्सिडी रिजेक्ट हो जाती है तो किसानों को पूरा भर खुद सहना पड़ता है।
आपके अनुसार इस योजना में और क्या सुधार होने चाहिए? नीचे कमेंट कर अपनी राय बताएं। और इस तरह की साफ और क्लियर मध्य प्रदेश से जुडी ख़बरों के लिए अपना कल के साथ जुड़े रहें।
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