मध्य प्रदेश के लाखों किसानों के लिए राहत की खबर है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ने फसलों की सुरक्षा के लिए किसानों को 50% तक की सब्सिडी देने का ऐलान किया है। अब खेतों के चारों ओर लगाई जाने वाली जाली पर आधा खर्चा सरकार उठाएगी। यह कदम सीधे-सीधे फसल बचाने और किसान की कमाई बढ़ाने की दिशा में बड़ा बदलाव ला सकता है।
किसानों की सुरक्षा को लेकर सरकार का बड़ा फैसला
फसलों को जंगली जानवरों से बचाना हर किसान की बड़ी चिंता होती है। नीलगाय, सूअर और अन्य जानवर रातों रात महीनों की मेहनत पर पानी फेर देते हैं। अब मध्य प्रदेश सरकार ने इसी गंभीर समस्या का समाधान निकाला है।
मोहन यादव सरकार ने घोषणा की है कि अब खेतों में लगने वाली “गेलनवाइज जाली” (chain link fencing) पर 50% अनुदान दिया जाएगा। यह योजना उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य किसानों की फसलों को सुरक्षित करना और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है।
मध्य प्रदेश के किसान ले सकते हैं लाभ
इस योजना के तहत किसान अपने खेत के चारों तरफ लोहे की जाली लगाकर सुरक्षा घेरे बना सकेंगे। जाली लगाने का कुल खर्च अब किसान और सरकार मिलकर उठाएंगे। यानी किसान सिर्फ आधा खर्च देगा और बाकी आधा सरकार देगी।
किसानों को इसके लिए उद्यानिकी विभाग की वेबसाइट https://mphorticulture.gov.in/hi पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ जरूरी दस्तावेज जैसे ज़मीन की जानकारी, बैंक खाता विवरण, पहचान पत्र आदि अपलोड करने होंगे। एक बार आवेदन स्वीकृत होने पर विभाग द्वारा फील्ड निरीक्षण किया जाएगा और फिर अनुदान की प्रक्रिया शुरू होगी।
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किसानों के लिए जरुरी है यह योजना
मध्य प्रदेश के हजारों किसान हर साल लाखों की फसलें सिर्फ इसलिए गंवा देते हैं क्योंकि उनके खेत खुले होते हैं और जंगली जानवर रात के अंधेरे में घुसकर फसलें चौपट कर देते हैं।
नीलगाय और जंगली सूअर जैसे जानवरों से बचाव के लिए किसानों को मजबूरी में कांटेदार तार या बांस की अस्थायी बाड़ लगानी पड़ती थी, जो ना महफूज होती थी ना टिकाऊ। लेकिन अब इस योजना से “सुरक्षा भी, टिकाव भी” का भरोसा मिलेगा।
मध्य प्रदेश सरकार का मानना है कि अगर किसान को फसल की सुरक्षा की गारंटी मिलेगी, तो वह बेहतर उत्पादन के लिए आगे बढ़ेगा और इससे उसकी आय भी स्वाभाविक रूप से बढ़ेगी।
देखें योजना से क्या होगा फायदा?
इस योजना से न केवल फसलें सुरक्षित रहेंगी, बल्कि किसान को मानसिक सुकून भी मिलेगा। जिन किसानों की उद्यानिकी फसलें जैसे फल, फूल, सब्जियाँ आदि होती हैं, उनके लिए यह योजना बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। एक बार जाली लगने के बाद कई सालों तक फसलें संरक्षित रहेंगी, जिससे नुकसान की आशंका कम होगी। इससे किसानों को बार-बार की सुरक्षा व्यवस्था पर खर्च नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा ये योजना खेती में आधुनिकता और योजनाबद्ध निवेश को भी बढ़ावा देती है।
मैं उदय पटेल एक लेखक और अपना कल न्यूज़ का संपादक-इन-चीफ होने के नाते मुझे लगता हैं कि यह फैसला केवल एक योजना नहीं, बल्कि राज्य सरकार द्वारा किसानों की जिंदगी में स्थायी सुधार लाने की एक कोशिश है। कई बार किसान अच्छी पैदावार की तैयारी तो करते हैं, लेकिन फसल की सुरक्षा की कमी से उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ता है।
अगर इस योजना को पारदर्शिता और तेज़ प्रक्रिया के साथ लागू किया गया, तो यह मध्यप्रदेश के कृषि क्षेत्र में गेम-चेंजर बन सकती है। साथ ही इससे किसानों में सरकार के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा।
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मोहन यादव सरकार की इस पहल से किसानों को न सिर्फ राहत मिलेगी, बल्कि भविष्य की योजनाओं में भी वे अधिक भरोसे और आत्मविश्वास के साथ कदम बढ़ा सकेंगे। क्या आप या आपके परिवार में कोई किसान है? क्या ऐसी योजना से आपके खेत को फायदा मिलेगा? नीचे कमेंट कर अपनी राय जरूर बताएं। और ऐसी ख़बरों, योजनाओं, रोजगार समाचार और मध्य प्रदेश की हर एक छोटी बड़ी खबर के लिए जुड़ें रहें अपना कल न्यूज़ के साथ।