MP News: जबलपुर में BBA पास युवक बना नकली नोटों का सरगना, कब्रिस्तान के पास रखे लाखों के नोट

By
On:
Follow Us

MP News – मध्य प्रदेश के जबलपुर से नकली नोटों का बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो कलर प्रिंटर, लैपटॉप और स्पेशल पेपर के जरिए घर में ही नकली नोट छापता था। इस हाई-टेक गिरोह का सरगना कोई और नहीं बल्कि BBA पास 36 वर्षीय ऋतुराज विश्वकर्मा निकला, जो लंबे समय से इस गैरकानूनी कारोबार को चला रहा था।

कब्रिस्तान के पास रंगे हाथ पकड़ा गया युवक

16 जून को पुलिस को सूचना मिली कि रवि दहिया नामक युवक मंडी मदर टेकरी कब्रिस्तान के पास नकली नोटों के साथ खड़ा है। पुलिस ने घेराबंदी कर उसे 2.94 लाख रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया। और पुलिस पूछताछ में रवि ने पूरे नेटवर्क का राज़ खोल दिया।

मुख्य आरोपी ऋतुराज गिरफ्तार

पुलिस ने 17 जून को यशवंत नगर स्थित एक किराए के मकान से गिरोह के सरगना ऋतुराज को गिरफ्तार किया। उसके घर से कलर प्रिंटर, लैपटॉप, स्पेशल पेपर, प्रिंटिंग रंग और कटर जब्त किया गया। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह Paint ऐप और 3rd पार्टी वेबसाइट की मदद से नकली नोटों की डिज़ाइन बनाकर उन्हें छापा करता था।

18 लाख के नकली नोट बरामद, 6 गिरफ्तार

पुलिस ने इस मामले में 18 लाख की नकली नोट बरामद की है और साथ ही 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह में मुख्य आरोपी रवि दहिया के साथ अन्य आरोपी भी गिरफ्तार किय ेगये है:

  • धीरज मनवानी (20 वर्ष)
  • गौरव तिवारी (44 वर्ष)
  • संतोष श्रीवास्तव (55 वर्ष)
  • अजय नवेरिया (42 वर्ष)
  • सत्यम पटेल

इनमें से संतोष और अजय ने 12.5 लाख के नकली नोट लेकर बदले में 4 लाख असली दिए थे। पुलिस ने अजय के पास से 9 लाख और जमना प्रसाद पटेल के पास से 3 लाख के नकली नोट बरामद किए हैं।

जबलपुर समेत कई जिलों में होती थी सप्लाई

ऋतुराज ने पुलिस जाँच में कबूला कि वह नकली नोटों को जबलपुर, नरसिंहपुर और मंडला जैसे आसपास के जिलों में सप्लाई करता था। वह असली नोटों के बदले तीन गुना नकली नोट देता था, जिससे लोग लालच में आ जाते थे।

यह भी पढ़ें – MP News: अब सैटेलाइट से बनेंगी गांव की सड़कें, मनरेगा का ‘सिपरी’ सॉफ्टवेयर करेगा प्लानिंग और निगरानी

पुलिस कर रही पूरे नेटवर्क की जांच

हनुमानताल सिटी एसपी सुनील नेमा के मुताबिक, अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि यह गिरोह कब से सक्रिय था और अब तक कितने नकली नोट बाजार में खपा चुका है। शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि यह गिरोह पूरी प्रोफेशनल तरीके से नकली नोट छापता था ताकि नोट असली जैसे दिखें और पकड़े न जाएं।

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि तकनीक का गलत इस्तेमाल किस तरह समाज में आर्थिक अपराधों को बढ़ावा दे सकता है। पुलिस की मुस्तैदी से एक बड़ा अपराध भले पकड़ा गया हो, लेकिन इससे यह सवाल भी उठता है कि अब तक बाजार में कितने नकली नोट पहुंच चुके हैं?

यह भी पढ़ें – MP News: वन ग्रामों का सर्वे करेंगे CM मोहन यादव, जो आदिवासी छूटे उन्हें भी मिलेगा हक

Leave a Comment

Your Website