MP Weather: मध्य प्रदेश के इन 21 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, नदियाँ उफान पर, अगले 4 दिन तक नहीं मिलेगी राहत

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मध्य प्रदेश इन दिनों आसमान से बरस रही बारिश से हाल बेहाल है। एक ओर जहां खेतों में पानी भर गया है, वहीं कई गाँवों और शहरों की गलियाँ नदी बन चुकी हैं। मौसम विभाग ने 21 जिलों में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। आने वाले 4 दिन और भी कठिन हो सकते हैं, क्योंकि मौसम का मिजाज टस से मस होने को तैयार नहीं।

जबलपुर से बालाघाट तक बारिश का रेड अलर्ट

मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से खासकर जबलपुर, सागर, दमोह, मंडला, डिंडौरी और बालाघाट में सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने यहां अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जो बता रहा है कि अगले 24 घंटे में 8 इंच तक पानी गिर सकता है। जबलपुर में बरगी डैम के गेट दोपहर में खोले गए, जिससे नर्मदा के घाटों पर जलस्तर 4–5 फीट तक बढ़ गया।

इधर शिवपुरी, शहडोल, नरसिंहपुर और श्योपुर जैसे इलाकों में हालत और भी गंभीर हो चले हैं। कई मोहल्लों में पानी घरों के अंदर घुस गया है।

देखें कौन-कौन से जिले हैं खतरे में?

आज रविवार को भारी बारिश का अलर्ट 21 जिलों के लिए है, जिनमें शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, कटनी, छिंदवाड़ा, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर जैसे नाम शामिल हैं। इसके अलावा भोपाल, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर में भी रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।

सीहोर, देवास, हरदा, पन्ना, सतना और मैहर जैसे इलाके भी आने वाले दिनों में रेड जोन में आ सकते हैं। लेकिन अभी ये इलाके खतरे से बाहर हैं।

अगले 4 दिन का हाल बिगड़ा

मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, मध्य प्रदेश में एक साथ तीन स्ट्रॉन्ग वेदर सिस्टम एक्टिव हैं। दो ट्रफ और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन। यही वजह है कि ये बारिश अब रुकने का नाम नहीं ले रही। यह इस मानसून सीजन का अब तक का सबसे मजबूत सिस्टम है।

6 से 9 जुलाई तक रोज नए जिलों में भारी से अति भारी बारिश का खतरा बना रहेगा। हर दिन हालात किसी नए जिले को मुश्किल में डाल सकते हैं।

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जलजमाव से जनजीवन अस्त-व्यस्त

शुक्रवार और शनिवार को शिवपुरी, शहडोल, नरसिंहपुर, सीधी और इंदौर जैसे जिलों में कई इलाकों में पानी भर गया। गांवों का संपर्क कट गया, लोग घरों में फंसे रहे, और कई जगह प्रशासन को नाव तक लगानी पड़ी। सीधी में 2 इंच, सागर में पौने 2 इंच, रीवा और सतना में 1 इंच बारिश रिकॉर्ड हुई। भोपाल और उज्जैन में भी आधा इंच बारिश ने शहरों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया।

मध्य प्रदेश के किसानों का कहना है कि पानी की भरमार से फसलें खराब होने का खतरा है, वहीं आम लोग घर से निकलने में डर रहे हैं। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि प्रशासन की तैयारियां आधी-अधूरी हैं।

बारिश ज़रूर प्रकृति की देन है, लेकिन जब ये काबू से बाहर हो जाए तो खतरा बन जाती है। फिलहाल ज़रूरत है सतर्क रहने की। प्रशासन के निर्देशों का पालन करें, नदियों के किनारे जाने से बचें और ज़रूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो जाएँ। आपके जिले का क्या हाल है? नीचे कमेंट में बताएं  हम आपकी बात दुनिया तक पहुंचाएंगे। और हाँ ऐसी ख़बरों के लिए अपना कल के साथ जुड़े रहें। 

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