मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 2025 की शुरुआत 5,000 करोड़ रुपये के कर्ज के साथ की है। यह कर्ज विकास योजनाओं को जारी रखने और वित्तीय जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए लिया गया है। अब तक, वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरकार कुल 35,000 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। माना जा रहा है कि इस राशि का उपयोग ‘लाड़ली बहना योजना’ और सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के बकाया भुगतान के लिए किया जाएगा।
वित्त विभाग ने 27 दिसंबर 2024 को नोटिस जारी कर 5,000 करोड़ रुपये के कर्ज की प्रक्रिया शुरू की थी। 31 दिसंबर 2024 को यह तय किया गया कि यह कर्ज दो हिस्सों में लिया जाएगा। पहला हिस्सा 13 साल की अवधि के लिए और दूसरा 22 साल की अवधि के लिए है।
राज्य की कर्ज प्रक्रिया और इसकी शर्तें
पहला ऋण 13 साल की अवधि के लिए लिया गया है, जिसे 2038 तक चुकाया जाएगा। दूसरा ऋण 22 साल के लिए है, जिसे 2047 तक भुगतान करना होगा। सरकार ने पहले भी अगस्त 2024 में 10,000 करोड़ रुपये का ऋण लिया था।
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कर्ज का बढ़ता बोझ
पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस बार राज्य सरकार का कर्ज 38 प्रतिशत बढ़ गया है। वर्तमान में राज्य सरकार पर 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरकार 88,450 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की योजना बना रही है।
सरकार के लिए आर्थिक चुनौतियां
सरकार द्वारा लगातार कर्ज लेने से भविष्य में राज्य की वित्तीय स्थिति पर दबाव बढ़ सकता है। हालांकि, इन कर्जों का उपयोग विकास योजनाओं को गति देने और वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में किया जा रहा है।
किसके लिए होगा कर्ज का उपयोग?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कर्ज ‘लाड़ली बहना योजना’ के तहत लाभार्थियों को सहायता देने और कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के बकाया भुगतान के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
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