MP News: अब सैटेलाइट से बनेंगी गांव की सड़कें, मनरेगा का ‘सिपरी’ सॉफ्टवेयर करेगा प्लानिंग और निगरानी

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MP News: मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों की सड़कें अब सैटेलाइट की निगरानी में बनेंगी। मनरेगा (MNREGA) द्वारा तैयार किया गया सिपरी सॉफ्टवेयर (SIPRI) सड़क निर्माण में तकनीकी क्रांति लाने जा रहा है। यह सॉफ्टवेयर न सिर्फ सड़क बनाने की लोकेशन चुनने में मदद करेगा, बल्कि निर्माण कार्य की निगरानी भी करेगा, वो भी सैकड़ों किलोमीटर दूर से ही। इस तकनीक के उपयोग होने से भ्रस्टाचार पर लगाम लगेगी गावों की सड़के उच्च गुड़वत्ता की बनेंगी। 

देखें क्या है सिपरी सॉफ्टवेयर?

SIPRI का फुल फॉर्म है – Software for Identification and Planning of Rural Infrastructure। यह तकनीक सैटेलाइट इमेजिंग की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों में अधोसंरचना (Infrastructure) योजनाओं के लिए उपयुक्त स्थल चयन, भू-स्वामित्व की पहचान और गुणवत्ता की जांच जैसे काम करेगा।

जमीन की पहचान होगी डिजिटल तरीके से

ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण की सबसे बड़ी चुनौती होती है जमीन का चिह्नांकन। पारंपरिक तरीके से इसमें भारी मिहनत और समय लगता था। लेकिन अब सिपरी सॉफ्टवेयर के जरिए सरकारी और निजी भूमि की पहचान सीधे सैटेलाइट से की जा सकेगी। इससे गलतियों की संभावना कम होगी और निर्माण की पारदर्शिता और गति बढ़ेगी।

इसरो और MPSEDC की मदद से बना सॉफ्टवेयर

सिपरी को मनरेगा, राज्य रोजगार गारंटी परिषद, एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MPSEDC) और ISRO (इसरो) की मदद से तैयार किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य है ग्रामीण क्षेत्रों में टिकाऊ, उपयुक्त और गुणवत्तापूर्ण सड़के बनाना है।

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देखें इस पर अधिकारी क्या बोले

मनरेगा आयुक्त अवि प्रसाद ने बताया, “सिपरी सॉफ्टवेयर आने वाले समय में ग्रामीण अधोसंरचना के निर्माण में गेमचेंजर साबित होगा। इससे न केवल काम की गति बढ़ेगी, बल्कि सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर भी सख्त नजर रखी जा सकेगी। 

मध्यप्रदेश ने डिजिटल टेक्नोलॉजी को ग्रामीण विकास से जोड़कर एक नया मॉडल पेश किया है। सैटेलाइट और सॉफ्टवेयर की इस साझेदारी से अब गांवों की सड़कें और योजनाएं तेज़, सटीक और पारदर्शी बनेंगी। यह पहल न सिर्फ राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन सकती है। इस तकनीत को लेकर आपकी क्या राय है नीचे कमेंट करके जरूर बताएं। 

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