MP News: मध्यप्रदेश के हर ग्राम पंचायत में खुलेगा दुग्ध कलेक्शन सेंटर, किसानों को मिलेगा नया रोजगार का साधन

नमस्कार दोस्तों !! मध्यप्रदेश राज्य के सभी दुग्ध उत्पादन करने वाले भाइयों और बहनों के लिए प्रदेश सरकार ने एक नई पहल शुरू की है। मध्य प्रदेश सरकार ने ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और प्रदेश की समृद्धि बढ़ाने अब हर ग्राम पंचायत में दुग्ध संग्रहण केंद्र (दुग्ध कलेक्शन सेंटर) खोले जाएंगे। इससे दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और किसानों तथा दुग्ध उत्पादकों को सीधा फायदा होगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है।

दूध कलेक्शन सेंटर खोलने का उद्देश्य 

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हर ग्राम पंचायत में एक दुग्ध कलेक्शन सेंटर खोलने का आदेश जारी किया है जिसका उद्देश्य केवल दुग्ध इकट्ठा करना नहीं है, बल्कि दुग्ध सहकारी समितियों की प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ाना भी है जिससे उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पाद तैयार किए जा सकेंगे। यह पहल प्रदेश की घरेलू मांग को पूरा करने के साथ-साथ अन्य राज्यों और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी पहुंच बनाने में सहायक होगी।

वर्तमान में प्रदेश में 6,000 दुग्ध समितियां हैं, जिन्हें बढ़ाकर 9,000 किया जाएगा। इस फैसले से दुग्ध संकलन 10.50 लाख किलोग्राम प्रतिदिन से बढ़कर 20 लाख किलोग्राम प्रतिदिन हो जाएगा। इसके अतिरिक्त, दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता को 18 लाख किलोग्राम प्रतिदिन से बढ़ाकर 30 लाख किलोग्राम प्रतिदिन किया जाएगा। 

दुग्ध कलेक्शन सेंटर योजना के लाभ

  1. किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार: दुग्ध कलेक्शन सेंटर से किसानों को कई तरह का मिलेगा जैसे अब किसानों द्वारा उत्पादन करने वाले दुग्ध को अब सरकार उचित दाम में खरीदेगी जिससे किसान को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं उठाना होगा। 
  2. रोजगार: दूध संग्रहण, प्रोसेसिंग और वितरण के लिए कई लोगों को रोजगार मिलेगा।
  3. आर्थिक मजबूती: दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता से प्रदेश की जीडीपी में सकारात्मक योगदान होगा।
  4. ग्रामीण महिलाओं को सशक्तिकरण: डेयरी उद्योग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी, जिससे उनके आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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इस योजना का मुख्य उद्देश्य दुग्ध उत्पादकों की आय में वृद्धि करना है, जिससे उनकी वार्षिक आय 1,700 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,500 करोड़ रुपये हो सके। दुग्ध उत्पादन में वृद्धि से प्रदेश का हर नागरिक लाभान्वित होगा, और यह पहल एक सशक्त, आत्मनिर्भर और समृद्ध मध्य प्रदेश के निर्माण में अहम भूमिका निभाएगी।

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