उज्जैन में विकास और नारी शक्ति का संगम होने जा रहा है: पीएम मोदी और सीएम मोहन यादव का ऐतिहासिक दौरा आज

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31 मई 2025 का दिन उज्जैन के लिए बेहद खास होने वाला है, क्योंकि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एक साथ शहर में नारी सशक्तिकरण और विकास से जुड़े अहम कार्यक्रमों में हिस्सा लेने जा रहे हैं। एक ओर जहां देवी अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन का आयोजन होगा, वहीं क्षिप्रा और कान्ह नदियों पर घाट और बेराज निर्माण की नींव भी रखी जाएगी।

महिला सशक्तिकरण के महाकुंभ में शामिल होंगे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री

आज दोपहर भोपाल के जंबूरी मैदान, भेल में एक भव्य महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुबह 11:15 बजे पहुंचने की संभावना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उनका स्वागत करेंगे और दोनों नेता इस ऐतिहासिक महासम्मेलन में भाग लेंगे।

यह सम्मेलन लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर को समर्पित होगा और इसमें प्रदेशभर से महिला प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री अपने संबोधन में महिला सशक्तिकरण से जुड़ी केंद्र सरकार की योजनाओं पर प्रकाश डाल सकते हैं और आत्मनिर्भर भारत में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित करेंगे।

नदियों के पुनरुद्धार की दिशा में आज बढ़ेगा बड़ा कदम

महिला महासम्मेलन के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दोपहर में उज्जैन के लिए रवाना होंगे। वहां वे क्षिप्रा नदी पर घाट निर्माण और क्षिप्रा व कान्ह नदियों पर बेराज निर्माण की आधारशिला रखेंगे। इन परियोजनाओं का उद्देश्य नदियों की पवित्रता, जल संरक्षण और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है।

घाटों का निर्माण न केवल श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अहम है, बल्कि इससे स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा। बेराजों की स्थापना से सिंचाई, जलभंडारण और जल प्रबंधन के क्षेत्र में राज्य को लाभ मिलने की उम्मीद है।

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दिनभर व्यस्त रहेगा मुख्यमंत्री का शेड्यूल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आज का दिन कई महत्वपूर्ण आयोजनों से भरा रहेगा। सुबह वे महिला महासम्मेलन में भाग लेंगे, फिर दोपहर में उज्जैन पहुंचकर घाट और बेराज परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। शाम तक वे एक स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेकर वापस भोपाल लौट सकते हैं।

उज्जैन के नागरिक इस दिन को लेकर उत्साहित हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि घाटों और बेराजों का निर्माण शहर की सांस्कृतिक पहचान को मजबूती देगा और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा। महिलाएं भी इस बात से गर्वित हैं कि एक महिला केंद्रित महासम्मेलन में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जैसे बड़े नेता शामिल होंगे। शहरवासियों को उम्मीद है कि यह पहल उज्जैन को सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टि से नई दिशा देगी।

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महिला सशक्तिकरण से लेकर धार्मिक और पर्यावरणीय धरोहरों की रक्षा तक, आज उज्जैन में होने वाले आयोजन मध्यप्रदेश की विकास यात्रा को एक नई दिशा देंगे। यह सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि भविष्य की सोच और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। ऐसी ही खबरों के लिए जुड़े रहें, और अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।

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