मध्यप्रदेश पुलिस में ट्रेनिंग लेने वाले कर्मियों के लिए बड़ा फैसला लिया है जिसके चलते अब पुलिस में ट्रेनिंग लेने के दौरान युवाओं को हर रात बैरक में बैठकर रामचरित मानस की चौपाइयों का सामूहिक पाठ करना होगा। मध्यप्रदेश में मंगलवार को एडीजी प्रशिक्षण राजाबाबू सिंह ने सभी पुलिस ट्रेनिंग सेंटर्स के एसपी की बैठक में यह निर्देश दिए।
पुलिस प्रशासन अब ट्रेनिंग सेंटर्स में अब केवल फिजिकल ट्रेनिंग और कानूनी शिक्षा ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक अनुशासन भी जवानों को सिखायगा। मंगलवार को एडीजी (प्रशिक्षण) राजाबाबू सिंह ने एक अहम फैसला लेते हुए सभी पुलिस ट्रेनिंग सेंटर्स के एसपी को निर्देश दिया कि जवान अब हर रात सोने से पहले बैरक में बैठकर सामूहिक रूप से रामचरित मानस की चौपाइयों का पाठ करेंगे।
मध्यप्रदेश के सभी ट्रेनिंग सेंटरों के जिला अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि ट्रेनिंग करने वाले पुलिस के जवान प्रतिदिन रात में सोने से पहले अपनी बैरक में साथ बैठकर चौपाइयों का सामूहिक पाठ करेंगे ताकि जब जवान एक साथ बैठें तो वे केवल पढ़ें ही नहीं, बल्कि चौपाइयों के भावार्थ को समझते हुए उसे अपने व्यवहार में उतार सकें।
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एडीजी राजाबाबू सिंह ने बातचीत में बताया कि कुछ रंगरूट अपनी पोस्टिंग या ट्रेनिंग को लेकर काफी असमंजस में रहते हैं और वे घर के पास वाला ट्रेनिंग सेंटर चाहते हैं जिससे उनको कोई परेशानी न हो ऐसी सोच से उबरने के लिए ही चौपाइयों के सामूहिक पाठ के लिए कहा गया है, क्योंकि भगवान राम 14 वर्ष वनवास में रहे उसी दौरान उन्होंने जंगल में जीवित रहने की कला अपरिचित वातावरण में ढलना और दुश्मन को परास्त करने की कला सीखी थी।
ऐसे में मानस की चौपाइयों के माध्यम से उनका मानसिक विकास और आत्मबल बढ़ाया जा सकता है। साथ ही आने वाले समय में शायद यही बदलाव जवानों को न सिर्फ बेहतर पुलिसकर्मी बल्कि एक बेहतर इंसान भी बना सके।
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