नमस्कार लाड़ली बहनों, मध्य प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए कई योजनाएँ शुरू की गई हैं जिनमें से एक लाड़ली बहना योजना है जिसकी मदद से लगभग सवा करोड़ लाड़ली बहनों को आर्थिक लाभ मिल रहा है जिससे ये महिलाएं अपने रोज मर्रा की जिंदगी को अच्छे से चला पा रही हैं। आपको बता दें कि अब तक सभी महिलाओं को लगभग 24 हजार रुपये दिया जा चुका है।
इस योजना के सफलता के बाद महिलाओं के लिए “लाड़ली आवास योजना” को लेकर आया गया इस योजना के तहत महिलाओं को घर बनाने के लिए आर्थिक सहायता देने का वादा किया गया था। लेकिन, चुनाव के बाद यह योजना केवल एक वादा बनकर रह गई और आज तक किसी भी महिला को इसका लाभ नहीं मिल पाया है।
चुनाव में किये गए थे बड़े बड़े वादे
मध्यप्रदेश चुनाव के दौरान मंचों से बड़ी बड़ी घोषणा की गई थी कि लाड़ली बहनों को अपने सपनों का घर बनाने में मदद के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी यह सहायता लाड़ली बहनों को किश्तों के रूप में प्रदान की जायगी जिससे गरीब और जरूरतमंद महिलाएं अपने घर का निर्माण कर सकेंगी। इस घोषणा के बाद लाड़ली बहनें काफी ज्यादा खुश हो गई थी कि सरकार की तरह से उन्हें घर निर्माण के लिए सहायता राशि प्रदान की जायगी।
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लाड़ली बहनों की मांग
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किये गए वादे के तहत लाड़ली बहनें चाहती हैं कि सरकार जल्द से जल्द इस योजना को लागू करे। उनका मानना है कि यदि समय पर इस योजना का लाभ मिलता तो अब तक उनके घर का सपना साकार हो सकता था लेकिन यह नहीं हो सका ऐसे में महिलाएं चाहती हैं कि चुनावी वादे केवल मंचों तक सीमित न रहें बल्कि यह सभी योजना जमीन पर उतरकर लोगों के जीवन में बदलाव लाएँ।
आपको बता दें कि चुनाव खत्म हुए काफी समय हो गया है, लेकिन लाड़ली आवास योजना का कोई अता-पता नहीं है न तो किसी महिला को इस योजना का लाभ मिला है और न ही इसके बारे में कोई ठोस जानकारी दी गई है।
महिलाओं को नहीं पता कि इस योजना के लिए आवेदन कैसे करना है।
गांवों और दूर-दराज के इलाकों में इस योजना के बारे में जागरूकता ही नहीं है।
सरकारी विभाग भी इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं।
देखा जाय तो लाड़ली आवास योजना एक बहुत अच्छा कदम हो सकता था, लेकिन सरकार ने इसे सिर्फ वादे तक सीमित रख दिया साथ ही इसे इतने समय के बाद भी लागू न करना कही न कही यह महिलाओं के भरोसे को तोड़ने के काम कर रहा है इसलिए सरकार को इस बात पर ध्यान देते हुए महिलाओं की जो उमीदें हैं उनको पूरा करें।
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