lokoktiyan in hindi लोकोक्तियां एवं उनका अर्थ 1 से 50

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लोकोक्तियाँ एवं कहावतें

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लोकोक्तियाँ या कहावतें जिनका हमारे व्यक्तिगत जीवन में बहुत ही उपयोग होता है, जिनका अर्थ होता है शब्दों को सीधा न कहकर तोर मरोर कर प्रकट करना लोकोक्तियाँ शब्दों को अर्थपूर्ण तरीके से प्रकट करता  हैं 

Let’s start the topic lokoktiyan in hindi

  1. अंधों में काना राजा : (मूर्खों में थोड़े समझदार की भी कदर होना)  गांव में थोड़ा पढ़ा लिखा व्यक्ति भी अंधों में काना राजा होता है।
  2. अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है : (अपने घर में कमजोर व्यक्ति भी बलवान बन जाता है )  प्रेम अपने घर में बैठकर बहुत बढ़ चढ़कर मत बोलो अपनी गली में तो कुत्ता भी शेर होता है।
  3. आम के आम और गुठलियों के दाम : (एक काम से दोहरा लाभ मिलना )  सेना में भर्ती होने से आम के आम गुठलियों के दाम मिलते हैं ऐसा करने से एक तो देश सेवा का फल मिलता है तथा दूसरा अच्छा वेतन मिलता है।
  4. आ बैल मुझे मार : (बिना कारण मुसीबत मोल लेना )  भाई तुम अपने उच्च अधिकारियों से उलझ कर बेकार में नौकरी को खतरे में मत डालो आ बैल मुझे मार वाली बातें से सदा दूर रहो।
  5. उल्टा चोर कोतवाल को डांटे : (उल्टा दोष लगाना)  एक ग्राहक ने दुकानदार को कम तोलते हुए पकड़ लिया जैसे ही ग्राहक ने दुकानदार को टोका तुरंत दुकानदार ने ग्राहक को ही उल्टा सीधा कहना शुरू कर दिया यह तो एक ऐसे हुआ कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे।
  6. ऊंट के मुंह में जीरा : (बड़े व्यक्ति के लिए छोटी सी वस्तु देना )  उस पहलवान के लिए केवल दो रोटी यह ऊंट के मुंह में जीरा है।
  7. ऊंची दुकान फीका पकवान : (बरा नाम पर काम कुछ भी नहीं )  बड़े होटल पर खाना खाने गए ना तो वहां ढंग का खाना था और ना ही कुछ सफाई थी हम सब के मुंह से यही निकला कि ऊंची दुकान फीका पकवान।
  8. एक अनार सौ बीमार : (एक वस्तु के मांगने वाले अनेक )  विद्यालय में चपरासी की एक जगह खाली थी उसके लिए लगभग 100 प्रार्थी थे अतः एक अनार सौ बीमार वाली कहावत सिद्ध हुई।
  9. एक पंथ दो काज : (एक काम से दोहरा लाभ )  नरेंद्र परीक्षा देने दिल्ली आया था यहां आकर उसने जामा मस्जिद बिरला मंदिर लाल किला आदि भी देख ली अर्थात एक पंथ दो काज।
  10. काला अक्षर भैंस बराबर : (अनपढ़ व्यक्ति )  अंग्रेजी तो मेरे भाई के लिए काला अक्षर भैंस बराबर है।
  11. कंगाली में आटा गीला : ( मुसीबत पर मुसीबत आना )  मोहन ने रुपया उधार लेकर दुकान शुरू की दुकान शुरू करते हैं उसमें चोरी हो गई उसके लिए तो कंगाली में आटा गीला रहा।
  12. खोदा पहाड़ निकला चिड़िया : (अधिक मेहनत करने पर थोड़ा लाभ )  हरि ने सारा दिन कमर तोर मेहनत किया और मिला कुछ नहीं  अर्थात खोदा पहाड़ निकला चुहिया ।
  13. घर का भेदी लंका दावे : (आपस की फूट से घर का नाश होता है )  इतिहास गवाह है कि देश विद्रोह के कारण भारत को दुश्मनों से हारना परा अर्थात घर का भेदी लंका ढाने का कारण बना ।
  14. घाट घाट का पानी पीना : (अनुभवी होना )  श्री पी एम गुप्ता ने घाट घाट का पानी पी रखा है उनको चकमा देने की कोशिश मत करना lokoktiyan in hindi
  15. चिराग तले अंधेरा : (प्रसिद्ध जगह गलत काम )   श्री नारायण दास जी स्वयं इतने महान विद्वान हैं परंतु उनके दोनों पुत्र पढ़ने में बेकार है इसे कहते हैं चिराग तले अंधेरा ।
  16. चोर की दाढ़ी में तिनका : ( दोषी व्यक्ति खुद डरता है )   जब तुमने कोई अपराध नहीं किया तो बार-बार अपने को बेकसूर की सफाई क्यों देते हो इनका मतलब तो लोग यही समझेंगे कि चोर की दाढ़ी में तिनका ।
  17. छाती पर सांप लोटना : (द्वेष में जलना )  रवि प्रकाश की उन्नति देखकर उनके पड़ोसी की छाती पर सांप लोटने लगाता है।
  18. जिसकी लाठी उसकी भैंस :  (शक्तिशाली की ही जीत होती है )  पहले तो जमींदार ने रणबीर की भैंस मरवा दे और फिर अपने आदमियों से उसने पिटवा दिया इसे कहते हैं जिसकी लाठी उसकी भैंस ।
  19. जो गरजते हैं वे बरसते नहीं : (ज्यादा डिंग मारने वाले कुछ नहीं करते )  विजय दावा करता था कि वह कक्षा में प्रथम आएगा परंतु परिणाम आने पर ज्ञात हुआ कि वह पास भी मुश्किल से हुआ है अर्थात जो गरजते हैं वह बरसते नहीं हैं ।
  20. जैसी करनी वैसी भरनी : (काम के अनुसार फल प्राप्त होना )  हरीश सदैव दूसरों की शिकायत प्रधानाचार्य से किया करता था 1 दिन प्रधानाचार्य ने हरीश की पिटाई कर दी किसी ने ठीक कहा है जैसी करनी वैसी भरनी ।
  21. डूबते को तिनके का सहारा : (संकट के समय थोड़ी सहायता भी बहुत होती है ) . सुग्रीव अपने भाई बाली से बदला लेना चाहता था श्री राम के साथ मित्रता करते समय उसे ऐसा लगा कि श्रीराम ही उनके लिए डूबते को तिनके का सहारा है ।
  22. ताली एक हाथ से नहीं बजती : ( झगड़े में थोड़े बहुत सभी दोषी होते हैं )  सास बहू के झगड़े प्रत्येक घर में रोजाना होती रहती है उस में से किसी एक को दोषी बताना ठीक नहीं होता है क्योंकि ताली एक हाथ से नहीं बजती है ।
  23. थोथा चना बाजे घना : ( असलियत कम दिखावा ज्यादा )  दो बार फेल होने पर भी डिंग ऐसी मारता है जैसे बहुत होशियार हो थोथा चना बाजे घना वाली बात है ।
  24. दूर के ढोल सुहावने : (दूर की वस्तुएं अच्छी दिखती है )  अरे भाई अलीपुर से तो तुम्हारा गांव समयपुर बहुत अच्छा है फिर तुम अलीपुर जाने की बात सोच रहे हो वहां ऐसा क्या है दूर के ढोल सुहावने ।
  25. दीवारों के भी कान होते हैं : (गुप्त बात खुल जाने का डर होना)  मेरे मित्र थोड़ा सावधानी से सलाह करो तुम्हारी बात कोई भी सुन सकता है दीवारों के भी कान होते हैं ।
  26. नाच ना जाने आंगन टेढ़ा : (काम तो होता नहीं बस बहाने करता है )  अनिल को पढ़ना तो आता नहीं परंतु बार-बार कहता है कि साफ नहीं लिखा है इसे कहते हैं नाच ना जाने आंगन टेढ़ा ।
  27. नेकी कर कुएं में डाल : ( भलाई करके भूल जाना चाहिए ) भलाई करो बार-बार करते रहो परंतु अपने मुंह से उसे बार-बार ना गावो अतः नेकी कर और कुएं में डालो ।
  28. नौ नगद न तेरह उधार : (जो वस्तु उसी समय मिले वही अच्छी है )  लेखक ने प्रकाशक से कहा कि मुझे मेरे लेख का जो कुछ देना है अभी दे दो मुझे उधार पर भरोसा नहीं है क्योंकि नगद (अच्छे हैं) ना तेरा उधार (अच्छे नहीं ) .
  29. मुंह में राम बगल में छुरी : (बाहर से तो सज्जन दिखे परंतु अंदर से दुष्ट)  पाकिस्तान के लिए लाहौर बस यात्रा मुंह में राम बगल में छुरी के समान सिद्ध हुई है ।
  30. सांच को आंच नहीं : (सच बोलने पर डर कैसा )   अरे मित्र मैं तो अध्यापक के सामने सब सच बता दूंगा मुझे कोई डर नहीं है क्योंकि सांच को आंच नहीं है ।

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  • Princi Soni

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