सोशल मीडिया पर इन दिनों बंदर व्लॉगर के वीडियो ने तहलका मचा दिया। जिसमें एक बंदर खुद कैमरा पकड़कर व्लॉगिंग करता दिख रहा है। लाखों लोग इसे असली मानकर हंस रहे हैं, शेयर कर रहे हैं, लेकिन अब सच सामने आ चुका है। यह वीडियो AI tools से बनाया गया है, यानी एक रियल लगने वाली दुनिया, जो असल में कभी थी ही नहीं।
बंदर की ‘व्लॉगिंग’ नहीं, AI की जादूगरी निकली
वीडियो में एक बंदर नजर आता है जो कैमरे को पकड़कर इंसानों की तरह व्लॉग बना रहा है। देखकर यही लगता है कि यह कोई जंगल सफारी का नज़ारा है, लेकिन हकीकत कुछ और है। सोशल मीडिया में वायरल हो रही इस तरह की वीडियो AI Image + Video Generation Tools की मदद से बनाये जाते है। यानी किसी इंसान ने सिर्फ टेक्स्ट में लिखा: “a monkey holding a camera and shooting vlog like a human” — और AI ने वो वीडियो बना डाली।
इस वीडियो में बंदर की हरकतें, कैमरे का मूवमेंट, और बैकग्राउंड तक एकदम रियल लगते हैं। लेकिन जब वीडियो को ध्यान से एनालाइज किया गया, तो पता चला कि इसकी फ्रेमिंग, लाइटिंग और एनिमेशन एकदम AI-स्ट्रक्चर्ड हैं।
AI-generated Animal Vlogs का नया ट्रेंड
बंदर ही नहीं, अब सोशल मीडिया पर कुत्ते, बिल्ली, शेर और यहां तक कि बकरी भी व्लॉगिंग करते हुए दिख रही हैं और इनमें से अधिकतर वीडियो 100% AI-generated हैं।
AI tools जैसे RunwayML, Pika, Kaiber, Sora by OpenAI जैसे प्लेटफॉर्म अब ऐसी वीडियो बनाने में सक्षम हैं जो रियलिटी और फिक्शन के बीच का अंतर ही मिटा देते हैं। यूज़र्स अब सिर्फ एक क्रिएटिव आइडिया लिखते हैं, और AI उसे हकीकत जैसा वीडियो बना देता है।
देखें लोग क्यों मान बैठे इसे असली
इस तरह की वायरल वीडियो की सबसे बड़ी खासियत है इसका रियलिज़्म। बंदर की आंखों की हरकत, कैमरे का मूवमेंट, और ऑडियो की ट्यूनिंग, सब कुछ इतना परफेक्ट है कि कई लोगों को शक ही नहीं हुआ।
वायरल होने के बाद कई इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब शॉर्ट्स पर लोग इसे रीपोस्ट कर रहे थे, बिना ये जाने कि यह AI-generated visual है।
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देखें सोशल मीडिया पर लोगो की राय
कुछ लोग इस ट्रेंड को मनोरंजन का अगला कंटेंट मानते हैं, तो कुछ को डर है कि इससे फेक और रियल का फर्क मिट जाएगा। एक ट्विटर यूज़र ने लिखा – “अब इंसानों को भी ऑडिशन देने की ज़रूरत नहीं, AI से जानवर भी स्टार बन सकते हैं।”
मेरे अनुसार AI का ये क्रिएटिव पहलू वाकई कमाल का है, लेकिन हमें ये समझना होगा कि इसका असर सिर्फ मज़ेदार वीडियो तक सीमित नहीं रहेगा। अगर आम दर्शक AI-generated content को रियल मान लेता है, तो कल को फेक न्यूज, फेक इंटरव्यू, फेक सबूत जैसी चीज़ें और खतरनाक रूप ले सकती हैं।
मज़ा लेना गलत नहीं, लेकिन तकनीक की सच्चाई को पहचानना आज के समय की जरूरत है। बंदर की ये व्लॉगिंग हो या कुत्ते की रील अब AI वो सब कुछ दिखा सकता है, जो कभी सिर्फ कल्पना थी।
आपको क्या लगता है क्या AI से बनी ये ‘जानवरों की व्लॉगिंग’ सिर्फ एंटरटेनमेंट है या भविष्य का खतरा? नीचे कमेंट कर अपनी राय ज़रूर बताएं। और इस तरह की ख़बरों के लिए जुड़े रहें अपना कल के साथ।
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