मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 28 अगस्त भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और सरकारी चिकित्सकों के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की है। इस कार्यक्रम के दौरान ही शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में 2000 बिस्तरीय चिकित्सालय, नवीन ओपीडी ब्लॉक, नर्सिंग कॉलेज, नर्सिंग हॉस्टल एवं सीट वृद्धि परियोजना का लोकार्पण और भूमिपूजन किया।
उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा कि एक जमाना था, जब मध्यप्रदेश बीमारू राज्य हुआ करता था। आज प्रदेश की ग्रोथ रेट 19.76% है, जो देश में सबसे ज्यादा है। हम तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। देश की जीएसडीपी में हमारा योगदान पहले 3.6% हुआ करता था, आज बढ़कर 4.6% हो गया है और जब मैं मुख्यमंत्री बना तो मध्यप्रदेश में केवल 5 मेडिकल कॉलेज थे। अब हम मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़ाते-बढ़ाते 30 तक लेकर जाने वाले हैं।
सरकारी चिकित्सकों के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं
- मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा और गृह सभी विभागों में कार्यरत चिकित्सकों के लिए डीएसीपी की व्यवस्था लागू होगी, जिसमें 5, 10 और 15 का फार्मूला लागू किया जाएगा।
- मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर को भी अन्य डॉक्टर के समान ही 1 जनवरी 2016 से सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।
- मेडिकल कॉलेज के सहायक प्राध्यापक संवर्ग के साथ में सातवें वेतनमान में त्रुटि सुधारने का कार्य किया जाएगा।
- प्रदेश के सभी विभागों के डॉक्टर का सातवें वेतनमान में एनपीए की गणना में त्रुटियों का सुधार किया जाएगा।
- चिकित्सा विभाग स्वास्थ्य विभाग के संविदा चिकित्सकों को संविदा कर्मचारियों के समान लाभ दिए जाएंगे।
- स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल ऑफिसर संवर्ग के समान ही चिकित्सा शिक्षा श्रम और गृह विभाग के मेडिकल ऑफिसर को समान कार्य समान वेतन प्रदान किया जाएगा।
- शहर के नर्सिंग होम को रेगुलर करने की व्यवस्था होगी। आजीवन परिवर्तन शुल्क 15% से घटाकर 5% किया जाएगा। पार्किंग और वार्षिक शुल्क नहीं लगेगा 30% कंपाउंडिंग की अनुमति भी दी जाएगी।
- जूनियर डॉक्टर और मेडिकल स्टूडेंट के लिए ग्रामीण सेवा बॉन्ड के लिए सीट लिविंग बॉन्ड की राशि का युक्तिकरण किया जाएगा।
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प्रदेश के सभी डॉक्टरों को भी मिलेगा लाभ
प्रदेश के सभी विभागों के डॉक्टर्स के 7वें वेतनमान में एनपीए की गणना की त्रुटियों का सुधार किया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के संविदा चिकित्सकों को संविदा कर्मचारियों के समान लाभ दिए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल ऑफिसर संवर्ग के समान ही चिकित्सा शिक्षा, श्रम और गृह विभाग के मेडिकल ऑफिसर्स को समान कार्य-समान वेतन प्रदान किया जाएगा। जूनियर डॉक्टर्स और मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए अनिवार्य ग्रामीण सेवा बॉन्ड के लिए सीट लिविंग बॉन्ड की राशि का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा।
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