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होलिका दहन: नकारात्मकता जलाएं, शुभता को अपनाएं, सीएम मोहन यादव ने दी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं

Holika Dahan:- होली का त्योहार सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मकता से भरपूर होता है। इस पर्व की शुरुआत होलिका दहन से होती है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का सबसे बड़ा प्रतीक है। होलिका दहन हमें याद दिलाता है कि अधर्म और अहंकार का अंत निश्चित है, जबकि सत्य, धर्म और भक्ति की हमेशा विजय होती है।

इस शुभ अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि “होलिका दहन केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि कोई भी शक्ति अगर गलत दिशा में प्रयोग की जाए तो उसका परिणाम विध्वंसक हो सकता है।”

होलिका दहन: केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि एक सीख

सीएम मोहन यादव ने कहा  होलिका दहन सिर्फ आग जलाने की रस्म भर नहीं है, बल्कि यह हमें अपने भीतर की बुरी आदतों, अहंकार, ईर्ष्या और नकारात्मकता को खत्म करने का संदेश देता है। यह पर्व हमें बताता है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, लेकिन अगर हम सच्चाई और भक्ति के मार्ग पर चलते हैं, तो हमें कोई भी हरा नहीं सकता।

होलिका दहन की पौराणिक कथा: जब अहंकार ही विनाश का कारण बना

असुर राजा हिरण्यकश्यप ने स्वयं को भगवान घोषित कर दिया और चाहता था कि सभी उसकी पूजा करें, लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था। कई प्रयासों के बावजूद जब हिरण्यकश्यप उसे मारने में असफल रहा, तो उसने अपनी बहन होलिका से सहायता मांगी।

अग्नि से न जलने का वरदान प्राप्त होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठी, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जलकर भस्म हो गई। इस घटना ने सिद्ध किया कि अहंकार और अधर्म का अंत निश्चित है। तभी से होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक रूप में मनाया जाता है।

अहंकार की आग में खुद जल जाता है इंसान

होलिका दहन हमें यह भी सिखाता है कि अहंकार और अन्याय का घमंड अधिक समय तक नहीं टिकता। हिरण्यकश्यप को लगा था कि वह अमर है, कि वह सबकुछ कर सकता है, लेकिन उसकी सोच ने उसका ही सर्वनाश कर दिया।

आज के समय में भी यह कथा हमें एक महत्वपूर्ण संदेश देती है—

  • यदि हमारे भीतर अहंकार, क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष जैसे भाव हैं, तो वे हमें ही नुकसान पहुंचाएंगे।
  • अगर हमें कोई शक्ति या विशेषाधिकार प्राप्त है, तो हमें उसका सदुपयोग करना चाहिए, न कि उसे दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।
  • धैर्य, भक्ति और सत्य के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति को कोई नहीं हरा सकता।

सीएम मोहन यादव का संदेश: नकारात्मकता जलाएं, शुभता को अपनाएं

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि होलिका दहन के अवसर पर हम सभी अपने भीतर की नकारात्मकता को जलाकर शुभता, सद्भाव और प्रेम को अपनाएं। यह त्योहार केवल धार्मिक नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा भी है, जो हमें आत्मशुद्धि की ओर प्रेरित करता है।

तो आइए, इस होलिका दहन पर हम न केवल अग्नि में लकड़ियों को जलाएं, बल्कि अपने मन की बुरी आदतों, अहंकार और नकारात्मकता को भी भस्म करें। यही सच्चे अर्थों में होलिका दहन का उद्देश्य है।

आप सभी को होलिका दहन एवं होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  • अपना कल न्यूज़ के लिए मध्यप्रदेश-देश की खबरों पर नज़र रखती हूं। किताबें पढ़ना, नया सीखना और राजनीती विषयों पर राय रखने में दिलचस्पी है।

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