सरकार द्वारा लगातार कर्मचारियों को खुश करने के प्रयास किया जा रहे हैं और अब हाल ही में हाई कोर्ट का एक बड़ा फैसला आया है जिसके तहत सरकारी कर्मचारियों को फायदा मिलने वाला है। जहां पहले 7000 रूपये मानदेय दिया जाता था, जिसे अब बढ़ा कर 18,000 रूपये कर दिया गया है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने दो सप्ताह के अंदर बकाया सहित भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। इसके पहले भी वित्त विभाग से परामर्श लिया गया था और 3 सप्ताह के भीतर भुगतान करने के निर्देश थे।
मानदेय में 18,000 की वृद्धि
सरकारी कर्मचारियों के लिए हाई कोर्ट द्वारा महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है जहां पहले सरकारी कर्मचारियों को 7000 हजार रुपए मानदेय उपलब्ध कराया जा रहा था जिसे अब 18,000 रुपए कर दिया गया है। हाई कोर्ट द्वारा इस फैसले के निर्देश दे दिए गए हैं जिसमें अब दो गुने से भी ज्यादा वृद्धि देखी जा सकती है। 18,000 रुपए मानदेय मिलने के साथ सरकारी कर्मचारियों को लगातार खुशी मिल रही है, और इस वजह से ही सभी के चेहरे पर खुशी की लहर देखी जा सकती है।
अगले 2 सप्ताह में भुगतान की प्रक्रिया होगी पूरी
मानदेय में वृद्धि करने से सरकारी कर्मचारी बहुत प्रसन्न है और इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए इस महत्वपूर्ण फैसले की सराहना कर रहे हैं इसके साथ ही विभाग में कैजुअल श्रमिकों के मानदेय में 18,000 रुपए के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि यह सभी को पहले 7000 रुपए मानदेय दिया जा रहा था जिसे अब कोर्ट के फैसले मिल गए हैं। और दो सप्ताह में ही बकाया सहित भुगतान की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।
हाई कोर्ट ने कहा की जिन जिन कैजुअल श्रमिकों को ₹7000 मानदेय नहीं मिल रहा है उनके विस्तृत विवरण के साथ दाखिल किया जाना होगा हालांकि इस मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को की जाएगी। हाई कोर्ट में यह स्पष्ट किया है कि वित्त विभाग से परामर्श लेने के बाद भी अगर भुगतान नहीं किया जाता है तो मुख्य वन संरक्षक को ऐसा न करने के लिए कारण स्पष्ट करते हुए व्यक्तिगत हलफनामा प्रस्तुत करना होगा।
हाई कोर्ट के अनुसार होगा निर्णय
हाई कोर्ट के निर्देश पर पहले भी गोरखपुर वन अधिकारियों द्वारा हलफनामा पेश किया गया था। और 27 जुलाई को बैठक निर्धारित की गई थी और यह फैसला बैठक के दौरान लिया गया कि इन सैनिकों को भी नियमित श्रमिकों के समान लाभ और सुविधाएं दी जाएगी। इसके साथ हाई कोर्ट के आदेश पर विचार करते हुए तीन सदस्य समिति का गठन भी किया गया था। लेकिन इसके बाद 6 अगस्त को आदेश से प्रमुख मुख्य वन संरक्षक ने विवाद तय करने के लिए एक बार फिर से पांच सदस्य कमेटी का गठन कराया और अब 6 सदस्य की दूसरी कमेटी तैयार हो चुकी है।
दूसरी तरफ जो 7000 रुपए मानदेय भी नहीं पा रहे थे कमेटी उनका पता लगाने का कार्य भी करेगी। अगले 2 दिन में तीनों याचिका के बैंक खाते में भुगतान भेजने के आदेश भी दिए गए हैं। हाई कोर्ट के अनुसार जो भी है लेकिन जल्द जी उचित निर्णय लिया जाएगा और जो हकदार हैं उन्हें इसका भुगतान जल्द ही करा दिया जाएगा।
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