मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी राहत देने की तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में वित्त विभाग ने नए पेंशन और सेवा नियमों का प्रारूप तैयार कर लिया है, जिसे जल्द ही लागू किया जाएगा। इसका लाभ राज्य के 10 लाख सरकारी कर्मचारी और 4.50 लाख पेंशनर्स को मिलेगा। सरकार की योजना है कि नए नियम मार्च 2025 से पहले प्रभावी किए जाएं।
वित्त विभाग ने तैयार किया प्रारूप
नए पेंशन नियमों को लागू करने के लिए वित्त विभाग की समिति ने प्रारूप तैयार कर लिया है और इसे पेंशन संचालनालय से अभिमत भी प्राप्त हो चुका है। इस संबंध में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता विभाग के प्रमुख सचिव ने की। बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव, पेंशन संचालनालय के अधिकारी और भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण के वित्तीय सलाहकार मिलिंद वाईकर भी शामिल हुए।
नए पेंशन नियमों में क्या बदलाव होंगे?
सरकार ने पेंशन और अवकाश नियमों में कई महत्वपूर्ण संशोधन करने की योजना बनाई है। इन बदलावों में मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल होंगे:
✅ परिवार पेंशन में संशोधन:
- अब 25 वर्ष से अधिक उम्र की अविवाहित पुत्री, विधवा और परित्यक्ता महिलाओं को भी परिवार पेंशन का लाभ दिया जाएगा।
✅ पेंशन प्रकरण के साथ सेवा पुस्तिका अनिवार्यता समाप्त:
- पेंशन स्वीकृति प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए अब सेवा पुस्तिका भेजने की अनिवार्यता खत्म की जाएगी।
✅ ऑनलाइन प्रक्रिया को बढ़ावा:
- पेंशन से जुड़े कार्यों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित किया जाएगा, जिससे कर्मचारियों और पेंशनर्स को सुविधा मिलेगी।
✅ वसूली के नियमों में बदलाव:
- अब पेंशन से वसूली केवल उन्हीं मामलों में की जाएगी, जिनमें सेवानिवृत्ति से पहले सूचना दी गई हो।
✅ 1976 के पेंशन नियमों में संशोधन:
- सबसे पहले 1976 के पेंशन नियमों में बदलाव किया जाएगा और इन्हें 31 मार्च 2025 से पहले लागू करने की तैयारी की जा रही है।
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केंद्र सरकार पहले ही कर चुकी है बदलाव, अब मध्य प्रदेश सरकार की बारी
केंद्र सरकार ने पिछले वर्षों में कई बार पेंशन नियमों में संशोधन किए हैं, जिसमें परिवार पेंशन का दायरा बढ़ाना शामिल है। वर्तमान में केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार, 25 वर्ष से अधिक उम्र की अविवाहित पुत्री, विधवा और परित्यक्ता महिलाओं को भी परिवार पेंशन का लाभ दिया जाता है। लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने अब तक इस दिशा में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया था। अब मोहन यादव सरकार इस नियम को राज्य में भी लागू करने की तैयारी में है।
कमल नाथ सरकार ने किया था कर्मचारी आयोग का गठन
2019 में कमल नाथ सरकार ने कर्मचारियों की समस्याओं को हल करने के लिए कर्मचारी आयोग का गठन किया था, जिसे पिछली शिवराज सरकार ने भी जारी रखा था। इस आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी जीपी सिंघल थे, जिन्होंने तीन साल पहले एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में पेंशन और सेवा नियमों से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए थे, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया था।
नए नियमों से कर्मचारियों और पेंशनर्स को क्या फायदा होगा?
मध्य प्रदेश में पेंशन और सेवा नियमों में बदलाव से लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को लाभ होगा।
सरलीकरण और पारदर्शिता: नई व्यवस्था से सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।
तेजी से निपटान: डिजिटल प्रक्रिया लागू होने से पेंशन स्वीकृति और अन्य कार्यों में तेजी आएगी।
परिवार पेंशन का विस्तार: परिवार पेंशन के नए नियमों से कई नई श्रेणियों को लाभ मिलेगा।
अवकाश नियमों में संशोधन: कर्मचारियों के लिए छुट्टियों और अन्य सेवा शर्तों में सुधार किया जाएगा
मध्य प्रदेश सरकार कर्मचारियों और पेंशनर्स के कल्याण के लिए पेंशन और सेवा नियमों में बदलाव करने जा रही है। इन नए नियमों के लागू होने से लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत मिलेगी। सरकार की योजना है कि मार्च 2025 से पहले यह नए नियम प्रभावी हो जाएं।
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