essay on rabindranath tagore in hindi
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रविंद्रनाथ टैगोर
about rabindranath tagore in hindi
रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 ई को कोलकत्ता में एक सर्वसंपन्न ब्राह्मण परिवार में जन्म हुआ था। उनका पिता का नाम देवेंद्रनाथ टैगोर था। तथा उनकी माता का नाम शारदा देवी था। उन्होंने 17 साल की उम्र में ही बहुत सारी कविताएं और गीत की रचना कर दी थी। टैगोर जी द्वारा रचित सबसे प्रसिद्ध रचना गीतांजलि के लिए उसे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। रविंद्रनाथ टैगोर पहला भारतीय लेखक हैं। जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। साहित्य के क्षेत्र में रविंद्रनाथ टैगोर की का योगदान गौरवपूर्ण रहा है। उन्होंने हमारे देश के लिए बहुत सारा काम किया है।
रविंद्रनाथ टैगोर कौन थे
who was rabindranath tagore
रविंद्रनाथ टैगोर जी एक राष्ट्रवादी कवि थे उनकी रचना दो देशों सभ्यता और संस्कृति को प्रकाशित करती है। उनकी हर रचना लोगों को राष्ट्र के लिए जागृत करती है। टैगोर जी को प्राकृतिक वादी कवि भी कहा जाता है। उन्होंने प्रकृति के महत्व और उनकी अद्भुत शक्तियां का मार्मिक चित्रण अपने लेखन में बहुत ही सहजता के साथ किया है। टैगोर जी किशोरावस्था में अपने पिताजी के साथ कई वर्षों तक देश के अनेकों प्रांत में भ्रमण किया था। और फिर लंबे समय तक प्रकृति की गोद में अपना जीवन व्यतीत किया था। जहां उन्होंने अध्यात्मिक शक्ति को अपने अंदर महसूस किया था।
रविंद्रनाथ टैगोर( rabindranath tagore in hindi)
short essay on rashtrabhasha hindi
रवींद्रनाथ टैगोर बचपन से ही साहित्य और कला के क्षेत्र में बहुत अत्यधिक रूचि रखते थे। वह एक अच्छा लेखक के साथ-साथ एक चित्रकार भी थे। उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए इंग्लैंड चले गए थे। जब वह इंग्लैंड से वापस लौटे तो उन्होंने फिर से कला के क्षेत्र में अपनी रुचि स्थापित किया। उन्होंने अपनी लेखन में भारतीय सभ्यता, संस्कृति, भारतीय परंपरा का एक बहुत ही सुंदर चित्रण अपने लेखन में किया है। रविंद्र नाथ टैगोर को चित्रकला के क्षेत्र में भी एक सर्व संपन्न कलाकार के रूप में जाना जाता है।
रविंद्रनाथ टैगोर ने सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए देश की युवा को अपने लेखन के माध्यम से प्रेरित किया है। महिला की उत्पीडन को समझते हुए पुरुष और महिला के भिन्नता को खत्म करने के लिए अपनी लेखन में एक सफलता पूर्ण प्रयास किया है। टैगोर जी एक ऊर्जावान लेखक थे। उनका हर लेख लोगों में क्रांति का एक संदेश स्थापित करता था।
रविंद्रनाथ टैगोर एक राष्ट्रवादी व्यक्ति थे। उनका कलम केवल राष्ट्र की भाषा बोलता था। उनका हर एक लेख लोगों के लिए एक संदेश होता था। रविंद्र नाथ टैगोर जी का विचारधारा देश और समाज को एकजुटता और अखंडता के सूत्र बांधने वाला था। बांग्लादेश का राष्ट्रीय गीत अमर सोनार बांग्ला और हमारा देश का राष्ट्रीय गीत जन गण मन की रचना भी रविंद्र नाथ टैगोर जी का एक प्रसिद्ध रचना है। इनका गीत राष्ट्रीय के लिए सर्वोपरि है। इनका गीत लोगों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। इनकी कई रचना ऐसी है जो कि बांग्ला में लिखी गई है
रविंद्रनाथ टैगोर हमारा इतिहास का गौरव है। इनका योगदान हमारे लिए उल्लेखनीय है। इनका जन्म हमारे देश की गरिमा को गौरवान्वित किया है। इनका हर रचना में राष्ट्रीयता की भावना का महक भरी हुई है। इनका विचारधारा हमेशा देश को एक नई दिशा दिया है। इनका हर शब्द हमारे जीवन पर एक सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है। इसलिए इनका जीवन हमारे लिए सदा पर स्मरणीय है।
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