Essay On Mother In Hindi
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माँ की महानता पर निबंध
माँ हमारे जीवन का सुरक्षा कवच होती है। माँ का हिर्दय में अपने बच्चों के लिए असीम प्यार, स्नेह , होता है। माँ हमारी लब्जो की सबसे मीठी बोली होती है। माँ के बिना हमारे जीवन का इस दुनियाँ में कोई अतित्व नहीं है। हमारा फलता फूलता जीवन एक माँ की संघर्ष और बलिदान को दिखता है। हमारी जीवन की हर छण हमारी कण-कण माँ की संधर्ष और बलिदान का ही हिस्सा है। इसलिए माँ की महानता पर यह निबंध माँ को समर्पित है।
एक मां की कहानी
mother day essay in hindi
कहते है जब एक बच्चा इस धरती पर जन्म लेता है तो वह सबसे पहले मां कहना सिखाता है। मां ही बच्चे की जीवन का पहला पन्ना होता है। एक बच्चा अपने मां के ममता के करुणा तले सागर में अपना बचपन सींचता है। मां उसे असीम प्यार स्नेह देती है, मां का ह्रदय में अपने बच्चों के लिए हमेशा असीम दया, प्रेम और करुणा का सागर बहती रहती है। बच्चा जब छोटा रहता है। वो कभी बताता भी नहीं है कि मां मुझे भूख लगी है। लेकिन एक मां बिना बताए सब समझ जाती है। हर कोई अपना बचपन अपनी मां के ममता के सागर तले सिचा है।
एक मां अपने आंखो के सारे सपने को त्याग कर अपने बच्चे की हर एक खुशी के लिए अपना सर्वस्व अपने बच्चे पर न्योछावर कर देती है। खुद गीले बिस्तर पर सोकर अपने बच्चे को सीने पर सुलाती है। जब बच्चा मुस्कुराता है तो उनका भी चेहरा खिलखिलाने लगता है। जब बच्चा रोता है। तो उनका हृदय भी कल्पने लगता है। हर कोई इस जग में अपनी मां का ऋणी है। इसलिए हमें अपनी मां की उपकार को नहीं भूलना चाहिए दुर्भाग्य वस हर कोई अपनी मां का ऋण नहीं चुका पता है। बचपन में हर कोई अपनी मां के लिए लड़ते रहता है ये मेरी मां है ये मेरी मां है। जब बड़ा हो जाता है तो कहने लगते है ये तेरी मां है। ये तेरी मां है।
बचपन में बच्चे को सबसे अधिक आवश्यकता मां की होती है। और एक मां अपने बच्चे की पालन पोषण में अपना सब कुछ निछावर कर देती है और जब वही बच्चा बड़ा हो जाता है। तो वह अपनी मां की ऋण भुला देता है। और बूढ़ी मां बाप की बुढ़ापे की सहारा बनने से इंकार कर देता है। उन्हें लगता है अब हमें इनकी कोई आवश्यकता नहीं है। हमें पता है। कि आगे का जीवन कैसे जीना है। और फिर अपना रास्ता अलग कर लेता है।
माँ की महत्व
importance of mother in hindi
एक मां का जीवन केवल और केवल अपने बच्चों के लिए समर्पित होता है। अगर बच्चे बीमार हो तो उनकी पीड़ा मां को होती है। अगर बच्चे एक वक्त के लिए भूखा हो तो मां की भूख मर जाती है। एक मां हर पीड़ा सहने के बावजूद भी अपने बच्चे को हर हाल में खुश देखना चाहती है। मां से अधिक त्याग संसार में कोई नहीं कर सकता है।
बच्चों की पीड़ा को अपना अपना पीड़ा समझने वाली एक मां जब बूढ़ी हो जाती है,तो वही बच्ची अपनी मां को एक पल की खुशी देने से इंकार कर देते हैं। खुशियों देने की जगह उन्हें पीड़ा देते हैं। एक मां की कितनी आवश्यकता होती है। उनकी छोटी-छोटी इच्छा होती है। वह कभी अपने बच्चों से बहुत कुछ की इक्षा नहीं करती है। उनकी छोटी छोटी खुशियां होती है। वह अपना सारा जीवन अपने बच्चों की आंखों में देखती हैं। कितनी बार तो ऐसा होता है कि वह बच्चों की फैसला को अपना फैसला मानती अपने बच्चों की खुशी के लिए खुद ही अकेला हो जाती है मुसीबतों का का पहाड़ टूटने के बावजूद भी खामोश रहती है कभी कुछ नहीं कहती है और जब बच्चे उनसे पूछते हैं कैसी हो मां बेटा मैं अच्छी हूं बस यही कहती है।
एक मां का संघर्ष भरा जीवन उनके चेहरे से साफ साफ झलकती है। उम्र से पहले उनका जीवन बुढ़ापे में तब्दील हो जाती है। उनकी सफेद बाल चेहरे की झुर्रियां उनके संघर्ष को बयां करती है। अपने बच्चों की खुशी में अपनी खुशी ढूंढने वाली एक मां का जीवन यूहीं कल की खुशी की उम्मीद में बीत जाती है।
मै हर मां को सलाम करता हूं। उनका त्याग, संघर्ष भरा जीवन, मेरा हर मेरा हर लफ्ज़, उनकी ही निशानी है। मैं अपनी मां के लब्ज का पन्ना हूं और मेरी मां मेरे जीवन की किताब है।
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