भोपाल, मध्यप्रदेश राजधानी के लाखों परिवारों को बड़ी राहत देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अमृत 2.0 योजना का शिलान्यास कर दिया है। इस प्रोजेक्ट के तहत नई पाइपलाइन, टंकियों और पंपिंग स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा जिससे भोपाल के हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुँच सकेगा। 582 करोड़ रुपये बजट वाली यह योजना आने वाले वर्षों तक भोपाल को जल संकट से बचाने में मददगार होगी।
अमृत 2.0 योजना की खासियतें
नगर निगम द्वारा लागू की जा रही अमृत 2.0 योजना के तहत करीब 700 किलोमीटर लंबी नई पाइपलाइन बिछाई जाएगी, जिससे पानी की सप्लाई और ज्यादा मजबूत होगी। इस योजना में 36 ओवरहेड टंकियों का निर्माण और चार नए इंटेक वेल्स तथा चार नए फिल्ट्रेशन पंपिंग स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे। यह प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद लगभग 30,000 नए घरों को पानी का कनेक्शन मिल जाएगा। इससे शहर की 450 से ज्यादा कॉलोनियों और कई झुग्गी बस्तियों के साथ-साथ नये विकसित होने वाले इलाकों को भी लाभ पहुंचेगा।
जलापूर्ति का दायरा अब और बड़ा
रातीबड़, नीलबड़, मलिपुर, हथाईखेड़ा, बागली, डेनिश हिल्स, गुराड़ी घाट, लहरपुर और अरविंद विहार जैसे नये क्षेत्रों तक भी पाइपलाइन पहुंचाई जाएगी। वर्तमान में भोपाल की आबादी करीब 25 लाख है और रोजाना 440 एमएलडी पानी की जरूरत पड़ती है। आने वाले वर्षों में खासतौर पर 2040 तक यह मांग 575 एमएलडी तक पहुँच सकती है। ऐसे में अमृत 2.0 योजना अगले 15 वर्षो तक जल संकट जैसी मुश्किल को रोकने में अहम भूमिका निभाएगी।
विकास को मिलेगी रफ्तार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जल परियोजनाओं के साथ-साथ नगर निगम के अन्य विकास कार्यों का भी शुभारंभ किया है। करीब 167 करोड़ रुपये की लागत से सड़क, नालियों, पुल-पुलियों और वार्डों की क्रॉसिंग जैसी बुनियादी सुविधाएं मजबूत की जाएंगी। कार्यक्रम के दौरान दिवंगत निगम कर्मचारियों के परिवारों को नियुक्ति पत्र भी दिये गये। इसके अलावा स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में बेहतर प्रदर्शन करने वाले सफाई कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।
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मुख्यमंत्री मोहन यादव की ये पहलें राजधानी भोपाल के विकास और वहाँ के नागरिकों के बेहतर जीवन की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह न सिर्फ जल संकट को सुलझाएगा, बल्कि शहर को आधुनिक और व्यवस्थित बनाने में भी निर्णायक साबित होगा।