मध्यप्रदेश में हाल ही में दो अलग-अलग घटनाओं ने चर्चा का विषय बना हुआ है। पहला मामला सतना के मैहर में VIP दर्शन और होटल बुकिंग के नाम पर अवैध वसूली का है, जबकि दूसरा मामला जबलपुर में रेलवे मुख्यालय पर CBI द्वारा की गई छापेमारी का है तो आइये जानते हैं दोनों मामले के बारे में –
मैहर में VIP दर्शन घोटाला
सतना जिले के प्रसिद्ध मैहर मंदिर में श्रद्धालुओं को VIP दर्शन कराने और होटल में कमरे उपलब्ध कराने के नाम पर अवैध वसूली करने का मामला सामने आया है जिसमें पुलिस विभाग ने इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। आपको बता दें कि मैहर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं, और इस भीड़भाड़ का फायदा उठाते हुए कुछ लोग VIP दर्शन और विशेष सुविधाओं का झांसा देकर पैसा वसूल रहे थे। मंदिर प्रशासन और पुलिस को इस अवैध गतिविधि की शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई की गई।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से अवैध रूप से वसूली गई धनराशि और कुछ संदिग्ध दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। यह लोग श्रद्धालुओं को फंसा कर उनसे मोटी रकम ऐंठते थे। पुलिस अब इस गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश कर रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि मंदिर परिसर में ऐसी गतिविधियां दोबारा न हों।
जबलपुर रेलवे मुख्यालय पर CBI की छापेमारी
दूसरी घटना जबलपुर की है, जहां पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय में CBI ने छापेमारी की। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में की गई जिसमें रेलवे कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। CBI ने इस छापेमारी के दौरान मुख्यालय के विभिन्न दस्तावेजों की जांच की और कर्मचारियों से देर रात तक पूछताछ की।
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पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय में CBI के अधिकारियों ने संबंधित फाइलों और कंप्यूटर रिकॉर्ड्स की जांच की। हालांकि, अभी तक कोई ठोस जानकारी साझा नहीं की गई है, लेकिन माना जा रहा है कि कई और कर्मचारियों से पूछताछ की जा सकती है।
मैहर मंदिर में हुई अवैध वसूली की घटना ने श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और मंदिर प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं, जबलपुर रेलवे मुख्यालय पर CBI की छापेमारी से भ्रष्टाचार के मामलों पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता को दोहराया गया है। इन दोनों मामलों से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन और कानून व्यवस्था को पारदर्शिता और जवाबदेही पर विशेष ध्यान देना होगा।
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