नई दिल्ली: भारत के सबसे बड़े निजी एयरपोर्ट ऑपरेटर, अदानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) ने अपनी विस्तार योजनाओं को पंख देने के लिए एक बड़ी वित्तीय सफलता हासिल की है। अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की इस प्रमुख सहायक कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय बैंकों के एक कंसोर्टियम से एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोइंग्स (ECB) के माध्यम से 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 6,250 करोड़ रुपये) की राशि सफलतापूर्वक जुटाई है। इस महत्वपूर्ण ट्रांजैक्शन का नेतृत्व फर्स्ट अबू धाबी बैंक (FAB), बार्कलेज और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक जैसे प्रतिष्ठित वैश्विक वित्तीय संस्थानों ने किया है, जो अदानी समूह की वित्तीय विश्वसनीयता और भारत के विमानन क्षेत्र की विकास क्षमता में अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के गहरे भरोसे को दर्शाता है।
फंड का उपयोग और रणनीतिक लक्ष्य
कंपनी द्वारा जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, इस जुटाई गई राशि का उपयोग एक बहु-आयामी रणनीति के तहत किया जाएगा। इसका एक बड़ा हिस्सा मौजूदा महंगे कर्ज को चुकाने (रीफाइनेंस) के लिए इस्तेमाल होगा, जिससे कंपनी की बैलेंस शीट मजबूत होगी और वित्तीय लागत कम होगी। इसके अलावा, फंड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मौजूदा हवाई अड्डों पर इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने और उसे विश्वस्तरीय बनाने में लगाया जाएगा।
कंपनी ने विशेष रूप से अहमदाबाद, लखनऊ, मंगलुरु, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट्स पर क्षमता विस्तार की योजना बनाई है। इन हवाई अड्डों पर बढ़ते यात्री यातायात को संभालने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने हेतु नए टर्मिनल्स, रनवे सुधार और अन्य यात्री सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा।
इसके साथ ही, AAHL अपनी आय के स्रोतों में विविधता लाने के लिए नॉन-एयरो बिजनेसेज पर भी विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है। इसमें एयरपोर्ट्स पर रिटेल आउटलेट्स, फूड एंड बेवरेज (F&B) काउंटर्स, ड्यूटी-फ्री स्टोर्स और अन्य सेवाओं का विस्तार शामिल है। इसका उद्देश्य यात्रियों को एक समग्र और उत्कृष्ट अनुभव प्रदान करना है, जिससे कंपनी के राजस्व में भी बढ़ोतरी हो।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की महत्वाकांक्षी योजना
वित्तीय वर्ष 2024-25 में, अदानी एयरपोर्ट्स ने अपने नेटवर्क के माध्यम से 9.4 करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान की है, जबकि इसकी कुल मौजूदा क्षमता 11 करोड़ यात्रियों की है। यह आंकड़ा कंपनी के कुशल संचालन और तेजी से बढ़ती मांग को रेखांकित करता है।
भविष्य को देखते हुए, AAHL ने एक महत्वाकांक्षी रोडमैप तैयार किया है। कंपनी का लक्ष्य चरणबद्ध ग्रोथ के जरिए 2040 तक अपनी कुल यात्री क्षमता को तीन गुना बढ़ाकर 30 करोड़ प्रति वर्ष तक पहुंचाना है।
इस लक्ष्य को प्राप्त करने में नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NMIA) की भूमिका केंद्रीय होगी। यह ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट जल्द ही शुरू होने वाला है और पहले चरण में ही 2 करोड़ यात्रियों की अतिरिक्त क्षमता जोड़ेगा। बाद में, इसे चरणबद्ध तरीके से 9 करोड़ यात्रियों की क्षमता तक विस्तारित किया जाएगा। यह एयरपोर्ट न केवल मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) के एविएशन इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव कम करेगा, बल्कि इसे एक नई ऊंचाई पर भी ले जाएगा।
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इस सफल फंडिंग पर टिप्पणी करते हुए, AAHL के CEO, अरुण बंसल ने कहा, “प्रमुख वैश्विक वित्तीय संस्थानों का हम पर यह भरोसा भारत के एविएशन इंफ्रास्ट्रक्चर की दीर्घकालिक संभावनाओं और उसके अपार मूल्य को दर्शाता है। हम अपने यात्रियों को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करने और भारत के विकास में एक महत्वपूर्ण भागीदार बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” यह फंडिंग अदानी एयरपोर्ट्स को भारत के विमानन परिदृश्य में अपनी अग्रणी स्थिति को और मजबूत करने में मदद करेगी।