About India History In Hindi
about india history in hindi (हिंदी में जाने भारत का इतिहास) भारत का इतिहास बहुत ही पुराण है भारत को सोने का चिड़िया कहा जाता था भारत ही एक ऐसा देश है जिन्होंने दुनिया को संस्कृति और सभ्यता का पाठ पढ़ाया एक ऐसा देश जहाँ भगवन राम , कृष्ण , गौतम बुद्ध और महाबीर जैसे ज्ञानी महापुरुष ने जन्म लिया है
इतिहास का रूप रेखा
भारत के संस्कृति और सभय्ता का महत्व
इतिहास
प्राचीन इतिहास
मध्यकालीन इतिहास
आधुनिक इतिहास
इतिहास
about india history in hindi
भारत का इतिहास :- भारत का इतिहास बहुत ही पुराण है भारत को सोने का चिड़िया कहा जाता था भारत ही एक ऐसा देश है जिन्होंने दुनिया को संस्कृति और सभ्यता का पाठ पढ़ाया एक ऐसा देश जहाँ भगवन राम , कृष्ण , गौतम बुद्ध और महाबीर जैसे ज्ञानी महापुरुष ने जन्म लिया है एक ऐसा देहा जहाँ लोग प्रकृति का भी पूजा करता है एक ऐसा देश जहाँ मेहमानो को अतिथि देवो भव का सम्मान दिया जाता है एक ऐसा देश है जो कभी भी दूसरा देश पर पहले आक्रमण नहीं किया एक ऐसा देश जो सभी धर्मो को अपनाया है भारत एक ऐसा देश है जिसे प्राचीन कल से ही शिक्षा का केंद्र माना जाता है विक्रमशिला और नालंदा जिसे विश्व का पहला महा विश्व विद्यालय कहा जाता है जो प्राचीन कल में ज्ञान का केंद्र रहा है रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य भारत का ही एक भव्य इतिहास रहा है आज भी भारत को अनेकों संभावना वला देश के रूप में जाना जाता है
भारत का इतिहास :- भारत की इतिहास में इतिहासकारो ने भारत को कई नमो से सम्बोधित किया है
प्राचीन इतिहास में भारत को लोग भारतवर्ष के नाम से भी जानते थे भारत में रहने वाले लोगों को भारतीय कहा जाता था यूनान के लोग भारत को इंडिया कह कर समबोधित करता था आर्य समाज का एक लंबा इतिहास होने की वजह से भारत को आर्यवर्त के नाम से भी जाना जाता है , मध्यकालीन युग में मुस्लिम इतिहासकारों ने भारत को हिंदुस्तान के नाम से संबोधित किया है क्योंकि की भारत प्राचीन इतिहास से ही हिन्दू की बहुसंख्यक वाला देश के रूप में जाना जाता था
आईये हम भारत की इतिहास को थोड़ा विस्तार में समझते है इसे समझने के लिए हम इन्हें तीन पाठ में वर्णन करेगें
about india history in hindi
प्राचीन भारत का इतिहास
मध्यकालीन भारत का इतिहास
आधुनिक भारत का इतिहास
प्राचीन इतिहास
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प्राचीन भारत का इतिहास :- इतिहाकारों के जानकारी के मुताबिक प्राचीन काल का इतिहास का स्रोत , धर्मग्रंथ है हम इसी बात से अनुमान लगा सकते है की भारत के लोग अनंत काल से ही एक विशेष मान्यताओ के आधार पर अपना जीवन व्यतीत करता आया है भारत के लोग हमेशा से प्राकृतिक विषय वस्तु को एक विशेष महत्व दिया है प्राचीन कल में जिस प्रकार से भारत का इतिहास का व्यख्या किया गया है उसके आधार पर हम कह सकते है की भारत के लोग बहुत ही वैज्ञानिक तरीके से अपना जीविका चलता था वेद , पुराण , रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य हमारा प्राचीन काल का ही इतिहास रहा है प्राचीन कल से ही हमारे इतिहास में अतिथि देवो भव का मान्यताए रहा है
प्राचीन इतिहास कल से ही विदेशियों का आक्रमण उनका आवागमन भारत के साथ रहा है प्राचीन इतिहासकाल में भारत व्यपार की दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण रहा है
प्राचीन इतिहास का कुछ महत्वपूर्ण घटना को जानते है
प्रागैतिहासिक काल :- प्रागैतिहासिक काल हम उस समय को कहते है जिसके बारे में हमें कोई लिखित प्रमाण नहीं मिली है इस कल में मानव जीविका चलने के लिए शिकार करते थे
सिंधु सभ्यता :- सिंधु सभ्यता का समय 2400 ईसा पूर्व से 1700 ईसा पूर्व मानि गयी है सिंधु सभ्यता के लोगों का जीविका का मुख्य आधार कृषि था यह नगर सिंधु नदी के किनारे बसा होने की वजह से इसे सिंधु सभ्यता के नाम से जाना जाता है सिंधु सभ्यता में हरप्पा , लोथल , मोहनजोदड़ो अदि शहरों का महत्वपूर्ण उल्लेख हैं
वैदिक सभ्यता:- वैदिक सभ्यता का समय 1500-1000 ईसा पूर्व मानि गयी है इस सभ्यता का विकास आर्य समाज द्वारा की गई थी यह एक ग्रामीण सभ्यता थी वैदिक सभ्यता के लोग संस्कृत भाषा बोलते थे इनका मुख्य व्यवसाय पशुपालन और खेती था
उत्तरवैदिक काल का समय :– 1000 -600 ईसा पूर्व मानि गयी है उत्तर वैदिक काल को लेकर लोगो में काफी मतभेद है इस काल में लोगो को उनके काम के आधार पर नहीं बल्कि जन्म के आधार पर बाटा जाता था उत्तरवैदिक काल में काफी कुछ का विकास हुवा था
धर्म का उदय:- 600 ईसा पूर्व के बाद धर्मो के लेके लोगो में काफी मतभेद होने लगा था लोग काफी नियम बध्य होने लगे थे जाती प्रथा चरम सिमा पर पहुँच चुकी थी इस कल में कई धामों का विकास हुवा था
महाजनपद का उदय इसी काल में हुवा था जब भारत 16 महाजनपद में बट गया था भगवान गौतम बुद्ध का जन्म और भगवान महाबीर का जन्म भी इसी काल में हुवा था शैव धर्म फिर वैष्णव धर्म उसके बाद इस्लाम धर्म , ईसाई धर्म और फारसी धर्मो का विकास इसी काल में हुवा था
मगध कल का उदय:– मगध काल का उदय 544 ईसा पूर्व धर्म काल में ही हुवा था
इसके बाद फिर मौर्य काल जिसका संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य था जिन्होंने 345 ईसा पूर्व मौर्य सम्राज्य का स्थापना किया था
गुप्त सम्राज्य:- जिसका संसंथापक श्री गुप्त था 240 ई में किया था गुप्त साम्राज्य का महान सम्राट चन्द्रगुप्त प्रथम था जिन्होंने लिच्छवि की राज कुमारी से विवाह की किया था
दक्षिण राजवंश का उदय:– जिनका शासक पल्ल्व और राष्टकूट वंश था जो एक ताकतवर राजा था
मध्यकालीन भारत का इतिहास
मध्यकालीन भारत का इतिहास:- मध्यकाल में भारत भूमि पर कई राजा महाराजाओं ने शासन किया था मध्यकाल काल में भारत कई छोटे छोटे प्रान्तों में बटा हुवा था राजाओं में काफी आपसी मतभेद हुवा करता था
मध्यकाल में भारत पर पहली बार मुसलमानो का आक्रमण हुवा था भारत पर पहली बार आक्रमण करने वाला मुस्लिम शासक मोहब्बत बिन काशिम था जिनहोने 712 ई में आक्रमण किया था उसके बाद कई मुस्लिम शासकों ने भारत पर आक्रमण किया
महमूद गजनी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किया था
मोहम्मद गोरी ने भारत पर पहली बार 1173 ई में आक्रमण किया था उस समय भारत पर पृथ्वीराज चौहान का राज था जो बहुत ही शक्तिशाली राजाओं में से एक था पृथ्वीराज चौहान एक ऐसा रहा था जो हर विद्या में निपुण था
पृथ्वीराज चौहान एक ऐसा कुशल धनुष धारी था जिन्हें सप्तभेदी बाण चलाना भी आता था
सल्तनत कल:- जसका स्थापना कुतुबुदीन ऐबक ने 1206 में किया था सल्तनत कल में कई राजाओं ने शासन किया इसका शासन कल 1206-1526 ई तक रहा
मुग़ल वंश:- 1526-1707 ई तक रहा मुग़ल वंश का स्थापना बाबर ने किया था
पानीपत का प्रथम लड़ाई 1526 ई में बाबर और इब्राहम लोदी के बीच हुवा था जिसमें बाबर विजय हुवा था
मुग़ल वंश का शाशक:- बाबर – हुमायु – अकबर – जहाँगीर – शाहजहाँ – औरंगजेब
आधुनिक भारत का इतिहास
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आधुनिक भारत:– ब्रिटिश साम्राज्य का भारत में आगमन व्यपार की दृष्टिकोण से ब्रिटिश कंपनी भारत आया था भारत का शासन तंत्र और राजाओ में मत भेद को देख कर अंग्रेजो ने अपना व्यपार का जल बिछाना शुरू कर दिया और फिर धीरे धीरे कई राजाओं को लोभ देकर अपना अधीन कर लिया और फिर अपना हुकूमत का इक्का मजबूत करने लगा कुछ ही समय में भारत की कई रियासतों पर अपना कब्ज़ा कर लिया और फिर ब्रिटिश इंडिया का नींव रखा और फिर बुरे भारत पर अपना कब्ज़ा कर लिया इस प्रकार लोग ब्रिटिश सरकार के अधीन हो गया ब्रिटिश सरकार का कानून व्यवस्था बहुत ही कठोर था जिसकी वजह से लोग ब्रिटिश सरकार के खिलाफ जाने से डरते थे
1857 का क्रांति:- पहली बार ब्रिटिश सरकार के खिलाफ जन क्रांति हुई जिनकी शुरुआत मंगल पांडेय ने किया था और फिर उन्हें फांसी दे दिया गया और फिर उसके बाद जान क्रांति का लहार धीरे धीरे तेज होने लगा भारत को अंग्रजो के गुलामी से मुक्त करने के लिए कई सारे आंदोलन हुवे लोग ने इस आंदोलन में बढ़ चढ़ का हिस्सा लिया अनेको क्रांतिकारिओं को जान देकर इसकी कीमत चुकानी पारी
मंगल पांडेय से शुरू हुई क्रांति देश के तमाम हिस्सों में इसकी लहर तेज हो गई नाना साहेब , वीरकुंवर सिंह , राणीलक्षमीबाई जैसे अनेकों क्रांतिकारियों ने आंदोलन को आगे बढ़ाया फिर लाला राजपत राय , बालगंगाधर तिलक,भगत सिंह,चंद्रशेखर आजाद,सुभाष चंद्रबोस,बापू महात्मा गांधी ,ऐसे अनेकों महान क्रांति करियो के एक महान बलिदान के बाद भारत को 1947 में आजादी मिली
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