MP News: बुधवार को पेश किए गए मध्यप्रदेश सरकार के बजट में सरकारी कर्मचारियों के पेंशन से जुड़े मामलों पर बड़ा फैसला लिया गया है। बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि प्रदेश में यूनीफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा।
आपको बता दें वर्तमान में राज्य के लगभग 4 लाख 60 हजार कर्मचारी नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत आते हैं। इनमें से अधिकांश कर्मचारी लंबे समय से ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन अब यूपीएस का विकल्प पेश किया गया है जिसे लागू करने के लिए समय सीमा निर्धारित की जाएगी। खास बात यह है कि केंद्र सरकार पहले ही 1 अप्रैल 2025 से केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूपीएस लागू करने का ऐलान कर चुकी है।
सरकार के नए प्लान के अनुसार कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस में से किसी एक योजना को चुनने का अवसर दिया जाएगा। कर्मचारी अपनी जरूरत और सहूलियत के हिसाब से इनमें से किसी भी योजना का चुनाव कर सकते हैं। हालांकि, कर्मचारी संगठनों का मानना है कि यूपीएस वास्तव में एनपीएस का ही एक बदला हुआ रूप है।
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कर्मचारी संगठनों का यह भी कहना है कि ओपीएस के तहत रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होती है, जबकि एनपीएस और यूपीएस जैसे मॉडल में पेंशन का लाभ बाज़ार की स्थितियों पर निर्भर करता है। इससे कर्मचारी अपनी भविष्य की स्थिरता को लेकर आशंकित हैं। अब यह देखना होगा कि यूपीएस की प्रक्रिया कब तक पूरी होती है और यह कर्मचारियों की मांगों को कितनी हद तक संतुष्ट कर पाती है।
इस बजट से उम्मीद है कि सरकार एक संतुलित समाधान लेकर आएगी जो कर्मचारियों के हितों और प्रदेश की वित्तीय स्थिति को समान रूप से साध सके।