मध्य प्रदेश की खेल राजधानी इंदौर एक बार फिर राष्ट्रीय खेल आयोजन का गवाह बनी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज इंदौर के गोल्डन इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित 7वें नेशनल रैंकिंग पिकलबॉल टूर्नामेंट–2025 में शिरकत की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने न केवल खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया, बल्कि खुद भी खेल की बारीकियों को समझा। यह टूर्नामेंट देश भर के शीर्ष पिकलबॉल खिलाड़ियों के लिए अपनी रैंकिंग सुधारने और अपनी प्रतिभा दिखाने का एक बड़ा मंच बनकर उभरा है। सीएम के इस दौरे ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार पारंपरिक खेलों के साथ-साथ नए दौर के आधुनिक खेलों को भी पूरा प्रोत्साहन दे रही है।
क्या है पिकलबॉल और क्यों बढ़ रहा है इसका क्रेज?
पिकलबॉल एक ऐसा खेल है जो टेनिस, बैडमिंटन और टेबल टेनिस का मिश्रण है। पिछले कुछ वर्षों में भारत और विशेषकर मध्य प्रदेश के शहरी इलाकों में इसका क्रेज तेजी से बढ़ा है।
खेलने का तरीका: इसे एक छोटे कोर्ट पर पैडल और एक छेद वाली प्लास्टिक की गेंद (Wiffle Ball) के साथ खेला जाता है।
हर उम्र के लिए: यह खेल बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी के लिए सुलभ है, जिसके कारण यह तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
नेशनल रैंकिंग का महत्व: इंदौर में हो रहा यह 7वां टूर्नामेंट खिलाड़ियों की नेशनल रैंकिंग तय करेगा, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल सकता है।
सीएम मोहन यादव का संबोधन: “MP बनेगा खेलों का हब”
टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश की धरती अब अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करने के लिए पूरी तरह सक्षम है।
मुख्यमंत्री की मुख्य बातें:
बुनियादी ढांचा: राज्य सरकार हर जिले में आधुनिक खेल परिसर और सिंथेटिक कोर्ट बनाने पर ध्यान दे रही है।
खिलाड़ियों को प्रोत्साहन: सीएम ने भरोसा दिलाया कि नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर पदक जीतने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों और छात्रवृत्ति में प्राथमिकता दी जाएगी।
इंदौर की भूमिका: मुख्यमंत्री ने इंदौर को खेलों के आयोजन के लिए देश का सबसे आदर्श शहर बताया।
आम आदमी और युवा खिलाड़ियों पर असर
जब मुख्यमंत्री जैसे बड़े पद पर बैठा व्यक्ति किसी नए खेल के कार्यक्रम में शामिल होता है, तो उसका सीधा असर खेल के प्रति सामाजिक नजरिए पर पड़ता है।
नया करियर विकल्प: अब तक युवा केवल क्रिकेट या फुटबॉल को करियर मानते थे, लेकिन पिकलबॉल जैसे खेलों में मिल रहे राष्ट्रीय मंच से युवाओं को नए अवसर दिख रहे हैं।
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता: इस तरह के आयोजन स्थानीय लोगों को फिटनेस के प्रति प्रेरित करते हैं।
आर्थिक लाभ: नेशनल टूर्नामेंट के कारण इंदौर के होटल, टूरिज्म और स्पोर्ट्स गुड्स इंडस्ट्री को भी अच्छा बढ़ावा मिलता है।
एक्सपर्ट की राय: मालवा में स्पोर्ट्स टूरिज्म
खेल विशेषज्ञों का मानना है कि इंदौर में लगातार हो रहे नेशनल टूर्नामेंट्स से ‘स्पोर्ट्स टूरिज्म’ को बल मिल रहा है। गोल्डन इंटरनेशनल स्कूल जैसे संस्थानों में ऐसे आयोजन होने से स्कूली बच्चों में छोटी उम्र से ही खेलों के प्रति रुचि पैदा होती है।
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FAQ: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. इंदौर में 7वां नेशनल रैंकिंग पिकलबॉल टूर्नामेंट कहाँ आयोजित हुआ? उत्तर: यह टूर्नामेंट इंदौर के प्रसिद्ध गोल्डन इंटरनेशनल स्कूल के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित किया गया।
Q2. पिकलबॉल खेल किन खेलों का मिश्रण है? उत्तर: पिकलबॉल मुख्य रूप से टेनिस, बैडमिंटन और टेबल टेनिस की तकनीकों का एक अनोखा मेल है।
Q3. मध्य प्रदेश सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए क्या कर रही है? उत्तर: सरकार ‘खेलो एमपी’ जैसे आयोजनों के माध्यम से ग्रामीण प्रतिभाओं को खोज रही है और पदक विजेताओं को सीधे सरकारी पदों पर नियुक्ति और आर्थिक मदद प्रदान कर रही है।
निष्कर्ष (Conclusion)
7वें नेशनल रैंकिंग पिकलबॉल टूर्नामेंट में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति ने यह संदेश दिया है कि मध्य प्रदेश अब खेलों की दुनिया में एक ‘पावरहाउस’ बनने की राह पर है। इंदौर ने एक बार फिर साबित किया है कि वह केवल स्वच्छता में ही नहीं, बल्कि खेल आयोजनों की मेजबानी में भी नंबर वन है। ऐसे आयोजनों से न केवल खेल का स्तर सुधरेगा, बल्कि प्रदेश के खिलाड़ियों को वैश्विक पहचान भी मिलेगी।









