Ladli Behna Yojana: मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना की 31वीं किस्त दिसंबर में आने वाली है। इस बार, मध्य प्रदेश सरकार ने 1,250 रुपये की जगह 1,500 रुपये मासिक राशि देने का ऐलान किया है। साथ ही, उन महिलाओँ को हर महीने अतिरिक्त 5,000 रुपये दिए जाने की घोषणा भी हुई है। लेकिन यह अतिरिक्त राशि सिर्फ उन महिलाओं के लिए है जो किसी फैक्ट्री या उद्योग में नियमित नौकरी करती हैं।
लाड़ली बहना योजना के इस अपडेट ने मध्य प्रदेश की लाखों बहनों में नई उम्मीद जगाई है, खासकर उन महिलाओं में जो लाड़ली बहना योजना का लाभ उठा रही हैं, और रोज़गार और आत्मनिर्भरता दोनों की तलाश में हैं।
लाड़ली बहना योजना में राशि, पात्रता और नई शर्तें
पहले लाड़ली बहना योजना के तहत मासिक सहायता राशि 1,000 रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 1,250 रुपये किया गया और अब 1,500 रुपये किया जा रहा है।
लेकिन सबसे बड़ा बदलाव यह है कि जिन महिलाओं ने नौकरी की है, यानी किसी फैक्ट्री या मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में वेतनभोगी कर्मचारी हैं। उनके लिए अब हर महीने 5,000 रुपये अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा। यानी, अगर एक महिला नियमित वेतन ले रही है, तो उसे मासिक 1,500 + 5,000 = 6,500 रुपये मिल सकते हैं।
साथ ही, 31वीं किस्त लाड़ली बहना योजना की पंजीकृत लाभार्थी महिलाओं के बैंक खाते में डीबीटी के ज़रिए भेजी जाएगी। इसके लिए उनकी उम्र 60 साल से कम होनी चाहिए, और बैंक व ई-केवाईसी विवरण सही होना चाहिए।
लाड़ली बहना योजना की राशि में लगातार बढ़ोत्तरी
मध्य प्रदेश सरकार का दावा है कि यह बदलाव महिलाओं को सिर्फ नकद सहायता नहीं, बल्कि रोजगार के साथ आर्थिक सम्मान देना है।
मध्य प्रदेश सरकार चाहती है कि महिलाएं सिर्फ आर्थिक रूप से निर्भर न रहें, बल्कि काम कर के आत्मनिर्भर बनें। इस नई पहल से फैक्ट्रियों में महिलाओं को रखने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। जिससे सामाजिक और आर्थिक रूप से दोनों मोर्चों पर बदलाव की उम्मीद है।
इसके साथ ही, महंगाई और रोज़मर्रा खर्च बढ़ते जा रहे हैं। स्थिर नकद सहायता (1,500 रुपये) कई परिवारों के लिए पर्याप्त नहीं थी। 5,000 रुपये का अतिरिक्त पैकेज उन महिलाओं के लिए राहत साबित हो सकता है, जो नौकरी के साथ घर–परिवार संभाल रही हैं।
लाड़ली बहना योजना को लेकर महिलाओं की राय
गाँवों और कस्बों में रहने वाली कई महिलाएं इस घोषणा से उत्साहित नजर आ रही हैं। एक महिला ने कहा, “सरकार ने मेरे लिए सिर्फ मदद नहीं, मेहनत करने की बात की है — अब मुझे नौकरी करके अपने पैरों पर खड़ा होने का मौका मिला है।”
लेकिन कुछ महिलाओं में संशय भी है। कई कह रही हैं कि सब ठीक से चलना चाहिए — न सिर्फ घोषणा, बल्कि वाजिब वेतन, ईमानदार फैक्ट्री गारंटी और समय पर 5,000 रुपये की गारंटी जरूरी है।
मैं उदय पटेल, मेरी राय है कि यह घोषणा सकारात्मक दिशा में एक कदम है। लेकिन इस पर असर तभी दिखेगा जब औद्योगिक इकाइयों में महिलाओं की स्थायी भर्ती होगी, और 5,000 रुपये जैसी अतिरिक्त राशि वाजिब तरीके से नियमित रूप से दी जाएगी।
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आगे क्या देखने को मिल सकता है
अगर यह योजना सुचारू रूप से लागू होती है, तो आने वाले महीनों में मध्य प्रदेश में महिला रोजगार दर बढ़ सकती है। इससे सिर्फ महिलाओं की आर्थिक स्थिति नहीं सुधरेगी, बल्कि उनके परिवारों की स्थिरता भी बनेगी।
लेकिन सफल होने के लिए ज़रूरी है कि सरकार, उद्योग विभाग और श्रम विभाग मिलकर इस पहल को पारदर्शी और स्थायी बनाएं।
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