मध्य प्रदेश के किसानों के लिए अब खेती और आसान बन जाएगी। सरकार ने ई‑कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर 5 जुलाई 2025 से ‘हैप्पी, सुपर और स्मार्ट सीडर’ जैसे आधुनिक मशीनों पर सब्सिडी हेतु आवेदन शुरू कर दिए हैं। इससे किसानों को इन उपकरणों को सस्ती दर पर खरीदने का मौका मिलेगा और खेती की लागत घटेगी।
कृषि यंत्र सब्सिडी के लिए ऐसे करें आवेदन
सरकार ने इसकी सुविधा ई‑कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर उपलब्ध कराई है। इच्छुक किसान ‘farmer.mpdage.org’ पर जाएं, ‘अनुदान हेतु आवेदन करें’ बटन पर क्लिक करें, फिर नवीन पंजीकरण + बायोमेट्रिक सत्यापन से किसान को आधार व बैंक विवरण देना होगा।
आवेदन के साथ 4,500 रुपये का Demand Draft सहायक कृषि यंत्री के नाम बनाकर जमा करना भी अनिवार्य है। और यह राशि नहीं देने पर आवेदन स्वीकार नहीं होगा।
आवेदकों में से चयन लॉटरी प्रक्रिया से होगा, और चुने गए किसानों को ही सब्सिडी में राहत मिलेगी। चयन न होने पर जमा राशि वापस कर दी जाएगी।
इन सभी कृषि यंत्रों पर मिलेगी सब्सिडी
सरकार ने विभिन्न कृषि यंत्रों पर सब्सिडी देने की योजना बनाई है जिसमें कुछ बड़े कृषि यंत्रों की सूची आप नीचे देख सकते हैं।
हैप्पी सीडर
सुपर सीडर
स्मार्ट सीडर
- ट्रैक्टर
हर यंत्र के लिए किसान को 4,500 रुपये का ड्राफ्ट जमा करना होगा। चयनित होने पर उस राशि में से ये सब्सिडी कटकर भुगतान की जाती है।
अन्य राज्यों और UT के किसानों की जानकारी
अगर आप मध्य प्रदेश के बाहर अन्य राज्य जैसे अंडमान-निकोबार में हैं, तो आपको कृषि यंत्रों में सब्सिडी लेने के लिए केंद्र सरकार के services.india.gov.in पोर्टल में जाना होगा। इसके बाद “Apply for subsidy on purchase of power tiller/tractor/farm machineries” सेवा में आवेदन करना होगा।
इसमें ‘Register’ करके नाम, मोबाइल, आधार डालकर खुद पंजीकरण करना होगा। इसके बाद इस पोर्टल पर भी आवेदन, दस्तावेज़ अपलोड और सब्सिडी का लाभ उठाना संभव है।
सब्सिडी योजना से किसानों को मिलेगा लाभ
आधुनिक कृषि उपकरण कम दर पर, जिससे खेती में समय और लागत की बचत।
जैविक स्थलीय बचेगी क्योंकि हैप्पी/सुपर/स्मार्ट सीडर फसलों की उपज बढ़ाते हैं।
पारदर्शी लॉटरी प्रणाली, किसी भी भ्रष्टाचार की गुंज़ाइश नहीं।
सभी प्रक्रिया ऑनलाइन, CSC या ई‑मित्र केंद्र पर सहायता उपलब्ध।
कृषि यंत्रों पर सब्सिडी देने की यह योजना किसानों को बहुत पसंद आ रही है। स्थानिक किसानों ने इस पहल का स्वागत किया है। मंडला के एक किसान कहते हैं: “हैप्पी सीडर पर सब्सिडी से फसल जल्दी और बेहतर होगी, लागत भी कम होगी।” दूसरी ओर महिलाएं भी कहती हैं कि डिजिटल पोर्टल से लेकर लॉटरी प्रणाली तक यह एक पारदर्शी बदलाव है।
मैं उदय पटेल एक लेखक और अपना कल न्यूज़ का संपादक होने के नाते मुझे लगता है यह योजना किसानों को खेती में तकनीकी समावेश की ओर बढ़ने में मदद करेगी। सब्सिडी के साथ ई-गवर्नेंस और लॉटरी-आधारित चयन प्रक्रिया इससे भरपूर पारदर्शिता आती है। यदि आवेदन शुल्क (DD) की व्यवस्था सरल की जाए तो छोटे किसानों के लिए उपयोग और भी आसान बन सकती है।
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आपके लिए क्या करना है?
अगर आप मध्य प्रदेश में हैं तो 5 जुलाई से पोर्टल पर आवेदन शुरू हो चुके हैं।
अंडमान-निकोबार या अन्य राज्यों में हैं तो services.india.gov.in पर रजिस्टर करें।
किसी भी परेशानी का सामना करें तो ई-मित्र/CSC केंद्र पहुंचें और आवेदन प्रक्रिया पूरी करें।
आपकी राय हमारे लिए मायने रखती है, क्या यह योजना वास्तव में किसान की मदद करेगी? नीचे कमेंट करके जरूर बताएं। और ऐसी सरकारी योजनाओं और मध्य प्रदेश से जुडी ख़बरों के लिए अपना कल के साथ जुड़े रहें।
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