MP News: मध्य प्रदेश के रतलाम में हुए ‘राइज-2025 कॉन्क्लेव’ ने प्रदेश की तस्वीर बदलने की शुरुआत कर दी है। एमएसएमई दिवस पर हुए इस आयोजन में 30,000 करोड़ से ज़्यादा के निवेश प्रस्ताव बड़ी कंपनियों से मिले है, जिससे 35,000 से ज्यादा रोजगार के मौके बनेंगे। बड़ी-बड़ी कंपनियों के इस भरोसे से युवा भी अब भविष्य और रोजगार को लेकर खुश हैं।
रतलाम बना नया उद्योग हब
सेंव, साड़ी और सोने के लिए मशहूर रतलाम अब स्किल, स्टार्टअप और स्केल का केंद्र बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी की मौजूदगी में आयोजित इस कॉन्क्लेव ने साबित कर दिया कि मध्य प्रदेश अब सिर्फ पारंपरिक पहचान से आगे बढ़कर एक औद्योगिक शक्ति बनने को तैयार है।
यह आयोजन सिर्फ भाषणों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बड़े स्तर पर निवेश प्रस्ताव सामने आए, जिनमें रतलाम, धार, उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर, नीमच जैसे ज़िलों को शामिल किया गया है।
देखें किन कंपनियों ने किया निवेश
मध्य प्रदेश के रतलाम में हुए ‘राइज-2025 कॉन्क्लेव में कई बड़ी कंपनियों ने करोड़ों का निवेश करने की मंशा जताई है। जैसे – एसआरएफ ने 9200 करोड़, जैक्सन ग्रुप ने 6000 करोड़ और ओरियाना पॉवर ने 5000 करोड़ के प्रस्ताव दिए हैं। इन तीन कंपनियों से ही करीब 21,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
इसके अलावा, शक्तिपंप, बीबा फैशन, और अमीटेक्स एग्रो जैसी कंपनियों ने छोटे ज़िलों में निवेश कर वहां के युवाओं को काम के मौके देने की पहल की है। इसका मतलब है कि अब रोजगार के लिए अब महानगरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
एमएसएमई और स्टार्टअप्स को भी मिली उड़ान
वालमार्ट और एमएसएमई विभाग के बीच हुए एमओयू से छोटे उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच मिलने वाली है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ऐलान किया कि नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने वाली एमएसएमई इकाइयों को 20% तक सब्सिडी दी जाएगी। इसके साथ ही स्वरोजगार को बढ़ावा देते हुए 4 लाख से ज़्यादा हितग्राहियों को एक क्लिक में 3861 करोड़ रुपये लोन दिए गए। रतलाम की प्रिया जैन जैसी महिला उद्यमियों को 30 लाख तक की सहायता भी मिली।
आधारभूत ढांचे को भी मिल रहा है बढ़ावा
औद्योगिक विकास के साथ-साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी मज़बूत किया जा रहा है। और इसी क्रम ने रतलाम में हवाई पट्टी का ऐलान, सेमरी कांकड़ जैसे औद्योगिक क्षेत्रों का भूमिपूजन, और नए क्लस्टर्स का निर्माण हुआ। ये सभी फैसले दिखाते हैं कि मध्य प्रदेश एक संगठित विकास योजना पर काम कर रहा है।
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मध्य प्रदेश की जनता भी इन फैसलों से खुश नजर आ रही है। लोगों में इसे लेकर जबरदस्त उत्साह है। सोशल मीडिया पर युवा इसे ‘विकास की असली तस्वीर’ कह रहे हैं। स्थानीय व्यापारी मानते हैं कि अगर ये प्रस्ताव जमीनी हकीकत में बदलते हैं, तो उन्हें न सिर्फ रोज़गार मिलेगा, बल्कि उनके बच्चों को भी अपने शहर में ही उज्ज्वल भविष्य दिखेगा।
हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि पहले भी ऐसे प्रस्ताव आए लेकिन पूरी तरह लागू नहीं हो सके। अब सरकार की असली परीक्षा इन वादों को पूरा करने में होगी।
एमपी में इस तरह के निवेश और योजनाएं मध्य प्रदेश की तस्वीर और तक़दीर दोनों बदल सकती हैं। अगर यह सब वादा नहीं, एक्शन साबित हुआ तो युवाओं को पलायन की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
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Sonu Kushwah
Thanks very nice blog!