मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज 26 जून को जबलपुर दौरे में हैं और यहाँ वे कई सौगातें देने जा रहे है। जबलपुर में जहां किसानों के लिए प्राकृतिक खेती पर चौपाल लगेगी, वहीं ग्वालियर से बेंगलुरु के लिए एक नई ट्रेन सेवा का शुभारंभ भी होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के इस दौरे में खेती, लोकतंत्र और कनेक्टिविटी तीनों पर बड़ा संदेश देने जा रहे हैं। आइए जानते हैं आज उनके किन-किन कार्यक्रमों पर सबकी नजर टिकी है।
भोपाल में लोकतंत्र सेनानी सम्मेलन
आज सुबह 11 बजे भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास में “लोकतंत्र सेनानी सम्मेलन” का आयोजन हुआ। इस खास मौके पर प्रदेशभर से मीसाबंदी (आपातकाल में जेल गए लोकतंत्र सेनानी) पहुंचे और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उन्हें सम्मानित किया।
1975 की आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर आयोजित इस कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव जी ने लोकतंत्र की रक्षा में दिए गए संघर्ष और बलिदान को याद करते हुए कहा, “देश ने जो कुछ भी सीखा है, वह इन सेनानियों के त्याग और हिम्मत का नतीजा है।”
जबलपुर में ‘प्राकृतिक खेती चौपाल’ – किसानों से सीधा संवाद
सीएम मोहन यादव यादव का आज अगला कार्यक्रम जबलपुर में है, जहां दोपहर 1:30 बजे वे लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह पहुंचेंगे। इसके बाद दोपहर 2:00 बजे मानस भवन, राइट टाउन में ‘प्राकृतिक खेती चौपाल’ कार्यक्रम में शामिल होंगे।
यह कार्यक्रम खासतौर पर किसानों को जैविक और प्राकृतिक खेती के लिए जागरूक करने के लिए रखा गया है।
यह सब कार्यक्रम और किसानों को आगे बढ़ाना इस लिए जरुरी है क्योंकि अब समय है कि किसान प्रकृति के साथ कदम मिलाकर चलें। कम लागत, बेहतर उत्पादन और मिट्टी की सेहत को ध्यान में रखकर खेती करें। अब तक इस का कुछ सफल किसानों ने अपने अनुभव भी साझा किए और नई तकनीकों पर भी चर्चा हुई।
ग्वालियर से बेंगलुरु के बीच सीधी ट्रेन
सीएम मोहन यादव जी आज एक बड़ी सौगात भी देंगे। ग्वालियर से बेंगलुरु को जोड़ने वाली नई ट्रेन सेवा की शुरुआत होगी। लगभग दोपहर 3:25 बजे जबलपुर के स्मार्ट सिटी कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 11086/11085 ग्वालियर-बेंगलुरु एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई जाएगी।
यह ट्रेन मध्यप्रदेश के ग्वालियर से कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के SMVT स्टेशन तक यात्रियों को सीधे पहुंचाएगी।
इससे उन हज़ारों युवाओं और कामकाजी लोगों को राहत मिलेगी जो नौकरी, पढ़ाई या व्यापार के लिए बेंगलुरु जाते हैं।
रेल मंत्रालय और राज्य सरकार के इस संयुक्त प्रयास को ‘कनेक्टिविटी क्रांति’ माना जा रहा है।
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मेरे अनुसार सीएम मोहन यादव का ये दौरा सिर्फ सरकारी कार्यक्रमों की खानापूरी नहीं है, बल्कि एक रणनीतिक संदेश भी है। और इससे यह लगता है कि खेती, लोकतंत्र और विकास तीनों साथ चल सकते हैं।
जहां एक ओर लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान देकर सरकार ने मूल्यों की रक्षा का संकेत दिया, वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक खेती और बेंगलुरु ट्रेन जैसे कार्यक्रमों से आम जनता के जीवन से सीधा जुड़ाव दिखाया। अब तक हमने देखा की राजनीति में अक्सर घोषणाएं होती हैं, लेकिन अब हम सभी योजनाओं और परियोजनाओं को जमीनी स्तर में लागु होते देख रहे हैं।
आप सीएम मोहन यादव के इस दौरे को कैसे देखते हैं? क्या ग्वालियर-बेंगलुरु ट्रेन आपकी जिंदगी को आसान बनाएगी?
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